गोरखपुर: कानपुर राजकीय महिला शरणालय की घटना के बाद प्रशासन चौकन्ना हो गया है. अब जिले में स्थित राजकीय महिला एवं बाल शरणालय की व्यवस्था को प्रशासन पूरी तरह दुरुस्त करने में जुट गया है. हालांकि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए इन शरणालयों में सुरक्षा और बचाव के उपायों का पहले ही पालन किया जा रहा है. लेकिन अब जिला प्रशासन यहां कि हर गतिविधि पर नजर रख रहा है.
मौजूदा समय में 90 लोग रहते हैं
शहर के घंटाघर चौक के पास जिले का राजकीय महिला शरणालय एक पुराने मकान में संचालित हो रहा है. मौजूदा समय में यहां 79 पीड़िता और उनके 11 बच्चे रहते हैं. जिन्हें सिलाई, कढ़ाई की भी जानकारी दी जाती है. कोविड-19 के संक्रमण के दौरान यहां से 26 पीड़िताओं को बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित 'वन स्टॉप सेंटर' भेज दिया गया था.
जिला प्रोबेशन अधिकारी करते हैं देखरेख
जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह इस शरणालय की देखरेख करते हैं. उन्होंने बताया है कि यहां जरूरत के सभी उपाय किये गए हैं. दो ऐसी पीड़िता हैं, जो यहां पर आने से पहले ही गर्भवती थीं. दोनों पॉक्सो एक्ट और कोर्ट के निर्देश पर वह यहां रखी गई हैं. उनके स्वास्थ्य और टीकाकरण का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
'वन स्टॉप सेंटर' की है व्यवस्था
गोरखपुर में पीड़ित महिलाओं की देखभाल के साथ, उन्हें पुलिस और कानूनी मदद उपलब्ध कराने के लिए, राजकीय महिला शरणालय के साथ 'वन स्टॉप सेंटर' की व्यवस्था की गयी है. जहां पर पीड़ित महिलाओं की काउंसलिंग करके उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाती है. जिन मामलों में कानूनी अड़चनें और प्रक्रिया लंबी होती है, वो लंबे समय तक शरणालय में रहती हैं. गोरखपुर केंद्र पर महिलाओं की देखभाल के लिए केंद्र की अधीक्षक समेत रसोईया, सफाईकर्मी सभी महिला कर्मचारी हैं. वहीं लेखा-जोखा का हिसाब एक पुरुष कर्मी के कंधे पर है. यहां निगरानी के लिए गेट पर महिला होमगार्ड के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.