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गोरखपुर: सीएम सिटी का हाल-बेहाल, कूड़े से उठ रहा धुआं बन रहा जानलेवा

सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल नजर आ रही है. राप्ती नदी के एकला बंधे पर लग रहा कूड़े का ढेर लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. यहां से उठने वाली भीषण दुर्गंध और धुएं ने करीब 50 हजार की शहरी और ग्रामीण आबादी को प्रभावित कर दिया है. जिससे लोग खासा परेशान है.

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Published : May 4, 2022, 7:36 AM IST

Updated : May 4, 2022, 10:28 AM IST

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. राप्ती नदी के एकला बंधे पर लग रहा कूड़े का ढेर लोगों के लिए जानलेवा बन रहा है. यहां से उठने वाली भीषण दुर्गंध और धुएं ने करीब 50 हजार की शहरी और ग्रामीण आबादी को प्रभावित कर दिया है. जिससे लोग काफी परेशान हो रहे हैं.

जानकारी देते स्थानीय नागरिक.

शहर को साफ सुथरा बनाने और स्वच्छता के पायदान पर नंबर एक लाने के लिए अधिकारियों ने प्रतिदिन सैकड़ों टन कूड़ा एकला बंधे पर गिरा रहे हैं, लेकिन इसका स्थाई समाधान करने में वह पूरी तरह से विफल हैं. फिलहाल शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर सहजनवा के सुथनी ग्राम सभा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लगाने के लिए नगर निगम ने प्रक्रिया तेज कर दिया है, लेकिन जो समस्या दिखाई दे रही है उसके निदान में अभी कितना समय लगेगा कुछ भी कह पाना संभव नहीं है.

कूड़े का ढेर गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर राप्ती नदी के किनारे नौसढ़ चौराहे के पास लग रहा है. इसकी वजह से बहरामपुर, नौसढ़, एकला, पिपरी गांव के लोग तो समस्या झेल ही रहे हैं. इससे सटा शहर का हांसपुर, तुर्कमानपुर, खूनीपुर, फलमंडी, बर्फखाना, इंद्राचक जैसे क्षेत्र के भी प्रभावित हो रहे हैं. इस समस्या से निजात के लिए स्थानीय लोगों ने कोर्ट का भी सहारा लिया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. कई लोग सांस की गंभीर बीमारी की चपेट में आ चुके हैं तो वहीं घरों की खिड़कियों को खोलना और खुले में भोजन करना इनके लिए उड़ती दुर्गंध से दूभर हो गया है. स्थानीय युवाओं का कहना है कि शिकायत जिलाधिकारी से लेकर नगर आयुक्त तक कई बार हुई. उनके द्वारा आश्वासन भी दिया गया लेकिन निदान नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि धुएं और दुर्गंध की घुटन से लोग बेहोश भी हो जाते हैं. आसपास में शादी-व्याह के आयोजनों का इससे माहौल खराब हो जाता है.

इस समस्या के निदान के संबंध में जब ईटीवी भारत ने नगर आयुक्त अविनाश सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इसके स्थाई समाधान का प्रयास चल रहा है. सहजनवा के जिस स्थान पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट लगाया जाना है. उसकी बाउंड्री वाल बनकर तैयार हो रही है. इसके साथ ही कार्यदाई संस्था के अधिकारियों को कानपुर और आगरा जैसे शहरों में दौरा कर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बेहतरीन उपायों को जानने और समझने के लिए भी कहा गया है. जिससे गोरखपुर का प्लांट बेहतर काम कर सके, लेकिन बहुत जल्द एकला बंधे से कूड़ा उठना बंद हो जाएगा. यह कह पाना अभी मुश्किल है. उन्होंने कहा कि गर्मी 45 डिग्री के करीब है. इसलिए कूड़े में अपने आप आग भी लग जा रही है. उठने वाले धुएं और दुर्गंध को रोकने के लिए वहां पर समरसेबल पंप की स्थापना करके पानी के बराबर छिड़काव की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही कूड़े पर जो जरूरी दवाएं हैं उसका भी छिड़काव किया जाता है जिसे लोग संक्रमण के शिकार न हों.

