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28 साल पुराने दोहरे हत्याकांड मामले में 17 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा - एससी एसटी कोर्ट का फैसला

हमीरपुर के चकोठी गांव में 28 वर्ष पूर्व बर्चस्व को लेकर हुई दो दलित की हत्या के मामले में अदालत ने 17 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है.

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दोहरे हत्या कांड मामले में 17 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा
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Published : Sep 13, 2022, 10:59 PM IST

हमीरपुर: कुरारा थाना क्षेत्र के चकोठी गांव में 28 साल पूर्व एक पुरानी रंजिश के चलते गांव के दो लोगों को गोलियों से छलनी कर हत्या करने के मामले में 26 लोगों के खिलाफ हत्या और दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज हुआ था. मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) मोहम्मद असलम ने 17 हत्यारोपियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई. मुकदमा की सुनवाई के दौरान 5 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि लाला उर्फ ब्रजमोहन का वाद किशोर न्यायालाय बोर्ड में विचाराधीन है और तीन हत्यारोपित कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इस फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने न्यायालय पर विश्वास जताते हुए कहा कि हमें न्याय मिला है.

क्षेत्र के चकोठी गांवनिवासी मोतीलाल शंखवार और जसवंत अहिरवार की हत्या (Motilal Shankhwar and Jaswant Ahirwar murder) वर्ष 1994 में 16 मार्च को दिनदहाड़े हुई थी. इस मामले में मोतीलाल की पत्नी केश कली और जसवंत के भाई ने 25 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें तीन आरोपी नाबालिग के चलते रिहा गए थे और 5 लोगो की मौत हो चुकी है. आज 17 आरोपियों को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.

अदालत के फैसले पर मोतीलाल की पत्नी केश कली ने बताया कि प्रधानी के चुनाव में मेरे पति ने अपनी बिरादरी के एक लोग को चुनाव में खड़ा किया था. जिससे आरोपी रंजिश मानते थे. घटना के दिन मेरे पति बड़े पुत्र राकेश के साथ कुरारा जा रहे थे. इसी दौरान रिठारी गांव के पास उसकी हत्या कर दी थी. उस समय राकेश की उम्र 18 वर्ष थी. उनकी मौत के बाद मैनें बच्चों को पाल पोस कर बड़ा किया. मेरे तीन लड़के राकेश, संतोष, पीरू और लड़की सुमित्रा, शारदा, साधना, सरोज है. इनकी शादी की. खेती के नाम पर चार बीघा खेत है. राकेश दो बार गांव का ग्राम प्रधान रह चुका है. अब कस्बा कुरारा में आवास बनाकर रह रहा है. नयायालय के फैसले पर केशकली ने अदालत का धन्यवाद किया.

यह भी पढ़ें: UP: हमीरपुर में जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत में सुनाया फैसला

वही दूसरे मृतक जसवंत के बड़े भाई रमेश ने बताया कि मेरा भाई 22 वर्ष का था. उसकी शादी को तीन वर्ष हुए थे. एक बच्ची थी लड़का पेट में था. उसने बताया कि कुंआ से पानी भरकर घर गया था तो उसको घर में घुसकर मारा था. वह घोड़ा तांगा कुरारा में चलाता था. पत्नी शिवकुमारी और पुत्र बीरू दिल्ली में रहकर मजदूरी करते है. पुत्री रश्मि की शादी ही गयी है. उसने इस फैसले पर ईश्वर का विश्वास जताया है. कहा हम गरीब लोग किसी से लड़ने लायक नहीं है. अदालत का धन्यवाद दिया है.

हमीरपुर: कुरारा थाना क्षेत्र के चकोठी गांव में 28 साल पूर्व एक पुरानी रंजिश के चलते गांव के दो लोगों को गोलियों से छलनी कर हत्या करने के मामले में 26 लोगों के खिलाफ हत्या और दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज हुआ था. मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) मोहम्मद असलम ने 17 हत्यारोपियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई. मुकदमा की सुनवाई के दौरान 5 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि लाला उर्फ ब्रजमोहन का वाद किशोर न्यायालाय बोर्ड में विचाराधीन है और तीन हत्यारोपित कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इस फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने न्यायालय पर विश्वास जताते हुए कहा कि हमें न्याय मिला है.

क्षेत्र के चकोठी गांवनिवासी मोतीलाल शंखवार और जसवंत अहिरवार की हत्या (Motilal Shankhwar and Jaswant Ahirwar murder) वर्ष 1994 में 16 मार्च को दिनदहाड़े हुई थी. इस मामले में मोतीलाल की पत्नी केश कली और जसवंत के भाई ने 25 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें तीन आरोपी नाबालिग के चलते रिहा गए थे और 5 लोगो की मौत हो चुकी है. आज 17 आरोपियों को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.

अदालत के फैसले पर मोतीलाल की पत्नी केश कली ने बताया कि प्रधानी के चुनाव में मेरे पति ने अपनी बिरादरी के एक लोग को चुनाव में खड़ा किया था. जिससे आरोपी रंजिश मानते थे. घटना के दिन मेरे पति बड़े पुत्र राकेश के साथ कुरारा जा रहे थे. इसी दौरान रिठारी गांव के पास उसकी हत्या कर दी थी. उस समय राकेश की उम्र 18 वर्ष थी. उनकी मौत के बाद मैनें बच्चों को पाल पोस कर बड़ा किया. मेरे तीन लड़के राकेश, संतोष, पीरू और लड़की सुमित्रा, शारदा, साधना, सरोज है. इनकी शादी की. खेती के नाम पर चार बीघा खेत है. राकेश दो बार गांव का ग्राम प्रधान रह चुका है. अब कस्बा कुरारा में आवास बनाकर रह रहा है. नयायालय के फैसले पर केशकली ने अदालत का धन्यवाद किया.

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वही दूसरे मृतक जसवंत के बड़े भाई रमेश ने बताया कि मेरा भाई 22 वर्ष का था. उसकी शादी को तीन वर्ष हुए थे. एक बच्ची थी लड़का पेट में था. उसने बताया कि कुंआ से पानी भरकर घर गया था तो उसको घर में घुसकर मारा था. वह घोड़ा तांगा कुरारा में चलाता था. पत्नी शिवकुमारी और पुत्र बीरू दिल्ली में रहकर मजदूरी करते है. पुत्री रश्मि की शादी ही गयी है. उसने इस फैसले पर ईश्वर का विश्वास जताया है. कहा हम गरीब लोग किसी से लड़ने लायक नहीं है. अदालत का धन्यवाद दिया है.

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