गोरखपुर: गोरखपुर-सोनौली फोर लेन सड़क निर्माण में चौड़ीकरण के मानक में अवरोध बन रही गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन की संचालित कई दुकानों को एनएचआई प्रबंधन ने बुलडोजर लगाकर तोड़ दिया है. यही नहीं मंदिर के मुख्य गेट से सटे हुए बरसों पुरानी चाय की दुकान भी इस अतिक्रमण की शिकार हुई है, जिसके बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री रहते योगी आदित्यनाथ के मंदिर की दुकानें भी सड़क के चौड़ीकरण में तोड़ दी गई हैं.
जाम से गोरखपुर शहर को मिलेगी निजात
इन दुकानों से जिनका रोजगार चलता था, उन्हें फिर बसाए जाने की भी योजना बनाई जा चुकी है. यही वजह है कि कोई आंदोलन नहीं हुआ. गोरखपुर में सड़कों का जाल बिछ रहा है. लंबे वक्त से सड़कों के चौड़ीकरण वक्त की मांग थी, लेकिन संकरी गलियों वाले शहर में यह मुमकिन नहीं दिखता था, लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर में सड़कों और रन-वे सहित फोरलेन का जाल तेजी से बिछाया जा रहा है.
ट्रैफिक सिस्टम को ठीक करने और मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया फोरलेन के लिए गोरखनाथ मंदिर की दुकानें तोड़ी गई हैं. इससे भी शहर की आबादी के एक बड़े हिस्से को जाम से निजात मिलेगी. इस दौरान सड़क की दूसरी पटरी पर बनी दुकानें और मकान भी टूट रहे हैं. करीब 17 किलोमीटर से अधिक की लंबाई में बनाई जाने वाली सड़क पर 280 करोड़ का बजट खर्च होना है.
गोरखपुर से कई शहरों को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण शुरू
यही नहीं जिले में कुछ ऐसे भी काम हो रहे हैं, जिससे जिले की पहचान कायम हो रही है और यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में हो रहा है. इसके अलावा फोरलेन जिनका निर्माण तेजी से हो रहा है, उनमें गोरखपुर-देवरिया फोरलेन की लंबाई 45.3 किलोमीटर है. इसके निर्माण पर 379.21 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. वहीं गोरखपुर-महराजगंज फोरलेन का काम तेजी से चल रहा है. इस 31.35 किलोमीटर लंबे फोरलेन के निर्माण पर 567.49 करोड़ खर्च हो रहे हैं. गोरखपुर से बड़हलगंज फोरलेन का निर्माण भी इसी साल पूरा होने की सम्भावना है.