कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों का आंदोलन एक नये विवाद में फंस गया है. इस आंदोलन के एक सक्रिय सदस्य पर गंभीर आरोप लगाया गया है. पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने जूनियर डॉक्टर अशफाकुल्ला नाइया की डिग्री फर्जी होने का आरोप लगाते हुए एक नोटिस भेजा है.
आरजी कर मेडिकल मामले को लेकर आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के प्रमुख चेहरों में से एक डॉ. असफाकउल्ला नाइया को पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (डब्ल्यूबीएमसी) ने कथित तौर पर फर्जी डिग्री का इस्तेमाल करने के लिए एक नोटिस भेजा है.
पत्र में परिषद ने नाइया से एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें एक तस्वीर दिखाई गई थी, जिसमें सिंगूर स्थित स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली एजेंसी के बैनर में नाइया की डिग्री को 'एमएस' बताया गया था. जबकि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ईएनटी विभाग से जुड़े नाइया के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने ऐसा कोई कोर्स पूरा नहीं किया है.
इस मामले को मुख्य सचिव और राज्य चिकित्सा परिषद के संज्ञान में लाया गया जिसके बाद उनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया. इस बीच, नाइया इस घटनाक्रम से बहुत परेशान नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'पत्र में तारीख या हस्ताक्षर नहीं है. इसमें यह नहीं बताया गया है कि मुझे किससे और किस स्थान पर मिलना है. दूसरी बात मुझे पता था कि ऐसा होने वाला है क्योंकि मैने आवाज उठायी है तो बदले की भावना से मेरे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अगर नोटिस वास्तविक है तो मैं निश्चित रूप से इसका जवाब दूंगा.'
सिंगूर स्थित संगठन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, 'हमारे अनुरोध पर डॉ. नाइया के साथ प्रतिष्ठित डॉक्टर भी चिकित्सा शिविर में शामिल हुए. उनमें से डॉ. नाइया उदार, खुले विचारों वाले और जिम्मेदार थे और उन्होंने मरीजों की जांच के लिए एक पैसा भी नहीं लिया. उनके बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है, वह बदनाम करने के अभियान के अलावा कुछ नहीं है.'