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आपदा से बचाव का हुनर जीवन बचाने में होता है कारगर, NDRF की अनोखी पहल - गोरखनाथ फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी

गोरखपुर में रासायनिक आपात स्थिति से बचाव के लिए एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन ने गोरखनाथ फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बचाव का मॉक ड्रिल का अभ्यास किया.

NDRF की पहल
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Published : Nov 22, 2022, 6:26 PM IST

गोरखपुर: प्राकृतिक और आकस्मिक आपदाओं से निपटने का हुनर अगर आपके पास है, तो आपकी जान बच सकती है. अगर यह हुनर नहीं है तो आपको खतरे से बाहर निकालने का हुनर एनडीआरएफ यानी की (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) उपलब्ध कराता है. समय-समय पर जहां NDRF नदियों, स्कूलों और अन्य जगहों पर भूकंप, आग जैसी घटनाओं से लोगों को बचने के लिए प्रशिक्षण देता है. वहीं, पर बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों जिसमें रासायनिक उत्पाद से लेकर अन्य तरह के पदार्थ बनाए जाते हैं. वहां पर भी, अचानक होने वाली किसी भी घटना से लोगों को कैसे बचाया जाए. इसका भी प्रशिक्षण NDRF देता है. गोरखपुर और उसके आसपास के जिलों में आजकल एनडीआरएफ ऐसे ही अभियान को चला रहा है. जिसका उद्देश्य प्रशिक्षण के साथ लोगों के जीवन की रक्षा का भी है.

मंगलवार को इसी क्रम में रासायनिक आपात स्थिति से बचाव के लिए एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन ने गोरखनाथ फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बचाव का मॉक ड्रिल का अभ्यास किया. अपर जिला अधिकारी मनोज कुमार सिंह एवं उप प्रभागीय मजिस्ट्रेट अजय कुमार त्रिपाठी की देख-रेख में गोरखनाथ फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड संत कबीर नगर (उ.प्र) में जिले की विभिन्न टीमों द्वारा CBRN (केमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल और न्यूक्लियर) इमरजेंसी पर मेगा मॉक अभ्यास किया गया, जिसके क्रम में एनडीआरएफ के कमांडेंट मनोज शर्मा के कुशल दिशा निर्देशन में आने वाले संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए मॉकड्रिल किया. इस मेगा मॉक अभ्यास का सम्पूर्ण नेतृत्व एनडीआरएफ की उप कमांडेंट प्रेम कुमार पासवान द्वारा गोरखपुर टीम के 35 सदस्यी पूर्ण प्रशिक्षित टीम द्वारा किया गया.

निरीक्षक दीपक कुमार कमालिया ने बताया कि 'रासायनिक, जैविक व रेडियोधर्मी आपदा अवश्य होते हैं. जिसके विषय में जानकारी ही बचाव का मूल मंत्र है. इस मेगा मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी भी रासायनिक केमिकल एवं वायोलोजिकल आपदा के दौरान घायल व चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी रिस्पांस एजेंसियों का रिस्पांस चेक करना व सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना है. इस मॉक अभ्यास द्वारा खोज, राहत व बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करना भी है. समय-समय पर इस तरह के मेगा मॉक अभ्यास द्वारा महत्वपूर्ण जीवन की रक्षा की जा सकेगी. इस मेगा मॉक अभ्यास के दौरान अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह गोरखनाथ फार्मूलेशंन प्राइवेट लिमिटेड के शांतनु अग्रवाल ( फैक्ट्री के ओनर) प्रबंधक दीनदयाल चौधरी, उप महाप्रबंधक प्रेम कुमार यादव सहित पूरा स्टाफ, रेस्कुअर एवं अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें:बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने किया मॉक ड्रिल, रामगंगा नदी में फंसे लोगों का किया रेस्क्यू

गोरखपुर: प्राकृतिक और आकस्मिक आपदाओं से निपटने का हुनर अगर आपके पास है, तो आपकी जान बच सकती है. अगर यह हुनर नहीं है तो आपको खतरे से बाहर निकालने का हुनर एनडीआरएफ यानी की (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) उपलब्ध कराता है. समय-समय पर जहां NDRF नदियों, स्कूलों और अन्य जगहों पर भूकंप, आग जैसी घटनाओं से लोगों को बचने के लिए प्रशिक्षण देता है. वहीं, पर बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों जिसमें रासायनिक उत्पाद से लेकर अन्य तरह के पदार्थ बनाए जाते हैं. वहां पर भी, अचानक होने वाली किसी भी घटना से लोगों को कैसे बचाया जाए. इसका भी प्रशिक्षण NDRF देता है. गोरखपुर और उसके आसपास के जिलों में आजकल एनडीआरएफ ऐसे ही अभियान को चला रहा है. जिसका उद्देश्य प्रशिक्षण के साथ लोगों के जीवन की रक्षा का भी है.

मंगलवार को इसी क्रम में रासायनिक आपात स्थिति से बचाव के लिए एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन ने गोरखनाथ फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बचाव का मॉक ड्रिल का अभ्यास किया. अपर जिला अधिकारी मनोज कुमार सिंह एवं उप प्रभागीय मजिस्ट्रेट अजय कुमार त्रिपाठी की देख-रेख में गोरखनाथ फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड संत कबीर नगर (उ.प्र) में जिले की विभिन्न टीमों द्वारा CBRN (केमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल और न्यूक्लियर) इमरजेंसी पर मेगा मॉक अभ्यास किया गया, जिसके क्रम में एनडीआरएफ के कमांडेंट मनोज शर्मा के कुशल दिशा निर्देशन में आने वाले संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए मॉकड्रिल किया. इस मेगा मॉक अभ्यास का सम्पूर्ण नेतृत्व एनडीआरएफ की उप कमांडेंट प्रेम कुमार पासवान द्वारा गोरखपुर टीम के 35 सदस्यी पूर्ण प्रशिक्षित टीम द्वारा किया गया.

निरीक्षक दीपक कुमार कमालिया ने बताया कि 'रासायनिक, जैविक व रेडियोधर्मी आपदा अवश्य होते हैं. जिसके विषय में जानकारी ही बचाव का मूल मंत्र है. इस मेगा मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी भी रासायनिक केमिकल एवं वायोलोजिकल आपदा के दौरान घायल व चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी रिस्पांस एजेंसियों का रिस्पांस चेक करना व सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना है. इस मॉक अभ्यास द्वारा खोज, राहत व बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करना भी है. समय-समय पर इस तरह के मेगा मॉक अभ्यास द्वारा महत्वपूर्ण जीवन की रक्षा की जा सकेगी. इस मेगा मॉक अभ्यास के दौरान अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह गोरखनाथ फार्मूलेशंन प्राइवेट लिमिटेड के शांतनु अग्रवाल ( फैक्ट्री के ओनर) प्रबंधक दीनदयाल चौधरी, उप महाप्रबंधक प्रेम कुमार यादव सहित पूरा स्टाफ, रेस्कुअर एवं अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

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