गोरखपुर: जिले के झंगहा थाना क्षेत्र के निबेश्वर नाथ मंदिर के पास स्थित पोखरा 'मौत का पोखरा' नाम से जाना जाने लगा है. गांव के लोगों का कहना है कि इस पोखरे में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. दोपहर के समय यदि कोई लड़का अकेले इस पोखरे में नहाने गया तो वापस नहीं लौटा. ग्रामीणों ने पोखरे के चारों तरफ से बैरिकेडिंग के अलावा सुरक्षा के लिए पोस्टर व गार्ड की तैनाती की मांग की है.
रविवार दोपहर ब्रह्मपुर गांव के दो जुड़वा भाई गोविंद और परविंद पोखरे में नहाते समय डूब गए. दोनों छात्र कक्षा आठ के छात्र थे. आसपास के लोगों ने उनको बचाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाए. दोनों को अचेत अवस्था में पोखरे से बाहर निकला गया. दोनों को स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए भेजा गया जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.
दोनों लड़के राजू मौर्य के बताए जा रहे हैं. राजू के तीन लड़कों में अब अरविंद अकेला रह गया है. एक ही परिवार में दो बच्चों की मौत की सूचना के बाद परिवार में कोहराम मच गया. सूचना के बाद मौके पर पहुंचे नई बाजार चौकी इंचार्ज अभय पांडेय ने दोनों शवों का पंचनामा कर परिवार के लोगों को सौंप दिया.
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ब्रह्मपुर क्षेत्र के ही रहने वाले अरूण पांडेय व लालजी ने बताया कि अगस्त 2019 में आकाश व अमन दो जुड़वा भाइयों की भी इससे पहले इसी पोखरे में डूबने से मौत हो चुकी है. उन्होंने मांग की कि मौत के इस पोखरे पर सुरक्षा की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो.
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