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गोरखपुर: अभिभावकों ने चस्‍पा किए ‘नो स्‍कूल-नो फीस’ के पोस्टर

यूपी के गोरखपुर में बच्चों के अभिभावकों ने अपने-अपने घरों के बाहर ‘नो स्‍कूल-नो फीस’ का पोस्‍टर चस्‍पा कर अनोखा विरोध दर्ज कराया. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल 3-4 महीने की फीस एक साथ जमा करने का दबाव बना रहे हैं.

अभिभावकों ने चस्‍पा किए ‘नो स्‍कूल-नो फीस’ के पोस्टर
अभिभावकों ने चस्‍पा किए ‘नो स्‍कूल-नो फीस’ के पोस्टर
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Published : Jul 13, 2020, 8:56 PM IST

गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. स्‍कूलों के बंद होने के बावजूद पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाने वाले स्कूलों के विरोध में अभिभावकों ने अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. जिले में विद्यार्थियों के अभिभावकों ने घरों के बाहर ‘नो स्‍कूल-नो फीस’ का पोस्‍टर चस्‍पा कर अनोखा विरोध दर्ज कराया. कई स्‍कूलों ने पिछले और अगले तीन महीने की फीस भी एक साथ जमा करा ली है. यही वजह है कि अभिभावकों को विरोध जताने का अनोखा तरीका अख्तियार करना पड़ा है.

अभिभावकों का अनोखा प्रदर्शन
एक तरफ जहां पूरा देश वैश्विक महामारी से परेशान है. तो वहीं स्‍कूल बंद होने के बावजूद ऑनलाइन क्‍लासेज के नाम पर फीस जमा करने के स्‍कूल प्रबंधन के दबाव के आगे अभिभावक परेशान हो गए हैं. यही वजह है कि शहर के बेतियाहाता मोहल्‍ले के रहने वाले अभिभावकों ने स्‍कूल का विरोध जताने का नायाब तरीका ढूंढ निकाला है. प्रशासन से लेकर बेसिक और माध्‍यमिक शिक्षा अधिकारियों ने भी जब फीस जमा करने का दबाव बनाया, तो अभिभावकों को दूसरा कोई रास्‍ता नहीं सूझा. उन्‍होंने अपने घरों के बाहर 'नो स्‍कूल-नो फीस’ के पोस्‍टर चस्‍पा कर दिए.

फीस जमा करने का दबाव बना रहे स्कूल
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बहुत से लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. कई ऐसे हैं, जिन्हें कई महीने से सैलरी नहीं मिल रही है. व्‍यापार भी ठप पड़े हैं. सारे कारोबार ठप पड़े हैं. यहां तक स्कूल कॉलेज भी बंद हैं. वहीं स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर भी काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल से बार-बार फीस को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. लेकिन ऐसे वक्त में अभिभावक भी परेशान हैं कि जब कारोबार नहीं चल रहा तो वे फीस कहां से दे पाएंगे.

कोरोना ने बढ़ाई अभिभावकों की समस्या
एक छात्र के अभिभावक सत्यनारायण का कहना है कि चार-पांच महीने से लॉकडाउन चल रहा है. सारे अभिभावक अपने-अपने घरों में बैठे हैं और काम भी बंद हैं. स्कूल के तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि स्कूल की फीस पूरा जमा करें. जब काम-धंधे बंद और व्यापार बंद है तो हम सब कहां से स्कूल की फीस जमा करें. जो लोग किराए पर रहते हैं, वे मकान का किराया तक नहीं दे पा रहे है. इसके बाद ऑनलाइन क्‍लासेज के लिए स्‍कूलों की ओर से बच्‍चों को मोबाइल देने का दबाव बनाया जा रहा है.

बेरोजगारी में स्कूल फीस की मार
अभिभावकों का कहना है कि मोबाइल से बच्चा कितना पढ़ेगा, सारा काम तो हम ही लोग कर रहे हैं. टाइम भी मेरा, मोबाइल मेरा, नेट मेरा, सिस्टम मेरा घर-बिजली मेरी तो फिर किस बात की स्कूल में फीस जमा करें. अभिभावकों का कहना है कि वे लोग जानते हैं कि स्कूल के टीचरों को इसमें कुछ दिक्कतें आ रही है, लेकिन जो सारे अभिभावक हैं, उनको ध्यान में रखते हुए सरकार को कुछ न कुछ फैसला लेना चाहिए. आखिर बेरोजगार अभिभावक कहां से बच्चों की फीस जमा कर पाएंगे.

