गोरखपुर : प्रदेश के योगी सरकार में जिले के किसानों के साथ बड़ा छलावा हुआ है. राप्ती नदी के चंदा घाट पर करीब डेढ़ साल पहले पुल का निर्माण शुरू हुआ. इसमें जिन किसानों की जमीन ली गई है, उन्हें आज तक एक भी रुपया नसीब नहीं हुआ है. किसान दौड़ते- दौड़ते थक रहे हैं और अधिकारी उन्हें मुआवजे के बदले जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं.
चंदा घाट पर जो पुल बनना शुरू हुआ है, उसकी मांग कई सालों से चल रही थी. प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो इसका शिलान्यास उन्हीं के हाथों हुआ. पुल के निर्माण से सभी खुश हुए और मुआवजा मिलने के आश्वासन के साथ किसानों ने अपनी खेती योग्य जमीन में पुल का निर्माण शुरू होने दिया. डेढ़ साल में पुल के कई पावे तैयार हो गए, लेकिन 55 किसानों को मिलने वाली मुआवजे की रकम उनके खाते तक नहीं पहुंच पाई. सेतु निगम के अधिकारी बताते हैं कि उनके खाते में मुआवजे की रकम है, लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारी जब आंकड़े देंगे तभी तो किसानों को भुगतान हो पायेगा.
इस संबंध में प्रदेश सरकार के सिंचाई और गोरखपुर के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसकी चिंता मोदी और योगी जी की सरकार करती है. वहीं किसानों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया इसका उत्तर देने से वह बच निकले. जिले के आला अफसरों ने भी इस मामले में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. वहीं मुआवजे की रकम न अदा करने के पीछे कमीशनखोरी की भी चर्चा है, और नायाब तहसीलदार गांव वालों को जमकर धमकाता है.