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हमीरपुर: भुगतान होने के बाद भी अधूरा पड़ा है श्मशान का निर्माण कार्य

शहर में श्मशान घाट के निर्माण में 3500 स्क्वॉयर मीटर टीन शेड के कार्य के लिए 64 लाख का भुगतान कर दिया गया था. जबकि मौके पर कार्यदायी संस्था द्वारा घटिया किस्म के टीन शेड लगाए गए. इसी तरह श्मशान घाट की चारदीवारी हाथी पांव के साथ बनाई जानी थी. लेकिन कार्यदायी संस्था ने उसका निर्माण भी नहीं कराया.

अधूरा पड़ा है श्मशान का निर्माण
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Published : Jul 1, 2019, 11:28 PM IST

हमीरपुर: जिले की सरीला नगर पंचायत में एक और घोटाला सामने आया है. यहां सरकारी खजाने से श्मशान घाट के निर्माण के नाम पर भुगतान तो पूरा ले लिया गया लेकिन निर्माण कार्य को अधूरा ही छोड़ दिया. यह मामला नगर पंचायत के निवासियों ने उठाया और जिलाधिकारी से शिकायत की. जिस पर जिलाधिकारी ने बंदरबाट की जांच तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा कराने के आदेश दिए. लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के बाद जिम्मेदार अधिकारी जांच करने को लेकर गंभीर नहीं हैं.

नगर पंचायत सरीला

श्मशान घाट के निर्माण के नाम पर बंदरबांट का आरोप:

  • आरटीआर्ई कार्यकर्ता चरण सिंह ने बताया कि सपा शासन काल के दौरान श्मशान घाट के निर्माण कार्य में नियमों का उल्लंघन किया गया.
  • चरण बताते हैं कि श्मशान घाट के भीतर 600 स्क्वायर मीटर इंटरलॉकिग के नाम पर 23 लाख से अधिक का भुगतान नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा कर दिया गया.
  • कार्यदायी संस्था द्वारा घटिया किस्म के टीन शेड लगाए.
  • चरन बताते हैं कि सरकारी बंदरबाट में नगर पंचायत के कर्मचारियों की मिलीभगत है.
  • जिस कारण उन्हें आरटीआई द्वारा सूचना मांगने के बाद भी नहीं उपलब्ध कराई जाती.
  • जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था.

श्मशान घाट के निर्माण में 3500 स्क्वॉयर मीटर टीनशेड के कार्य के लिए 64 लाख का भुगतान कर दिया , जबकि मौके पर कार्यदायी संस्था द्वारा धटिया किस्म के टीनशेड लगाए गए. सपा शासन काल के दौरान श्मशान घाट के निर्माण कार्य में तमाम नियमों का उल्लंघन किया गया और खूब जमकर सरकारी धन की बंदरबाट की गई.

चरण सिंह, आरटीआई कार्यकर्ता

हमीरपुर: जिले की सरीला नगर पंचायत में एक और घोटाला सामने आया है. यहां सरकारी खजाने से श्मशान घाट के निर्माण के नाम पर भुगतान तो पूरा ले लिया गया लेकिन निर्माण कार्य को अधूरा ही छोड़ दिया. यह मामला नगर पंचायत के निवासियों ने उठाया और जिलाधिकारी से शिकायत की. जिस पर जिलाधिकारी ने बंदरबाट की जांच तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा कराने के आदेश दिए. लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के बाद जिम्मेदार अधिकारी जांच करने को लेकर गंभीर नहीं हैं.

नगर पंचायत सरीला

श्मशान घाट के निर्माण के नाम पर बंदरबांट का आरोप:

  • आरटीआर्ई कार्यकर्ता चरण सिंह ने बताया कि सपा शासन काल के दौरान श्मशान घाट के निर्माण कार्य में नियमों का उल्लंघन किया गया.
  • चरण बताते हैं कि श्मशान घाट के भीतर 600 स्क्वायर मीटर इंटरलॉकिग के नाम पर 23 लाख से अधिक का भुगतान नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा कर दिया गया.
  • कार्यदायी संस्था द्वारा घटिया किस्म के टीन शेड लगाए.
  • चरन बताते हैं कि सरकारी बंदरबाट में नगर पंचायत के कर्मचारियों की मिलीभगत है.
  • जिस कारण उन्हें आरटीआई द्वारा सूचना मांगने के बाद भी नहीं उपलब्ध कराई जाती.
  • जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था.

