गोरखपुरः कबाड़ को जुगाड़ से बेहतरीन लुक के साथ उपयोगी वस्तुएं तैयार की जा रही हैं. रेलवे कौशल विकास मिशन से जुड़े हुए तकनीक छात्र अलग-अलग कारनामे कर रहे हैं. यांत्रिक कारखाना गोरखपुर और ऐशबाग के कोचिंग डिपो और अन्य तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों में तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों ने स्क्रैप आयल ड्रम का बेहतरीन उपयोग किया है. उन्होंने आयल ड्रम के स्क्रैप से रेलकर्मियों के बैठने के लिये 2 सीटों वाला सोफा बनाया है, जो बहुत ही हल्का और मजबूत है. इस सोफे को कार्यालयों में कांफ्रेंस रूम और पार्क जैसे अनेक स्थानों पर रखा जा सकता है.
गौरतलब है कि रेल कौशल विकास योजना के तहत रेलवे प्रशिक्षण केन्द्रों में छात्र फिटर और मशीनिष्ट का कार्य सीखते हैं. रेलवे प्रशासन के नवीन विचारों के प्रोत्साहन के अन्तर्गत छात्र स्क्रैप सामग्री से अनेक उपयोगी वस्तुएं बनाते हैं. छात्रों ने कुछ मॉडल सजावटी उद्देश्य के लिये भी बनाए हैं. इसके साथ ही गार्डेंन स्लाइडर और स्प्रिंग बेंच आदि भी बनाये जा रहे हैं.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया है कि मण्डल प्रशिक्षण केन्द्र का कोचिंग डिपो ऐशबाग स्क्रैप सामग्री को कम करने और अपशिष्ट सामग्री के पुर्नउपयोग को रचनात्मक तरीके से बढ़ाने में मदद करता है. रेल कौशल विकास योजना के अन्तर्गत कोचिंग डिपो ऐशबाग के मण्डल प्रशिक्षण केन्द्र में 21वें बैच के फिटर और मशीनिष्ट ट्रेड के छात्रों ने सोफा समेत अन्य मॉडल पर अपना हुनर दिखाया है, जो बेहद खूबसूरत और उपयोगी है.
उन्होंने कहा कि रेलवे के आंतरिक कारखाना में न सिर्फ मरम्मत के कार्य होते हैं, बल्कि रेलवे के अनुपयोगी हो चुके सामानों को प्रधानमंत्री मोदी के कौशल विकास मिशन जैसी प्रेरणा से प्रभावित होकर, मौजूदा दौर में उपयोगी बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द रेलवे के पार्कों और लॉबी में फिटर और मशीनिष्ट का कार्य सीखने वाले छात्र कई जन उपयोगी और आकर्षक सामग्री बनाएंगे. उन्हें यहां स्थापित किया जाएगा. यात्री हों या छोटे-छोटे बच्चे सभी इसका आनंद उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि कौशल विकास का यह मिशन निश्चित रूप से न सिर्फ अनुपयोगी चीजों को उपयोगी रूप देने में मददगार हो रहा है बल्कि, रोजगार का सृजन करने में भी बड़ा सहायक बन रहा है.
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