गोरखपुरः बढ़ते महिला अपराध और उस पर लगाम लगाने की लिए किए जाने वाले प्रयासों के क्रम में एक अद्भुत प्रयास गोरखपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली दो बेटियों ने भी किया है. इन्होंने हाथ की अंगूठी और ब्रेसलेट (Ring and bracelet alert system) में फिट होने वाला एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है जिसे वूमेन सेफ्टी ऐप (women safety app) से जोड़ने पर संकट की स्थिति में फंसी महिला या बेटियां, अपने जानने वाले चार लोगों को सूचना भेज सकती हैं. इससे उनकी लोकेशन का पता चलेगा और बचाने वाले लोग वहां पहुंच सकेंगे. साथ ही इस बीच अगर शोहदे कोई बदतमीजी करेंगे तो उनको करंट का झटका भी लगेगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बीटेक करने वाली छात्राओं के इस शोध की तारीफ भी खूब हो रही है. उनकी तकनीक को कॉलेज प्रबंधन पेटेंट कराने पर विचार कर रहा है.दरअसल, इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (ITM) कॉलेज कि बीटेक फर्स्ट ईयर की दो छात्राओं ने यह गैजेट तैयार किया है. इनके नाम हैं स्नेहा और अक्षिता.
दोनों ने अंगूठी और ब्रेसलेट में फिट की जाने वाली इस डिवाइस के बारे में बताया. उनके मुताबिक यह कॉलेज द्वारा तैयार किए गए वूमेन सेफ्टी ऐप से जोड़ी जाएगी. इसमें चार इमरजेंसी नंबर हम जोड़ सकते हैं. इसके बाद कहीं भी बाहर निकलने पर परेशानी में फंसने पर दो बार अंगूठी या ब्रेसलेट में लगे बटन को दबाने पर चार इमरजेंसी नंबरों पर मैसेज और कॉल चली जाएगी.
इससे परेशानी में फंसी हुई महिला या युवती की लोकेशन चली जाएगी. इससे आपात स्थिति में महिला को खोजने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से जो कॉल रिसीव की जाएगी वह रिकॉर्ड भी होगी. वाईफाई और ब्लूटूथ के माध्यम से इस अंगूठी को अपने मोबाइल फोन से जोड़कर उपयोग किया जा सकता है. अक्षिता ने बताया कि करीब दो हजार रुपए में उनका यह गैजेट तैयार हुआ है. इसमें ब्लूटूथ, 3.7 वोल्ट की बैटरी, एलईडी लाइट, स्टील रिंग, स्टील ब्रेसलेट का इस्तेमाल किया गया है.
दोनों छात्राओं के मुताबिक वे इस शोध को और भी उन्नत करने पर काम कर रहीं हैं. अगर उनका गैजेट कोई छीनने की कोशिश भी करता है तो इस परेशानी से लड़ने के लिए गैजेट में कुछ ऐसे मैटेरियल भी इस्तेमाल किए गए हैं जो छूते ही छीनने वाले को जोरदार झटका लगेगा. इसकी टेस्टिंग सफल रही है. अंगूठी और ब्रेसलेड का नाम योगी और मोदी दिया है.
होनहार बेटियों ने बताया कि 11 से 15 साल की स्कूल में साथ पढ़ने वाली लड़कियों के साथ मारपीट की घटना अधिकतम दर्ज हुई है. दुनिया में हर तीन में से एक 15 साल से अधिक उम्र की महिला किसी न किसी रूप में हिंसा का शिकार हुई है. यूनाइटेड नेशन के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 74 करोड़ से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं.
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