श्मशान घाट के निर्माण में 3500 स्क्वॉयर मीटर टीनशेड के कार्य के लिए 64 लाख का भुगतान कर दिया , जबकि मौके पर कार्यदायी संस्था द्वारा धटिया किस्म के टीनशेड लगाए गए. सपा शासन काल के दौरान श्मशान घाट के निर्माण कार्य में तमाम नियमों का उल्लंघन किया गया और खूब जमकर सरकारी धन की बंदरबाट की गई.

चरण सिंह, आरटीआई कार्यकर्ता

Intro: हो गया पूरा भुगतान फिर भी अधूरा पड़ा है श्मशान

 हमीरपुर। पूर्ववर्ती सपा सरकार के शासनकाल में जमकर अवैध खनन हुआ। जिसके पर्दाफाश के लिए सीबीआई की टीमें गाहे-बगाहे जिले में दस्तक देती रहती हैं। सत्ताशीर्ष से जुड़े लोगों की सरपरस्ती में हुई प्राकृतिक संपदा की बंदरबाट का मामला सुलझाना अब भी सीबीआई के लिए टेढ़ी खीर ही साबित हो रहा है। ऐसे में अखिलेश राज के दौरान जिले की सरीला नगर पंचायत में हुआ एक और घोटाला सामने आया है। यहां 'सरकारी खजाने के गिद्धोÓ ने श्मशान घाट के निर्माण के नाम पर भुगतान तो पूरा ले लिया गया लेकिन निर्माण कार्य को अधूरा ही छोड़ दिया। यह मामला नगर पंचायत के निवासियों ने उठाया और जिलाधिकारी से शिकायत की। जिस पर जिलाधिकारी ने बंदरबाट की जांच तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा कराने के आदेश दिए। लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के बाद जिम्मेदार अधिकारी जांच करने को लेकर गंभीर नहीं है।


Body:
स्थानीय निवासी व आरटीआर्ई कार्यकर्ता चरन सिंह ने बताया कि सपा शासन काल के दौरान श्मशान घाट के निर्माण कार्य में तमाम नियमों का उल्लंघन किया गया और खूब जमकर सरकारी धन की बंदरबाट की गई। आरटीआई से जुटाई जानकारी के आधार पर चरन बताते हैं कि श्मशान घाट के निर्माण के लिए टेंडर के समय जमा की जाने वाली जमानत व धरोहर राशि जमा किए बिना ही मेसर्स ज्योति कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स को 2 करोड़ 33 लाख की लागत से श्मशान घाट बनाने का काम दे दिया गया। चरन बताते हैं कि श्मशान घाट के भीतर 600  स्क्वायर मीटर इंटरलॉकिग के नाम पर 23 लाख से अधिक का भुगतान नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कर दिया गया जबकि श्मशान घाट में एक भी इंटरलॉकिंग नहीं लगाई गई। 
चरन कहते हैं कि श्मशान घाट के निर्माण में 3500 स्क्वॉयर मीटर टीनशेड के कार्य के लिए 64 लाख का भुगतान कर दिया  जबकि मौके पर कार्यदायी संस्था द्वारा धटिया किस्म के टीनशेड लगाए गए। इसी तरह श्मशान घाट की चारदीवारी हाथी पांव के साथ बनाई जानी जाती लेकिन कार्यदायी संस्था ने उसका निर्माण भी नहीं कराया। चरन बताते हैं कि सरकारी बंदरबाट में नगर पंचायत के कर्मचारियों की मिलीभगत है जिस कारण उन्हें आरटीआर्ई द्वारा सूचना मांगने के बाद भी नहीं उपलब्ध कराई जाती। 


Conclusion:
जांच के लिए बनी कमेटी फरमा रही आराम 

नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टïाचार की जांच कराने के लिए सरीला नगर वासियों के साथ चरन ङ्क्षसह ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें धांधली से अवगत कराया था। जिसके बाद इस सामूहिक भ्रष्टïाचार की जांच के लिए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में सरीला एसडीएम समेत अन्य दो लोग थे। 'ईटीवी भारतÓ ने सरीला एसडीएम जुबेर बेग से इस मामले पर जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि जांच के लिए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है वे कल मौके पर जाकर इसकी जांच करेंगे।

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नोट : पहली बाइट आरटीआई कार्यकर्ता चरन सिंह की व दूसरी एसडीएम सरीला जुबेर बेग की है।।


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