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हमीरपुर: अवैध खनन की जांच कर रही सीबीआई टीम ने 8वीं बार दी दस्तक, कारोबारियों में मचा हड़कंप - मौरंग माफिया के खिलाफ हमीरपुर में छापेमारी

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मंगलवार को सीबीआई की टीम ने मौरंग खनन मामले में कई जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान कई लोगों से पूछताछ भी की गई.

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सीबीआई टीम ने 8वीं बार दी दस्तक.
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Published : Feb 25, 2020, 10:29 PM IST

हमीरपुर: सपा-बसपा शासनकाल के दौरान जिले में हुए खनन की जांच के लिए सीबीआई टीम की आठवीं बार दस्तक से मौरंग कारोबारियों में हड़कंप मच गया. मंगलवार को सुबह से ही सीबीआई की टीम एक्शन मोड में नजर आई. टीम सबसे पहले जिला अधिकारी कार्यालय पहुंची. यहां खनिज विभाग के अधिकारियों से सपा-बसपा शासनकाल में आवंटित किए गए पट्टों के बारे में जानकारी हासिल की.

सीबीआई टीम ने दी दस्तक.
सीबीआई की टीम ने मौदहा कस्बे की तरफ भी रुख किया. मौदहा कस्बे के रागौल पोस्ट ऑफिस पहुंची. सीबीआई ने यहां करीब 20 मिनट रुककर कुछ दस्तावेज खंगाले और उन दस्तावेजों से कुछ खास चीजें नोट की, जिसके बाद सीबीआई की दो सदस्यीय टीम सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के गांव इमिलिया की तरफ निकली. यहां भी सीबीआई सीधे पोस्ट ऑफिस पहुंची और पोस्टमैन लक्ष्मी नारायण को बुलाकर किसी रजिस्टर्ड डाक से संबंधित पूछताछ की.

ये भी पढ़ें- रामपुर: बढ़ी आजम खान की मुश्किलें, कोर्ट में नहीं हुए पेश तो होगी कुर्की

दरअसल सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर 14 पट्टों को स्वीकृति दी गई थी. तत्कालीन जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने भी मौरंग के पट्टों को मंजूरी दी थी. वहीं तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के कार्यकाल में भी 49 मौरंग के पट्टे जारी हुए थे. इन्हीं पट्टों को आधार बनाकर प्रदेश के 22 जनपदों में मौरंग के अवैध पट्टे किए गए. हाईकोर्ट ने पट्टों को रद्द करने के साथ ही सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

2007 से 2017 के बीच हुए मौरंग के अवैध खनन को लेकर सीबीआई की जांच में अब तक आठ आईएएस एवं पूर्व खनिज मंत्री तथा राजनेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है. वहीं सीबीआई को अपनी जांच में वन विभाग की एनओसी ने भी बड़ा फर्जीवाड़ा मिला है.

हमीरपुर: सपा-बसपा शासनकाल के दौरान जिले में हुए खनन की जांच के लिए सीबीआई टीम की आठवीं बार दस्तक से मौरंग कारोबारियों में हड़कंप मच गया. मंगलवार को सुबह से ही सीबीआई की टीम एक्शन मोड में नजर आई. टीम सबसे पहले जिला अधिकारी कार्यालय पहुंची. यहां खनिज विभाग के अधिकारियों से सपा-बसपा शासनकाल में आवंटित किए गए पट्टों के बारे में जानकारी हासिल की.

सीबीआई टीम ने दी दस्तक.
सीबीआई की टीम ने मौदहा कस्बे की तरफ भी रुख किया. मौदहा कस्बे के रागौल पोस्ट ऑफिस पहुंची. सीबीआई ने यहां करीब 20 मिनट रुककर कुछ दस्तावेज खंगाले और उन दस्तावेजों से कुछ खास चीजें नोट की, जिसके बाद सीबीआई की दो सदस्यीय टीम सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के गांव इमिलिया की तरफ निकली. यहां भी सीबीआई सीधे पोस्ट ऑफिस पहुंची और पोस्टमैन लक्ष्मी नारायण को बुलाकर किसी रजिस्टर्ड डाक से संबंधित पूछताछ की.

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दरअसल सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर 14 पट्टों को स्वीकृति दी गई थी. तत्कालीन जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने भी मौरंग के पट्टों को मंजूरी दी थी. वहीं तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के कार्यकाल में भी 49 मौरंग के पट्टे जारी हुए थे. इन्हीं पट्टों को आधार बनाकर प्रदेश के 22 जनपदों में मौरंग के अवैध पट्टे किए गए. हाईकोर्ट ने पट्टों को रद्द करने के साथ ही सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

2007 से 2017 के बीच हुए मौरंग के अवैध खनन को लेकर सीबीआई की जांच में अब तक आठ आईएएस एवं पूर्व खनिज मंत्री तथा राजनेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है. वहीं सीबीआई को अपनी जांच में वन विभाग की एनओसी ने भी बड़ा फर्जीवाड़ा मिला है.

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