हमीरपुर: जिला मजिस्ट्रेट ने शुक्रवार को एक मामले में जब फैसला सुनाया और आदेश अधिवक्ताओं के हाथ में सौंपा तो सभी हैरत में पड़ गए. जिला मजिस्ट्रेट ने जिस फैसले को पढ़कर सुनाया या जो आदेश टाइप कराया वह हिंदी या अंग्रेजी में नहीं बल्कि वह संस्कृत में था. मजिस्ट्रेट द्वारा संस्कृत में दिए गए फैसले को ज्यादातर लोग समझ भी नहीं सके और इसे ट्रांसलेट कराते दिखाई दिए.
जिला मजिस्ट्रेट की अदालत (District Magistrate Court) में राठ तहसील क्षेत्र में कुम्हारिया के रहने वाले अनुसूचित जाति के किसान करण सिंह ने जमीन बेचने की अनुमति मांगी थी, जिसपर सुनवाई करते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने आज जब फैसला सुनाया तो ज्यादातर लोगों को फैसला समझ में नहीं आया, क्योंकि जो फैसला जिला मजिस्ट्रेट पढ़कर सुना रहे थे वह हिंदी या अंग्रेजी में नहीं था बल्कि संस्कृत में था. फिलहाल जिला मजिस्ट्रेट की इस नई पहल की लोग तारीफ करते दिखाई दे रहे हैं.
हमीरपुर के जिला मजिस्ट्रेट डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी ने संस्कृत से पीएचडी की है. इसी के चलते आज उन्होंने संस्कृत का प्रयोग करते हुए संस्कृत भाषा में ऑर्डर किया है. संस्कृत भाषा में यह आर्डर प्रदेश में पहली बार किया गया है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.