गोरखपुर: गोरखपुर अखिल भारतीय आयुर्वेद विज्ञान संस्थान (एम्स) के छात्रों ने सोमवार को केंट थाने पहुंचकर जमकर बवाल किया. उनका कहना है कि एम्स प्रशासन हमारे साथ गलत कर रहा है. हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. हमें पहले ही साल में परीक्षा में फेल कर दिया गया. एम्स प्रशासन हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. अगर जल्द ही इस प्रशासन हमारे मांगों को पूरी नहीं करता है, तो हम बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे. वहीं मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर छात्रों को आश्वासन देकर समझाया बुझाया गया.
जानें पूरा मामला
अखिल भारतीय आयुर्वेद विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर 75 फीसदी हाजिरी नहीं होने के कारण 13 छात्रों को परीक्षा से रोकने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एमबीबीएस प्रथम वर्ष का एक छात्र शशांक शेखर की याचिका पर शीर्ष कोर्ट ने गोरखपुर एम्स प्रशासन से जवाब मांगा है.
मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी गोरखपुर एम्स में वर्ष 2019 एमबीबीएस के पहले बैच में 50 छात्रों का प्रवेश हुआ था. करोना के कारण 24 मार्च 2020 समान कक्षाएं बंद कर दी गई थी और विकल्प के तौर पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाने लगी. जुलाई में छात्रों को सालाना परीक्षा के लिए बुलाया गया. इस दौरान 18 छात्र ऐसे रहे, जिनकी हाजिरी 75 फीसदी से कम रही. ऐसे में उन्हें परीक्षा से रोक दिया गया.
एम्स ने बचे छात्रों के लिए एक्स्ट्रा क्लास चलाई, इसके बावजूद 13 छात्रों की हाजिरी 75 फीसदी नहीं हो सकी, जिसके बाद एक प्रशासन ने उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया. यह सभी छात्र पहले साल में ही फेल हो गए. एम्स प्रशासन के खिलाफ एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर किया है.