गोरखपुर: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह शुक्रवार को गोरखपुर जिले का दौरा करने पहुंचे. यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर आयोजित समारोह में उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया . इस दौरान उन्होंने बिमुदान बाल केंद्र एवं शिशु चिकित्सालय का फीता काटकर उद्घाटन भी किया. स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पहले के मुकाबले अब कोरोना वायरस कमजोर पड़ गया है. साथ ही कहा कि सरकार कोरोना महामारी से निपटने में पूरी ताकत से जुटी हुई है.
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना वायरस कमजोर पड़ने की वजह से संक्रमण और मृत्यु दर दोनों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमितों की रिकवरी 86 फीसद है, जो कि किसी भी प्रदेश से काफी अच्छी है. इसके साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र तो अभी भी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले 6 महीने में कोरोना वायरस धीरे-धीरे कमजोर होता दिखाई दे रहा है, लेकिन इस दौरान उसके संक्रमण की प्रकृति में भी काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. संक्रमित व्यक्ति 4 से 5 दिनों में ही निगेटिव हो जा रहा है. वहीं कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिसमें निगेटिव हुआ व्यक्ति फिर से पॉजिटिव हो जा रहा है.
जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस मनुष्य के शरीर के स्ट्रक्चर और इम्यून पावर के हिसाब से अपना स्वरूप बदल रहा है. यही वजह है कि हर किसी को इसके बचाव के उपायों पर पूरी तरह से अमल करना चाहिए. प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोरोना के मरीजों से मनमाना शुल्क वसूल करने के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लखनऊ के चार अस्पतालों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि जहां से भी ऐसी शिकायतें मिल रही हैं, उन अस्पतालों की जांच के लिए सीएमओ को निर्देशित किया जा रहा है.
वहीं इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने जिले के कौड़ीराम क्षेत्र में स्थित गजपुर पीएचसी का भी निरीक्षण किया और वहां की बदहाल मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं की शिकायत का भी हाल जाना. उन्होंने कहा कि मिल रही शिकायतों के अनुरूप ही स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्थाएं मिलीं, जिसे दुरुस्त करने के लिए सीएमओ को निर्देशित किया गया है. मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा तय किए गए शुल्क से अधिक कोई भी प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 मरीजों से शुल्क नहीं ले सकता. यही नहीं अन्य अस्पताल भी सामान्य मरीजों को इलाज करने से मना नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसे सभी अस्पतालों के संचालन के लिए पिछले 3 महीने से ट्रेनिंग दी जा रही है. तमाम अस्पतालों में ट्रू नेट मशीन की भी सुविधा उपलब्ध हो गई है. इसलिए महामारी के इस दौर में किसी का भी शोषण और उत्पीड़न सरकार और स्वास्थ्य विभाग बर्दाश्त नहीं करेगा.