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सहजनवा दोहरीघाट नई रेल लाइन से जुड़ेगा प्रयागराज और काशी, तराई क्षेत्र में पहली बार दौड़ेगी रेल लाइन

तराई की जनता की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए सहजनवा से दोहरीघाट को बहुत जल्द रेल मार्ग से जोड़ा जाएगा. इस रेल लाइन के निर्माण में करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहली बार मोदी सरकार में इस रेल लाइन के लिए बजट का प्रावधान किया गया है.

सहजनवा दोहरीघाट नई रेल लाइन
सहजनवा दोहरीघाट नई रेल लाइन
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Published : Aug 30, 2022, 11:33 AM IST

गोरखपुर: सहजनवा से दोहरीघाट होते हुए काशी और प्रयागराज आने वाले समय में बहुत जल्द रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे. करीब 40 वर्षों से इस रेल मार्ग की मांग और आवश्यकता तराई क्षेत्र की जनता के लिए महसूस की जा रही थी. इनके लिए गोरखपुर या अन्य किसी दूसरे शहर जाने का एकमात्र साधन चार पहिया वाहन या बस ही हुआ करती हैं, लेकिन पहली बार मोदी सरकार में इस रेल लाइन के लिए न सिर्फ बजट का प्रावधान हुआ है, बल्कि भूमि अधिग्रहण के लिए बजट जारी करते हुए तैयार किए गए ड्राइंग के अनुसार रेल लाइन बिछाने का काम भी तैयार हो चुका है. प्रोजेक्ट पर काम अंतिम दौर में है, जो भूमि अधिग्रहण के साथ आने वाले समय में बहुत जल्द शुरू होगा.

इस रेल लाइन के निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट की खास बात यह होगी कि गोरखपुर रेल यातायात सुविधा में काशी-प्रयागराज के लिए डबल रूट के विकल्प के रूप में भी उपलब्ध होगा. इस बहुप्रतीक्षित रेल लाइन के लिए जिला प्रशासन ने तेजी से जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया है. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह की मानें तो करीब 81.17 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के लिए 2 जिलों की 5 तहसीलों के 111 गांव में जमीन अधिग्रहण किया जाना है. इसमें 104 गांव गोरखपुर के सहजनवा, खजनी, बांसगांव और गोला तहसील के हैं.

जानकारी देते सीपीआरओ.

समय से जमीन मिल गई तो रेलवे 3 साल में लाइन निर्माण का कार्य पूरा कर लेगा. सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन परियोजना का इंतजार जो कई वर्षों से इस क्षेत्र के लोग कर रहे हैं, उनकी आस इससे पूरी हो जाएगी. इस रेल लाइन के बन जाने से वाराणसी और बिहार के लिए एक और मार्ग तैयार हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं के कारण केंद्रीय स्तर से भी इसकी निगरानी की जा रही है, जिसके निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

यह भी पढ़ें: फुलवरिया फोरलेन एप्रोच रोड पर दरार मामले की जांच करने पहुंची केंद्रीय जांच टीम, स्वायल टेस्ट की तैयारी

इस रेल प्रोजेक्ट में कुल 10 बड़े पुल और सरयू नदी पर एक महत्वपूर्ण पुल बनाया जाएगा. 45 छोटे पुल और 15 अंडर पास भी बनाए जाने हैं. इस रेल लाइन पर दो रेल ओवरब्रिज भी बनेंगे. साथ ही जो रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा उससे ट्रेनें कुल 12 स्टेशनों से होकर गुजरेंगी. इसमें चार हाल्ट स्टेशन भी होंगे. नई रेल लाइन से गोरखपुर से वाराणसी, प्रयागराज की राह आसान होगी. साथ ही दोहरीघाट से इंदारा के बीच आमान परिवर्तन जो हो रहा है वह भी इससे जुड़ जाएगा.

