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अलर्ट! गोरखपुर मंडल में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद उफनाई नदियां

जून माह में हुई जबरदस्त बारिश के बाद गोरखपुर मंडल के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जिसके कारण लोगों के साथ-साथ प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ गई है.

खतरे का निशान पार
खतरे का निशान पार
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Published : Jun 21, 2021, 2:38 PM IST

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद हो रही बारिश ने गोरखपुर मंडल के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. पहाड़ और नेपाल से आने वाले पानी के तेज बहाव के कारण राप्ती और सरयू नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं, वहीं रोहिन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिसको लेकर आम लोगों के साथ-साथ प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ गई हैं.

जिले में बाढ़ अलर्ट को लेकर प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं. बाढ़ चौकियों को सक्रिय बनाने का काम चल रहा है, कोविड कंट्रोल रूम में ही बाढ़ बचाव के लिए 24 घंटे संचालित होने वाला कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. जिसका नंबर 9454416232, 0551-2201796 और 2201077 इस नंबर पर फोन करके किसी भी प्रकार की समस्या की जानकारी या सूचना दी जा सकती है.

नदियों में बढ़ जलस्तर
खतरे के निशान के पारबता दें जिले में रोहिणी नदी खतरे के निशान करीब 86 सेंटीमीटर से अधिक है. राप्ती और सरयू के जल स्तर में भी वृद्धि जारी है. इस कारण कई तटबंध पर दबाव बढ़ने के कारण तटवर्ती गांवों के लोगों में भय की स्थिति व्याप्त है. यह नदियां खतरे के निशान से तो नीचे हैं, लेकिन चेतावनी स्तर को पार कर गई हैं. राप्ती नदी में एक स्थान पर रिसाव होने से खेती वाले इलाकों में बड़े पैमाने पर पानी फैल गया है.
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खतरे का निशान पार
इस बार समय से पहले ही नदियों का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण मई महीने में रिकॉर्ड से ज्यादा बारिश होना है. जून में जहां 110 मिली मीटर बारिश होनी चाहिए वहां 20 जून तक ही 271 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. मौसम विज्ञान के मुताबिक जिले में 25 जून तक गरज-चमक के साथ तेज बारिश के आसार हैं. वहीं मई महीने के आंकड़े की बात करें तो गोरखपुर क्षेत्र में इतनी बारिश हुई है कि करीब 117 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. यहां बारिश का रिकॉर्ड 208 मिलीमीटर दर्ज किया गया है. जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के प्रभारी गौतम गुप्ता ने बताया कि करीब 86 बाढ़ चौकियों को सकरी करके कटान और अन्य बिंदुओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है. जिससे लोगों को कोई समस्या ना हो. वहीं एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि मौसम की प्रतिकूलता का अंदाजा प्रशासन नहीं लगा पाया नहीं तो बाढ़ की तैयारी अबतक पूरी हो जाती.शवदाह गृह में भरा पानीरविवार को सरयू नदी बड़हलगंज क्षेत्र के गोपालपुर में कटान करना शुरू कर दिया. जिससे कृषि योग्य भूमि तेजी से नदी में समा रही है. राप्ती नदी क्षेत्र से सटा हुआ सेंदुली-बेंदुली गांव भी पानी से घिरता जा रहा है. गोरखपुर शहर के राप्ती नदी तट पर भी पानी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यहां के शवदाह केंद्र पानी से चारों तरफ घिर गए हैं. जिससे अंतिम संस्कार के लिए जाने में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. बिजली और गैस आधारित प्लांट पर अंतिम संस्कार के लिए जाना सुविधाजनक है, लेकिन यह क्षेत्र भी पानी से घिर रहा है. जिले में कुल 65 बांध हैं, जिसकी लंबाई करीब 457 किलोमीटर है. इनमें पिछले वर्ष 2020 में कुल संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थान 42 चिन्हित किये गए थे, वहां भी निगरानी बढ़ा दी गई है.

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद हो रही बारिश ने गोरखपुर मंडल के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. पहाड़ और नेपाल से आने वाले पानी के तेज बहाव के कारण राप्ती और सरयू नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं, वहीं रोहिन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिसको लेकर आम लोगों के साथ-साथ प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ गई हैं.

जिले में बाढ़ अलर्ट को लेकर प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं. बाढ़ चौकियों को सक्रिय बनाने का काम चल रहा है, कोविड कंट्रोल रूम में ही बाढ़ बचाव के लिए 24 घंटे संचालित होने वाला कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. जिसका नंबर 9454416232, 0551-2201796 और 2201077 इस नंबर पर फोन करके किसी भी प्रकार की समस्या की जानकारी या सूचना दी जा सकती है.

नदियों में बढ़ जलस्तर
खतरे के निशान के पारबता दें जिले में रोहिणी नदी खतरे के निशान करीब 86 सेंटीमीटर से अधिक है. राप्ती और सरयू के जल स्तर में भी वृद्धि जारी है. इस कारण कई तटबंध पर दबाव बढ़ने के कारण तटवर्ती गांवों के लोगों में भय की स्थिति व्याप्त है. यह नदियां खतरे के निशान से तो नीचे हैं, लेकिन चेतावनी स्तर को पार कर गई हैं. राप्ती नदी में एक स्थान पर रिसाव होने से खेती वाले इलाकों में बड़े पैमाने पर पानी फैल गया है.
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खतरे का निशान पार
इस बार समय से पहले ही नदियों का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण मई महीने में रिकॉर्ड से ज्यादा बारिश होना है. जून में जहां 110 मिली मीटर बारिश होनी चाहिए वहां 20 जून तक ही 271 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. मौसम विज्ञान के मुताबिक जिले में 25 जून तक गरज-चमक के साथ तेज बारिश के आसार हैं. वहीं मई महीने के आंकड़े की बात करें तो गोरखपुर क्षेत्र में इतनी बारिश हुई है कि करीब 117 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. यहां बारिश का रिकॉर्ड 208 मिलीमीटर दर्ज किया गया है. जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के प्रभारी गौतम गुप्ता ने बताया कि करीब 86 बाढ़ चौकियों को सकरी करके कटान और अन्य बिंदुओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है. जिससे लोगों को कोई समस्या ना हो. वहीं एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि मौसम की प्रतिकूलता का अंदाजा प्रशासन नहीं लगा पाया नहीं तो बाढ़ की तैयारी अबतक पूरी हो जाती.शवदाह गृह में भरा पानीरविवार को सरयू नदी बड़हलगंज क्षेत्र के गोपालपुर में कटान करना शुरू कर दिया. जिससे कृषि योग्य भूमि तेजी से नदी में समा रही है. राप्ती नदी क्षेत्र से सटा हुआ सेंदुली-बेंदुली गांव भी पानी से घिरता जा रहा है. गोरखपुर शहर के राप्ती नदी तट पर भी पानी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यहां के शवदाह केंद्र पानी से चारों तरफ घिर गए हैं. जिससे अंतिम संस्कार के लिए जाने में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. बिजली और गैस आधारित प्लांट पर अंतिम संस्कार के लिए जाना सुविधाजनक है, लेकिन यह क्षेत्र भी पानी से घिर रहा है. जिले में कुल 65 बांध हैं, जिसकी लंबाई करीब 457 किलोमीटर है. इनमें पिछले वर्ष 2020 में कुल संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थान 42 चिन्हित किये गए थे, वहां भी निगरानी बढ़ा दी गई है.
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