गोरखपुर : महराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस का टिकट हासिल करने वाली ईटी नाउ की चीफ एडिटर और पूर्व सांसद हर्षवर्धन सिंह की बेटी सुप्रिया श्रीनेत का गोरखपुर में संघ के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. स्टेशन पर काम करने वाले दर्जनों कुलियों ने सुप्रिया श्रीनेत को पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन किया.
दरअसल, महराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री त्रिपाठी को टिकट दिया था लेकिन घोषणा के अगले ही दिन बड़ा फेरबदल करते हुए तनुश्री त्रिपाठी का टिकट काटकर पीआरकेएस के संरक्षक और महाराजगंज के पूर्व सांसद स्व. हर्षवर्धन सिंह की बेटी (ईटी नाउ में चीफ एडिटर) सुप्रिया श्रीनेत को टिकट देकर अचंभित कर दिया.
मीडिया जगत में सुप्रिया श्रीनेत का नाम जाना-पहचाना है लेकिन राजनीति में उनके कदम पड़ते ही सियासी गलियारों में हलचल सी हो गई है. महाराजगंज के मौजूदा सांसद पंकज चौधरी 5 बार से सांसद रह चुके हैं. ऐसे में क्षेत्र के लिए और पंकज चौधरी के सामने सुप्रिया श्रीनेत का नाम काफी नया और छोटा लगता है. मीडिया जगत में अपना लोहा मनवा चुकी सुप्रिया श्रीनेत पूरे दमखम और जोश के साथ चुनावी मैदान में कूद चुकी हैं. उनका मानना है कि वह मौजूदा सांसद को कड़ी टक्कर तो देंगी ही, साथ में चुनाव जीतकर महाराजगंज के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी.
मेरे ऊपर पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी है
इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुप्रिया ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं और बहुत ही आशान्वित भी. मुझे लगता है कि मेरे ऊपर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. कांग्रेस पार्टी ने जो नेतृत्व करने का मौका दिया है, खुशी के साथ ही जिम्मेदारी का भी एहसास हो रहा है. महाराजगंज में काम करने जा रही हूं. यह मेरे पिता की कर्मभूमि रही है. 41 वर्षों से मेरे पिता इस क्षेत्र की सेवा करते आए हैं.
कोई विकास कार्य नहीं किया मौजूदा सांसद ने
आगे उन्होंने कहा कि कि मेरा सबसे अच्छा सौभाग्य है कि मैं मौजूदा सांसद के खिलाफ चुनाव मैदान में हूं. वह एक बार के सांसद नहीं बल्कि 5 बार के सांसद हैं. इस बार तो उनके पास एक बड़ा सुनहरा मौका था क्योंकि केंद्र और प्रदेश दोनों जगह पर उनकी सरकार थी. वह चाहते तो बहुत कुछ कर सकते थे. अगर वह चाहते तो हर्षवर्धन जी के ही अधूरे कार्यों को पूरा कर क्षेत्र की जनता का विश्वास जीत सकते थे. उन्होंने कुछ नहीं किया है, बहुत ही उदासीन रहे हैं. चाहे वह किसानों की बात हो, गन्ना किसानों की बात, नौजवानों की बात हो या फिर रोजी रोजगार की बात हो.
महराजगंज ऐसा जिला मुख्यालय है, जहां पर रेलवे लाइन नहीं है, जबकि हर्षवर्धन सिंह ने रेलवे लाइन की स्वीकृति प्रदान करा दी थी. उस कार्य को भी मौजूदा सांसद नहीं कर सके. मैं बहुत खुश हूं कि मैं उनके खिलाफ लड़ने जा रही हूं, क्योंकि लोगों के अंदर इनके खिलाफ काफी आक्रोश है. इनका निकम्मापन ही मेरा हथियार है.