यह भी पढ़ें: महराजगंज में टूटी बड़ी नहर की पटरी, बाइक सहित युवक पानी में बहा, देखें वीडियो

इस रेल लाइन के बिछ जाने से गोरखपुर से मऊ वाराणसी के रास्ते प्रयागराज तक ट्रेनें चलेंगी. इसके लिए रेलवे दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 के बीच सभी गांव की गाटा संख्या, किसानों का नाम आदि का विवरण जिला प्रशासन को उपलब्ध करा चुका है. इसके आधार पर तेजी के साथ अधिग्रहण की कार्यवाही को जिला प्रशासन आगे बढ़ा रहा है. इसमें जो समस्या थी उसके लिए जिला प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों ने बैठकर उसे दूर भी कर लिया है. इसलिए उम्मीद है कि यह परियोजना 3 वर्षों में पूर्ण हो जानी चाहिए.

गोरखपुर: सहजनवा से दोहरीघाट होते हुए काशी और प्रयागराज आने वाले समय में बहुत जल्द रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे. करीब 40 वर्षों से इस रेल मार्ग की मांग और आवश्यकता तराई क्षेत्र की जनता के लिए महसूस की जा रही थी. इनके लिए गोरखपुर या अन्य किसी दूसरे शहर जाने का एकमात्र साधन चार पहिया वाहन या बस ही हुआ करती हैं, लेकिन पहली बार मोदी सरकार में इस रेल लाइन के लिए न सिर्फ बजट का प्रावधान हुआ है, बल्कि भूमि अधिग्रहण के लिए बजट जारी करते हुए तैयार किए गए ड्राइंग के अनुसार रेल लाइन बिछाने का काम भी तैयार हो चुका है. प्रोजेक्ट पर काम अंतिम दौर में है, जो भूमि अधिग्रहण के साथ आने वाले समय में बहुत जल्द शुरू होगा.

इस रेल लाइन के निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट की खास बात यह होगी कि गोरखपुर रेल यातायात सुविधा में काशी-प्रयागराज के लिए डबल रूट के विकल्प के रूप में भी उपलब्ध होगा. इस बहुप्रतीक्षित रेल लाइन के लिए जिला प्रशासन ने तेजी से जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया है. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह की मानें तो करीब 81.17 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के लिए 2 जिलों की 5 तहसीलों के 111 गांव में जमीन अधिग्रहण किया जाना है. इसमें 104 गांव गोरखपुर के सहजनवा, खजनी, बांसगांव और गोला तहसील के हैं.

जानकारी देते सीपीआरओ.

समय से जमीन मिल गई तो रेलवे 3 साल में लाइन निर्माण का कार्य पूरा कर लेगा. सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन परियोजना का इंतजार जो कई वर्षों से इस क्षेत्र के लोग कर रहे हैं, उनकी आस इससे पूरी हो जाएगी. इस रेल लाइन के बन जाने से वाराणसी और बिहार के लिए एक और मार्ग तैयार हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं के कारण केंद्रीय स्तर से भी इसकी निगरानी की जा रही है, जिसके निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

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इस रेल प्रोजेक्ट में कुल 10 बड़े पुल और सरयू नदी पर एक महत्वपूर्ण पुल बनाया जाएगा. 45 छोटे पुल और 15 अंडर पास भी बनाए जाने हैं. इस रेल लाइन पर दो रेल ओवरब्रिज भी बनेंगे. साथ ही जो रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा उससे ट्रेनें कुल 12 स्टेशनों से होकर गुजरेंगी. इसमें चार हाल्ट स्टेशन भी होंगे. नई रेल लाइन से गोरखपुर से वाराणसी, प्रयागराज की राह आसान होगी. साथ ही दोहरीघाट से इंदारा के बीच आमान परिवर्तन जो हो रहा है वह भी इससे जुड़ जाएगा.

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इस रेल लाइन के बिछ जाने से गोरखपुर से मऊ वाराणसी के रास्ते प्रयागराज तक ट्रेनें चलेंगी. इसके लिए रेलवे दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 के बीच सभी गांव की गाटा संख्या, किसानों का नाम आदि का विवरण जिला प्रशासन को उपलब्ध करा चुका है. इसके आधार पर तेजी के साथ अधिग्रहण की कार्यवाही को जिला प्रशासन आगे बढ़ा रहा है. इसमें जो समस्या थी उसके लिए जिला प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों ने बैठकर उसे दूर भी कर लिया है. इसलिए उम्मीद है कि यह परियोजना 3 वर्षों में पूर्ण हो जानी चाहिए.

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