जिले के अभिभावकों का कहना है कि हम सब सीएम योगी आदित्‍यनाथ से अब इस मामले में मिलने का मन बना रहे हैं, जिससे इसका कोई रास्‍ता निकला जा सके.

गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. स्‍कूलों के बंद होने के बावजूद पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाने वाले स्कूलों के विरोध में अभिभावकों ने अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. जिले में विद्यार्थियों के अभिभावकों ने घरों के बाहर ‘नो स्‍कूल-नो फीस’ का पोस्‍टर चस्‍पा कर अनोखा विरोध दर्ज कराया. कई स्‍कूलों ने पिछले और अगले तीन महीने की फीस भी एक साथ जमा करा ली है. यही वजह है कि अभिभावकों को विरोध जताने का अनोखा तरीका अख्तियार करना पड़ा है.

अभिभावकों का अनोखा प्रदर्शन
एक तरफ जहां पूरा देश वैश्विक महामारी से परेशान है. तो वहीं स्‍कूल बंद होने के बावजूद ऑनलाइन क्‍लासेज के नाम पर फीस जमा करने के स्‍कूल प्रबंधन के दबाव के आगे अभिभावक परेशान हो गए हैं. यही वजह है कि शहर के बेतियाहाता मोहल्‍ले के रहने वाले अभिभावकों ने स्‍कूल का विरोध जताने का नायाब तरीका ढूंढ निकाला है. प्रशासन से लेकर बेसिक और माध्‍यमिक शिक्षा अधिकारियों ने भी जब फीस जमा करने का दबाव बनाया, तो अभिभावकों को दूसरा कोई रास्‍ता नहीं सूझा. उन्‍होंने अपने घरों के बाहर 'नो स्‍कूल-नो फीस’ के पोस्‍टर चस्‍पा कर दिए.

फीस जमा करने का दबाव बना रहे स्कूल
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बहुत से लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. कई ऐसे हैं, जिन्हें कई महीने से सैलरी नहीं मिल रही है. व्‍यापार भी ठप पड़े हैं. सारे कारोबार ठप पड़े हैं. यहां तक स्कूल कॉलेज भी बंद हैं. वहीं स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर भी काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल से बार-बार फीस को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. लेकिन ऐसे वक्त में अभिभावक भी परेशान हैं कि जब कारोबार नहीं चल रहा तो वे फीस कहां से दे पाएंगे.

कोरोना ने बढ़ाई अभिभावकों की समस्या
एक छात्र के अभिभावक सत्यनारायण का कहना है कि चार-पांच महीने से लॉकडाउन चल रहा है. सारे अभिभावक अपने-अपने घरों में बैठे हैं और काम भी बंद हैं. स्कूल के तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि स्कूल की फीस पूरा जमा करें. जब काम-धंधे बंद और व्यापार बंद है तो हम सब कहां से स्कूल की फीस जमा करें. जो लोग किराए पर रहते हैं, वे मकान का किराया तक नहीं दे पा रहे है. इसके बाद ऑनलाइन क्‍लासेज के लिए स्‍कूलों की ओर से बच्‍चों को मोबाइल देने का दबाव बनाया जा रहा है.

बेरोजगारी में स्कूल फीस की मार
अभिभावकों का कहना है कि मोबाइल से बच्चा कितना पढ़ेगा, सारा काम तो हम ही लोग कर रहे हैं. टाइम भी मेरा, मोबाइल मेरा, नेट मेरा, सिस्टम मेरा घर-बिजली मेरी तो फिर किस बात की स्कूल में फीस जमा करें. अभिभावकों का कहना है कि वे लोग जानते हैं कि स्कूल के टीचरों को इसमें कुछ दिक्कतें आ रही है, लेकिन जो सारे अभिभावक हैं, उनको ध्यान में रखते हुए सरकार को कुछ न कुछ फैसला लेना चाहिए. आखिर बेरोजगार अभिभावक कहां से बच्चों की फीस जमा कर पाएंगे.

जिले के अभिभावकों का कहना है कि हम सब सीएम योगी आदित्‍यनाथ से अब इस मामले में मिलने का मन बना रहे हैं, जिससे इसका कोई रास्‍ता निकला जा सके.

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