गोरखपुर: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर की ओर से यूनिसेफ लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में वायु प्रदूषण की रोकथाम, नीति निर्माण और अंतर विभागीय कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला में वायु प्रदूषण, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन, कृषि, आजीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, मौसम विभाग, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, व्यवसायिक संगठन आदि क्षेत्रों से जुड़े विभागीय अधिकारी विशेषज्ञ और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया. जनपद में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के विधिक पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया.
कार्यशाला का हुआ आयोजन
- गोरखपुर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
- इस कार्यशाला में प्रदूषण फैलाने वाले कारकों और उनकी रोकथाम के लिए किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की गई.
- इसमें आईआईटीएम पुणे के वैज्ञानिक प्रोफेसर गुफरान बेग मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.
- गोरखपुर के जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
इसे भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले से किसान की मौत
प्रोफेसर गुफरान बेग, निदेशक, सफर परियोजना ने बताया कि इस कार्यशाला में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों और उसके निवारण के उपायों के बारे में चर्चा की गई. आपदा प्रबंधन गोरखपुर के साथ मिलकर किन-किन स्थलों पर सफर वैन तैनात की जाएगी, इसके बारे में भी संबंधित लोगों से चर्चा की गई.
वायु प्रदूषण के न्यूनीकरण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. जनपद में स्थापित हो रहे समस्त उद्योग केंद्रों को शहर से काफी दूर स्थापित किया जा रहा है, जिससे उसका प्रभाव जनमानस पर कम हो. जिले में सफर परियोजना लागू होने से हम बढ़ते हुए वायु प्रदूषण पर रोकथाम लगा सकेंगे. हमें अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को भी ध्यान में रखते हुए वायु प्रदूषण कम फैलाने पर भी विचार करना होगा.
- के. विजयेंद्र पांडियन, जिलाधिकारी