लखनऊ : सुल्तानपुर में बीती 28 अगस्त को दिनदहाड़े सुनार की दुकान में लूट करने वाले गैंग के सदस्य मंगेश यादव को एनकाउंटर में ढेर करने वाली यूपी एसटीएफ की टीम को गणतंत्र दिवस के मौके पर शौर्य के आधार पर प्रशंसा चिन्ह से सम्मानित किया जाएगा. इसमें डिप्टी एसपी एसटीएफ डीके शाही भी शामिल हैं. वहीं शामली में कग्गा गैंग के सरगना अरशद समेत चार कुख्यातों को ढेर कर शहीद हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी मरणोपरांत गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा. गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रपति वीरता पदक का ऐलान किया गया.
इस वर्ष देश में सबसे अधिक यूपी के पुलिस व फायर अफसरों को पदक मिले हैं. डीजीपी द्वारा दिए जाने वाले उत्कृष्ट सेवा, सराहानीय कार्य और शौर्य के आधार पर दिए जाने वाले प्रशंसा चिन्ह का भी ऐलान किया गया. शनिवार को डीजीपी मुख्यलाय ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिए जाने वाले प्रशंसा चिन्ह की घोषणा की. इसमें मंगेश यादव एनकाउंटर करने वाली STF टीम को प्रदत्त शौर्य आधार पर प्रशंसा चिन्ह से सम्मानित किया जाएगा. यह एनकाउंटर STF के डिप्टी एसपी डीके शाही के नेतृत्व में किया गया था.
शौर्य के आधार पर मिलेंगे पदक: मंगेश का एनकाउंटर करने वाली टीम में डीके शाही के अलावा इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर महावीर सिंह, सब इंस्पेक्टर अतुल चतुर्वेदी, सब इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह, हेड कांस्टेबल नीरज पांडे, हेड कांस्टेबल सुशील सिंह, कांस्टेबल राम निवास, अमित त्रिपाठी, अमर श्रीवास्तव और बृजेश सिंह शामिल थे. इसमें डीके शाही, राघवेंद्र सिंह, ब्रजेश सिंह, अमर श्रीवास्तव को रजत पदक से सम्मानित किया जाएगा.
विवादों में रहा मंगेश यादव एनकाउंटर : सुल्तानपुर लूट के बाद हुए मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद विपक्षी दलों और मंगेश के परिजनों ने कई सवाल खड़े करते हुए इसे फेक एनकाउंटर साबित किया था. दरअसल, एनकाउंटर के बाद खींची गई एक तस्वीर और मंगेश यादव के परिजनों के बयान से एनकाउंटर पर सवाल उठे थे. मंगेश के परिजनों ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाए थे. परिजनों का कहना था कि पुलिस ने मंगेश के 5 सितंबर को सुल्तानपुर से आने की कहानी झूठी रची है.
पुलिस मंगेश को 2 दिसंबर को ही उठा ले गई थी. इसके अलावा मंगेश यादव के एनकाउंटर के दौरान खींची गई फोटो में डिप्टी एसपी के चप्पल पहने दिखने पर एनकाउंटर की सच्चाई पर सवाल उठने लगे. विपक्ष और समाजसेवी संगठनों ने मानवधिकार का हवाला दिया. हालांकि बाद में चौतरफा घिर चुके यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार को मीडिया के सामने सफाई देनी पड़ी थी और उन्होंने एनकाउंटर को सही बताकर मामले का पटाक्षेप कर दिया.
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