हमीरपुर: खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से जहां एक ओर संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल रही है. वहीं इस लॉकडाउन के चलते समस्याएं भी उत्पन्न होने लगी हैं. ताजा मामला मौदहा कस्बे से सामने आया है. यहां एक कैंसर से पीड़ित महिला को न इलाज मिल पा रहा है और न ही दवाएं, क्योंकि कानपुर के जेके कैंसर इंस्टिट्यूट की ओपीडी और यातायात के साधन बंद है.
कैंसर पीड़िता के पति संतोष गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी 60 वर्षीय कुसुम देवी कैंसर से पीड़ित हैं. जिनका इलाज कानपुर के जेके कैंसर इंस्टिट्यूट में लंबे वक्त से चल रहा है. वे बताते हैं कि कैंसर पीड़िता कुसुम की 23 सिकाई और दो कीमो हो चुके हैं. अब बड़ी सिकाई होनी थी, इससे पहले कोरोना के चलते सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बन्द हो गई. अब 21 दिनों के लॉकडाउन में यातायात के सभी साधन बंद हो जाने से कुसुम देवी बिना इलाज और दवाओं के घर में ही कैद हैं.
जिले के मौदहा कस्बे के रहने वाले संतोष गुप्ता मिठाई के डिब्बे बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उनकी सारी जमा पूंजी पत्नी के इलाज में खर्च हो चुके हैं. अब लॉकडाउन के चलते उनके बनाए मिठाई के डिब्बों की बिक्री बन्द हो गई है. नतीजतन संतोष के सामने खाने पीने का संकट पैदा हो गया है. कैंसर पीड़ित पत्नी का इलाज न हो पाना और मिठाई के डिब्बों की बिक्री बन्द हो जाने से वे दोहरी मार झेल रहे हैं.
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