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हमीरपुर: गरीब किसानों पर टूटा कहर, बैंक ने थमाया जमीन नीलामी का नोटिस - hamirpur news

एक नोटिस ने राम विशाल के आंखों की नींद उड़ा दी. जब राम विशाल को नोटिस मिला तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया, क्योंकि उन्हें पढ़ना नहीं आता. गांव के लोगों ने जब नोटिस पढ़कर राम विशाल को सुनाया तो उनके पैरों के नीचे की जमीन ही खिसक गयी. नोटिस में लिखा था कि राम विशाल के खेत नीलाम किये जाएंगे.

कर्ज के बोझ तले दबे किसानों पर खास रिपोर्ट
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Published : Jul 1, 2019, 11:04 PM IST

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के रहने वाले राम विशाल किसान हैं. और उन्होंने खेती के लिये बैंक से 70 हजार रुपये का लोन लिया था. वह लोन अब बढ़कर 1 लाख 29 हजार रुपये का हो चुका है. राम विशाल का कहना है कि सूखे की वजह से पिछले कई बरस से खेती चौपट हो चुकी है और इसी वजह से वो लोन नहीं चुका सके. राम विशाल कहते हैं कि वो आर्थिक तौर पर इस हद तक टूट चुके हैं कि अब लोन चुका पाना उनके वश की बात नहीं. उन्हें उम्मीद थी कि सरकार के कर्जमाफी के ऐलान के बाद उन्हें भी राहत मिलेगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका.

कर्ज के बोझ तले दबे किसानों पर खास रिपोर्ट
जब ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की शाखा हमीरपुर में 15, मौदहा में 14 और राठ में 12 किसानों पर 1 लाख से अधिक का कर्ज है. इस बारे में पूछे जाने पर बैंक मैनेजर रिजवान अहमद ने बताया कि शासन ने एक लाख रुपये से ऊपर के बकायेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. इसी प्रक्रिया के तहत इन किसानों की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार की कर्जमाफी योजना के दायरे में ये किसान नहीं आते.41 किसानों पर करीब 93 लाख रुपये बकाया हैं. बैंक ने नोटिस देकर नीलामी की बात कही है, तो वहीं किसान अपनी जमीन बचाने की गुहार लगा रहे हैं. अब देखना है कि इन किसानों की गुहार कोई सुनता है या फिर इनकी जमीन नीलाम होती है.

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के रहने वाले राम विशाल किसान हैं. और उन्होंने खेती के लिये बैंक से 70 हजार रुपये का लोन लिया था. वह लोन अब बढ़कर 1 लाख 29 हजार रुपये का हो चुका है. राम विशाल का कहना है कि सूखे की वजह से पिछले कई बरस से खेती चौपट हो चुकी है और इसी वजह से वो लोन नहीं चुका सके. राम विशाल कहते हैं कि वो आर्थिक तौर पर इस हद तक टूट चुके हैं कि अब लोन चुका पाना उनके वश की बात नहीं. उन्हें उम्मीद थी कि सरकार के कर्जमाफी के ऐलान के बाद उन्हें भी राहत मिलेगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका.

कर्ज के बोझ तले दबे किसानों पर खास रिपोर्ट
जब ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की शाखा हमीरपुर में 15, मौदहा में 14 और राठ में 12 किसानों पर 1 लाख से अधिक का कर्ज है. इस बारे में पूछे जाने पर बैंक मैनेजर रिजवान अहमद ने बताया कि शासन ने एक लाख रुपये से ऊपर के बकायेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. इसी प्रक्रिया के तहत इन किसानों की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार की कर्जमाफी योजना के दायरे में ये किसान नहीं आते.41 किसानों पर करीब 93 लाख रुपये बकाया हैं. बैंक ने नोटिस देकर नीलामी की बात कही है, तो वहीं किसान अपनी जमीन बचाने की गुहार लगा रहे हैं. अब देखना है कि इन किसानों की गुहार कोई सुनता है या फिर इनकी जमीन नीलाम होती है.
Intro:गरीब किसानों पर टूटा कहर, बैंक ने थमाया जमीन नीलामी का नोटिस

हमीरपुर। दशकों से दैवीय आपदाओं से जूझ रहे बुंदेलखंड के जिले हमीरपुर किसानों को बैंको और साहूकारों के कर्जों ने बुरी तरह से जकड़ रखा है, जिससे किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। लेकिन बेबसी और लाचारी का जीवन जी रहे इन किसानों के सामने आजकल एक और गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। इस समस्या ने इनकी रातों की नींद भी उड़ा दी है। जी हां... कठिन हालातों में खेती कर अन्न उगाने वाले किसानों की जमीन अब नीलाम होने जा रही है। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमटेड ने लोन न चुकाने वाले जिलेे के 41 किसानों को जमीन नीलाम किए जाने की नोटिस थमा दी है। बैंकों द्वारा जमीन नीलामी की नोटिस मिलने से कर्जमाफी की आस लगाए किसानों की सपने चकनाचूर हो गए हैं। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की शाखा हमीरपुर में 15 मौदहा में 14 और राठ में 12 किसानों पर एक लाख से अधिक का कर्जा है। लोन लेने के बाद इन्होंने आज तक किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया, जबकि बैंक इन्हें कई बार नोटिस भेज चुका है।


Body:खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले रामविशाल के घर जब बैंक का नोटिस पहुंचा तो जैसे उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा हो। नोटिस पढऩे में असमर्थ रामविशाल जब गांव के लोगों से नोटिस को पढ़वाया और नोटिस में खेती नीलामी की बात सुनकर वे सहम से गए। रामविशाल कहते हैं कि दो बच्चों और बूढ़ी मां का भरण पोषण वे इसी खेती के सहारे ही करते हैं। लेकिन कर्ज न चुका पाने के चलते बैंक उसे भी नीलाम करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि बैंक से 70 हजार लोन लिया जो अब बढ़कर एक लाख 29 हजार हो गया है। खेती जाने के गम में डूबे रामविशाल रुंधे हुए गले से कहते हैं कि सूखे के चलते कई वर्षों से खेती चौपट है जिस कारण वे लोन नहीं चुका सके और अब वे आर्थिक रूप से इतना टूट चुके हैं कि वे अब लोन चुका भी नहीं सकते। वे सरकार से कर्जमाफी की उम्मीद लगाए थे, लेकिन अब उनकी सारी उम्मीदें टूट गई हैं। 


Conclusion:इसलिए नीलाम हो रही है जमीन 

बैंक के प्रबन्धक रिजवान अहमद ने कहा कि शासन ने एक लाख रुपये से ऊपर के बकायेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत इन किसानों की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जो कर्जमाफी योजना लाई गई थी उसके दायरे में ये किसान नहीं आते। उन्होंने बताया कि कर्जमाफी के तहत शॉर्ट टर्म लोन माफ किए जाने थे जबकि इन किसानों ने लॉन्ग टर्म लोन ले रखा है। इस कारण इन किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया और बैंक का बकाया न चुकाने के कारण इनकी खेती नीलाम किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि इन 41 किसानों पर 93 लाख रूपये की बकायेदारी हैं। 

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नोट : पहली बाइट किसान रामविशाल की व दूसरी बाइट बैंक प्रबंधक रिजवान अहमद की है।
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