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पीएम मोदी के मंच पर जीवंत होगा इंसेफेलाइटिस नियंत्रण पर 'योगी का सफल संघर्ष' - गोरखपुर का समाचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मंगलवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मंच से प्रदेश को करीब 4800 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दे रहे होंगे. तो उनके मंच पर इंसेफेलाइटिस नियंत्रण को लेकर सांसद से सीएम तक के सफर में योगी आदित्यनाथ का सफल संघर्ष भी जीवंत होगा.

इंसेफेलाइटिस नियंत्रण पर 'योगी का सफल संघर्ष'
इंसेफेलाइटिस नियंत्रण पर 'योगी का सफल संघर्ष'
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Published : Oct 4, 2021, 9:36 PM IST

गोरखपुरः जिले के नगर निगम की ओर से बनवाई गई इस डॉक्यूमेंट्री वीडियो में इंसेफेलाइटिस की शुरुआत, चरम और अब नियंत्रण को समाहित किया गया है. बात जब भी इसके नियंत्रण की होती है, तो योगी आदित्यनाथ का जिक्र सबके जेहन में अपने आप ही आ जाता है.

नगर निगम गोरखपुर ने डॉक्यूमेंट्री में यह दर्शाया है कि योगी सरकार ने किन उपायों से बच्चों की मौत का पर्याय रही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस की दस्तक 1977-78 में हुई. प्रतिवर्ष इसकी चपेट में आकर इस अंचल के 1200-1500 मासूम काल के गाल में समा जाते थे. 1998 में पहली बार सांसद चुने जाने के बाद से ही मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने तक योगी आदित्यनाथ देश की संसद में इस बीमारी के खिलाफ पूर्वांचल की आवाज बनते रहे हैं.

सिर्फ सदन ही नहीं, कई बार जेठ की तपती दोपहरी में सड़कों पर उतरकर हुक्मरानों की तंद्रा तोड़ने में भी वह पीछे नहीं रहे. इंसेफेलाइटिस प्रभावित बच्चों के इलाज और इस बीमारी पर काबू पाने के उनके संघर्ष को सफलता की सीढ़ी 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने पर मिली. 2017 से ही उनके द्वारा शुरू अंतर्विभागीय समन्वित प्रयास से इंसेफेलाइटिस से बीमार और मौत के आगोश में सो जाने वालों का ग्राफ गिरता चला गया.

बीते साढ़े चार साल में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 97 फीसद तक की कमी आ चुकी है. पीएम के सामने दिखाई जाने वाली डॉक्यूमेंट्री में योगी के प्रयासों को समग्र रूप में शामिल किया गया है. वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिल्ली से आई टीम ने तैयार किया है और इसमें नोडल अधिकारी रहे नगर आयुक्त. इसमें सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ के सड़क पर संघर्ष की दास्तां है, तो उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद बीमारी पर नियंत्रण की इबारत भी.

गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरणादायी नेतृत्व से ही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया जा सका है. उनके मुताबिक सीएम योगी ने ही बीमारी को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा के साथ ही शिक्षा, प्रशासन और अन्य विभागों के सामंजस्य का सफल मंत्र दिया. वीडियो में इसका वर्किंग मॉडल भी है. प्रधानमंत्री के सामने जब वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी तो यह पल खासकर गोरखपुर को गौरवान्वित करने वाला होगा.

सिर्फ सदन ही नहीं, कई बार जेठ की तपती दोपहरी में भी सड़कों पर उतरकर हुक्मरानों की निंद्रा तोड़ने में भी वह पीछे नहीं रहे. इंसेफेलाइटिस प्रभावित बच्चों के इलाज और इस बीमारी पर काबू पाने के उनके संघर्ष को सफलता की सीढ़ी 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने पर मिली. 2017 से ही उनके द्वारा शुरू अंतर्विभागीय समन्वित प्रयास से इंसेफेलाइटिस से बीमार और मौत के आगोश में सो जाने वालों का ग्राफ गिरता चला गया. बीते साढ़े चार साल में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 97 फीसद तक की कमी आ चुकी है. पीएम के सामने दिखाई जाने वाली डॉक्यूमेंट्री में योगी के प्रयासों को समग्र रूप में शामिल किया गया है. वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिल्ली से आई टीम ने तैयार किया है और इसमें नोडल अधिकारी रहे नगर आयुक्त. इसमें सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ के सड़क पर संघर्ष की दास्तां है, तो उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद बीमारी पर नियंत्रण की इबारत भी.

गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरणादायी नेतृत्व से ही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया जा सका है. उनके मुताबिक सीएम योगी ने ही बीमारी को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा के साथ ही शिक्षा, प्रशासन और अन्य विभागों के सामंजस्य का सफल मंत्र दिया. वीडियो में इसका वर्किंग मॉडल भी है. प्रधानमंत्री के सामने जब वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी तो यह पल खासकर गोरखपुर को गौरवान्वित करने वाला होगा.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट, चीनी मिल और बाढ़ की परेशानी यहां की अहम समस्या

गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरणादायी नेतृत्व से ही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया जा सका है. उनके मुताबिक सीएम योगी ने ही बीमारी को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा के साथ ही शिक्षा, प्रशासन और अन्य विभागों के सामंजस्य का सफल मंत्र दिया. वीडियो में इसका वर्किंग मॉडल भी है. प्रधानमंत्री के सामने जब वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी तो यह पल खासकर गोरखपुर को गौरवान्वित करने वाला होगा.