इसे भी पढे़ं- सीएम सिटी के लोगों की 20 साल से नहीं दूर हुई परेशानी, कई कॉलोनियों में कमर तक भरा पानी

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. राप्ती नदी के एकला बंधे पर लग रहा कूड़े का ढेर लोगों के लिए जानलेवा बन रहा है. यहां से उठने वाली भीषण दुर्गंध और धुएं ने करीब 50 हजार की शहरी और ग्रामीण आबादी को प्रभावित कर दिया है. जिससे लोग काफी परेशान हो रहे हैं.

जानकारी देते स्थानीय नागरिक.

शहर को साफ सुथरा बनाने और स्वच्छता के पायदान पर नंबर एक लाने के लिए अधिकारियों ने प्रतिदिन सैकड़ों टन कूड़ा एकला बंधे पर गिरा रहे हैं, लेकिन इसका स्थाई समाधान करने में वह पूरी तरह से विफल हैं. फिलहाल शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर सहजनवा के सुथनी ग्राम सभा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लगाने के लिए नगर निगम ने प्रक्रिया तेज कर दिया है, लेकिन जो समस्या दिखाई दे रही है उसके निदान में अभी कितना समय लगेगा कुछ भी कह पाना संभव नहीं है.

कूड़े का ढेर गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर राप्ती नदी के किनारे नौसढ़ चौराहे के पास लग रहा है. इसकी वजह से बहरामपुर, नौसढ़, एकला, पिपरी गांव के लोग तो समस्या झेल ही रहे हैं. इससे सटा शहर का हांसपुर, तुर्कमानपुर, खूनीपुर, फलमंडी, बर्फखाना, इंद्राचक जैसे क्षेत्र के भी प्रभावित हो रहे हैं. इस समस्या से निजात के लिए स्थानीय लोगों ने कोर्ट का भी सहारा लिया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. कई लोग सांस की गंभीर बीमारी की चपेट में आ चुके हैं तो वहीं घरों की खिड़कियों को खोलना और खुले में भोजन करना इनके लिए उड़ती दुर्गंध से दूभर हो गया है. स्थानीय युवाओं का कहना है कि शिकायत जिलाधिकारी से लेकर नगर आयुक्त तक कई बार हुई. उनके द्वारा आश्वासन भी दिया गया लेकिन निदान नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि धुएं और दुर्गंध की घुटन से लोग बेहोश भी हो जाते हैं. आसपास में शादी-व्याह के आयोजनों का इससे माहौल खराब हो जाता है.

इस समस्या के निदान के संबंध में जब ईटीवी भारत ने नगर आयुक्त अविनाश सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इसके स्थाई समाधान का प्रयास चल रहा है. सहजनवा के जिस स्थान पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट लगाया जाना है. उसकी बाउंड्री वाल बनकर तैयार हो रही है. इसके साथ ही कार्यदाई संस्था के अधिकारियों को कानपुर और आगरा जैसे शहरों में दौरा कर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बेहतरीन उपायों को जानने और समझने के लिए भी कहा गया है. जिससे गोरखपुर का प्लांट बेहतर काम कर सके, लेकिन बहुत जल्द एकला बंधे से कूड़ा उठना बंद हो जाएगा. यह कह पाना अभी मुश्किल है. उन्होंने कहा कि गर्मी 45 डिग्री के करीब है. इसलिए कूड़े में अपने आप आग भी लग जा रही है. उठने वाले धुएं और दुर्गंध को रोकने के लिए वहां पर समरसेबल पंप की स्थापना करके पानी के बराबर छिड़काव की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही कूड़े पर जो जरूरी दवाएं हैं उसका भी छिड़काव किया जाता है जिसे लोग संक्रमण के शिकार न हों.

इसे भी पढे़ं- सीएम सिटी के लोगों की 20 साल से नहीं दूर हुई परेशानी, कई कॉलोनियों में कमर तक भरा पानी

Last Updated : May 4, 2022, 10:28 AM IST
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