गोरखपुर: विश्व प्रसिद्ध गुरु गोरखनाथ मंदिर में मकर सक्रांति पर्व पर लगने वाले भव्य खिचड़ी मेले की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. मुख्य मंदिर से लेकर परिसर में स्थित छोटे-बड़े अन्य मंदिरों में भी रंग रोगन का काम चल रहा है. इस खिचड़ी मेले के दौरान वैश्विक महामारी को देखते हुए मकर सक्रांति पर्व के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया और कराया जाएगा. मकर सक्रांति पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल खिचड़ी चढ़ाने के लिए यहां आते हैं. खिचड़ी मेला की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गोरखपुर प्रवास के दौरान अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे.
मकर संक्रांति पर्व पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में लगने वाले भव्य खिचड़ी मेले में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर महायोगी गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं. साथ ही इस मेले के दौरान विभिन्न जगहों से आये व्यापारी अपने शहर के प्रसिद्ध सामानों की बिक्री करते हैं. खिचड़ी मेले के दौरान गोरखनाथ मंदिर में खेल तमाशा और बड़ी संख्या में सामानों की बिक्री आदि के स्टाल लगाए जाते हैं. ऐसे में कोरोना काल के दौरान भीड़ को नियंत्रित रखने के साथ ही कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराना मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. सूबे के मुखिया और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान संबंधित अधिकारियों और मंदिर प्रशासन के कर्मचारियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन के साथ श्रद्धालुओं को महायोगी गुरु गोरखनाथ के दर्शन-पूजन कराने के निर्देश दिए थे.
गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय प्रभारी द्वारका तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व पर महायोगी गुरु गोरखनाथ के प्रांगण में लगने वाले ऐतिहासिक खिचड़ी मेले की अलग ही महत्वता है. इस मौके पर नेपाल, बिहार, दिल्ली, गुजरात सहित देश-विदेश से बड़ी संख्या संख्या श्रद्धालु बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए आते हैं. ऐसे में खिचड़ी मेले की तैयारियां तो शुरू हो गई हैं. लेकिन, जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी मंदिर प्रशासन की है. ऐसे में सुरक्षित तरीके से श्रद्धालुओं को दर्शन के साथ वापस भेजना मंदिर प्रशासन की जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी निर्देशित किया है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई के साथ पालन कराया जाए, इसके दृष्टिगत पूजन-दर्शन के कार्यक्रम किए जाएंगे.