गोरखपुरः जिले के नगर निगम की ओर से बनवाई गई इस डॉक्यूमेंट्री वीडियो में इंसेफेलाइटिस की शुरुआत, चरम और अब नियंत्रण को समाहित किया गया है. बात जब भी इसके नियंत्रण की होती है, तो योगी आदित्यनाथ का जिक्र सबके जेहन में अपने आप ही आ जाता है.

नगर निगम गोरखपुर ने डॉक्यूमेंट्री में यह दर्शाया है कि योगी सरकार ने किन उपायों से बच्चों की मौत का पर्याय रही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस की दस्तक 1977-78 में हुई. प्रतिवर्ष इसकी चपेट में आकर इस अंचल के 1200-1500 मासूम काल के गाल में समा जाते थे. 1998 में पहली बार सांसद चुने जाने के बाद से ही मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने तक योगी आदित्यनाथ देश की संसद में इस बीमारी के खिलाफ पूर्वांचल की आवाज बनते रहे हैं.

सिर्फ सदन ही नहीं, कई बार जेठ की तपती दोपहरी में सड़कों पर उतरकर हुक्मरानों की तंद्रा तोड़ने में भी वह पीछे नहीं रहे. इंसेफेलाइटिस प्रभावित बच्चों के इलाज और इस बीमारी पर काबू पाने के उनके संघर्ष को सफलता की सीढ़ी 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने पर मिली. 2017 से ही उनके द्वारा शुरू अंतर्विभागीय समन्वित प्रयास से इंसेफेलाइटिस से बीमार और मौत के आगोश में सो जाने वालों का ग्राफ गिरता चला गया.

बीते साढ़े चार साल में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 97 फीसद तक की कमी आ चुकी है. पीएम के सामने दिखाई जाने वाली डॉक्यूमेंट्री में योगी के प्रयासों को समग्र रूप में शामिल किया गया है. वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिल्ली से आई टीम ने तैयार किया है और इसमें नोडल अधिकारी रहे नगर आयुक्त. इसमें सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ के सड़क पर संघर्ष की दास्तां है, तो उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद बीमारी पर नियंत्रण की इबारत भी.

गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरणादायी नेतृत्व से ही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया जा सका है. उनके मुताबिक सीएम योगी ने ही बीमारी को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा के साथ ही शिक्षा, प्रशासन और अन्य विभागों के सामंजस्य का सफल मंत्र दिया. वीडियो में इसका वर्किंग मॉडल भी है. प्रधानमंत्री के सामने जब वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी तो यह पल खासकर गोरखपुर को गौरवान्वित करने वाला होगा.

सिर्फ सदन ही नहीं, कई बार जेठ की तपती दोपहरी में भी सड़कों पर उतरकर हुक्मरानों की निंद्रा तोड़ने में भी वह पीछे नहीं रहे. इंसेफेलाइटिस प्रभावित बच्चों के इलाज और इस बीमारी पर काबू पाने के उनके संघर्ष को सफलता की सीढ़ी 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने पर मिली. 2017 से ही उनके द्वारा शुरू अंतर्विभागीय समन्वित प्रयास से इंसेफेलाइटिस से बीमार और मौत के आगोश में सो जाने वालों का ग्राफ गिरता चला गया. बीते साढ़े चार साल में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 97 फीसद तक की कमी आ चुकी है. पीएम के सामने दिखाई जाने वाली डॉक्यूमेंट्री में योगी के प्रयासों को समग्र रूप में शामिल किया गया है. वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिल्ली से आई टीम ने तैयार किया है और इसमें नोडल अधिकारी रहे नगर आयुक्त. इसमें सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ के सड़क पर संघर्ष की दास्तां है, तो उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद बीमारी पर नियंत्रण की इबारत भी.

गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरणादायी नेतृत्व से ही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया जा सका है. उनके मुताबिक सीएम योगी ने ही बीमारी को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा के साथ ही शिक्षा, प्रशासन और अन्य विभागों के सामंजस्य का सफल मंत्र दिया. वीडियो में इसका वर्किंग मॉडल भी है. प्रधानमंत्री के सामने जब वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी तो यह पल खासकर गोरखपुर को गौरवान्वित करने वाला होगा.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट, चीनी मिल और बाढ़ की परेशानी यहां की अहम समस्या

गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरणादायी नेतृत्व से ही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया जा सका है. उनके मुताबिक सीएम योगी ने ही बीमारी को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा के साथ ही शिक्षा, प्रशासन और अन्य विभागों के सामंजस्य का सफल मंत्र दिया. वीडियो में इसका वर्किंग मॉडल भी है. प्रधानमंत्री के सामने जब वीडियो डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी तो यह पल खासकर गोरखपुर को गौरवान्वित करने वाला होगा.

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