नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर मिली अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है. जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने सीबीआई के मेडिकल रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन कर रिपोर्ट सौंपी है.
मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी. सुनवाई के दौरान कुलदीप सेंगर की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि एम्स के डॉक्टरों ने कुलदीप सिंह सेंगर के मोतियाबिंद का आपरेशन 24 जनवरी को तय किया है. उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को कुलदीप के मेडिकल रिपोर्ट को वेरिफाई कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
दस साल कैद की सजा: हाईकोर्ट कुलदीप को स्वास्थ्य के आधार पर 20 जनवरी 2025 तक सजा को निलंबित करने का आदेश दिया था. सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी लंबित है. बता दें कि 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल कैद की सजा सुनाई थी. तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी.
पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में हुई थी मौत: रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी. 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी.
कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा: 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है.