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गोरखपुर: रेलवे में नौकरी के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले दो भाई गिरफ्तार - गोरखपुर में अपराध

बेरोजगार युवक-युवतियों को रेलवे में ठेका और नौकरी दिलाने के नाम पर 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी करने के मामले में दो भाइयों को क्राइम ब्रांच ने गोरखपुर में गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था.

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ढाई करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में दो भाई गिरफ्तार.
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Published : Nov 3, 2020, 4:28 PM IST

गोरखपुरः बेरोजगार युवक-युवतियों को रेलवे में ठेका और नौकरी दिलाने के नाम पर 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले दो भाइयों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में 8 आरोपियों के खिलाफ मामला साल 2017 में दर्ज हुआ था. इनमें एक की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है. पांच अन्‍य आरोपियों की क्राइम ब्रांच तलाश कर रही है. आरोपी बेरोजगार युवक-युवतियों को रेलवे में ठेका और नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करते रहे हैं. ये लोग अब तक 50 लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना चुके हैं.

गोरखपुर के पुलिस लाइन्‍स व्‍हाइट हाउस में धोखाधड़ी के मामले का खुलासा करते हुए एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों की पहचान लखनऊ के एलडीए कॉलोनी के सेक्‍टर एसएस 125 के रहने वाले संजय कुमार वर्मा और उसके भाई सुनील कुमार वर्मा के रूप में हुई है. दोनों को शाहपुर इलाके के खजांची चौराहा के पास से गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने बताया कि विंध्‍यवासिनी पाण्‍डेय मामले की वादिनी हैं. इन्‍हें रेलवे में ठेका दिलाने और बाद में नौकरी दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई. पांच लाख रुपये इन्‍होंने एकाउंट के माध्‍यम से और अन्‍य रुपये कैश दिए थे. इस मामले में लखनऊ में नौकरी के नाम पर फर्जी ट्रेनिंग दिलाई गई और नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया. एसपी क्राइम ने बताया कि 40 से 50 लोगों के साथ 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी की गई है. साल 2017 में मामला दर्ज कराया गया था. निरीक्षक घनश्‍याम तिवारी इसकी विवेचना कर रहे थे. उनकी मृत्‍यु होने के बाद मामला क्राइम ब्रांच के पास आ गया.

उन्‍होंने बताया कि वादिनी के पिताजी पुजारी हैं. इसके बाद 30 लाख रुपये एडजस्‍ट करने के नाम पर उनके तीन बच्‍चों को एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ट्रेनिंग भी दी गई. यह आरोपी तीन साल से लगातार फरार चल रहे थे. इनके खिलाफ शाहपुर थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 149, 406, 506, 120 बी भादवि थाना शाहपुर जनपद गोरखपुर में पंजीकृत किया गया था.

गोरखपुरः बेरोजगार युवक-युवतियों को रेलवे में ठेका और नौकरी दिलाने के नाम पर 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले दो भाइयों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में 8 आरोपियों के खिलाफ मामला साल 2017 में दर्ज हुआ था. इनमें एक की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है. पांच अन्‍य आरोपियों की क्राइम ब्रांच तलाश कर रही है. आरोपी बेरोजगार युवक-युवतियों को रेलवे में ठेका और नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करते रहे हैं. ये लोग अब तक 50 लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना चुके हैं.

गोरखपुर के पुलिस लाइन्‍स व्‍हाइट हाउस में धोखाधड़ी के मामले का खुलासा करते हुए एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों की पहचान लखनऊ के एलडीए कॉलोनी के सेक्‍टर एसएस 125 के रहने वाले संजय कुमार वर्मा और उसके भाई सुनील कुमार वर्मा के रूप में हुई है. दोनों को शाहपुर इलाके के खजांची चौराहा के पास से गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने बताया कि विंध्‍यवासिनी पाण्‍डेय मामले की वादिनी हैं. इन्‍हें रेलवे में ठेका दिलाने और बाद में नौकरी दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई. पांच लाख रुपये इन्‍होंने एकाउंट के माध्‍यम से और अन्‍य रुपये कैश दिए थे. इस मामले में लखनऊ में नौकरी के नाम पर फर्जी ट्रेनिंग दिलाई गई और नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया. एसपी क्राइम ने बताया कि 40 से 50 लोगों के साथ 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी की गई है. साल 2017 में मामला दर्ज कराया गया था. निरीक्षक घनश्‍याम तिवारी इसकी विवेचना कर रहे थे. उनकी मृत्‍यु होने के बाद मामला क्राइम ब्रांच के पास आ गया.

उन्‍होंने बताया कि वादिनी के पिताजी पुजारी हैं. इसके बाद 30 लाख रुपये एडजस्‍ट करने के नाम पर उनके तीन बच्‍चों को एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ट्रेनिंग भी दी गई. यह आरोपी तीन साल से लगातार फरार चल रहे थे. इनके खिलाफ शाहपुर थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 149, 406, 506, 120 बी भादवि थाना शाहपुर जनपद गोरखपुर में पंजीकृत किया गया था.

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