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महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाएगी ये वैक्सीन, हर साल भारत में होती हैं 74 हजार मौतें - ह्यूमन पैपिलोमा वायरस

यूपी सरकार ने महिलाओं को सर्वाइकल कैसर से बचाने के लिए वैक्सीन देने का प्लान तैयार किया गया है. यह वैक्सीन स्कूलों में मुफ्त लगाई जाएगी. इसके लिए 9 से 14 साल की बच्चियों को चिन्हित किया है. वहीं, कुछ समय बाद यह वैक्सीन लड़कों भी लगाई जाएगी.

महिलाओं को सर्वाइकल कैसर से बचाने के लिए वैक्सीन
महिलाओं को सर्वाइकल कैसर से बचाने के लिए वैक्सीन
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Published : Jun 8, 2023, 8:46 PM IST

महिलाओं को सर्वाइकल कैसर से बचाने के लिए वैक्सीन

गोरखपुर: एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) का संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का बड़ा कारण है. इसकी सबसे अधिक चपेट में महिलाएं हैं. जिनमें गर्भाशय के कैंसर से लेकर छह तरह के कैंसर होने का खतरा बना रहता है. इसके संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार ने वैक्सीन तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है. हालांकि, देश में इस टीके के साल 2009 से लगाये जाने की बात सामने आती है. तब इसे विदेश से मंगाकर कुछ निजी अस्पताल लगाते थे. जिसकी कीमत 3 से 4 हजार के बीच आती थी. लेकिन, अब जो टीका तैयार हुआ है वह 350 से 400 सौ रुपये में लगेगा. सरकार इसे मुफ्त में लगाने की तैयारी में है. जिसके लिए ट्रेनिंग प्रशिक्षण का कार्यक्रम तय किया गया है.

9 से 14 वर्ष की लड़कियों को लगेगा टीकाः पूर्वांचल क्षेत्र में इसकी प्रभारी व जिम्मेदारी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष रहीं रीना श्रीवस्ताव के कंधे पर आई है. इस वैक्सीन को लगाने के लिए, 9 से 14 वर्ष की आयु की बच्चियों को चिह्नित किया गया है. जिसका आंकड़ा स्कूलों से स्वास्थ्य विभाग जुटा रहा है. डॉ. रीना श्रीवास्तव इस अभियान को तेज करने में जिन लोगों की मदद ली जा सकती है, उनको प्रशिक्षण देने की कोशिश में जुटी हुई हैं.

टीका सुरक्षित, साइड इफेक्ट का खतरा नहींः डॉ. रीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस टीके को बेटियों को लगवाने की आवश्यकता है. यह सुरक्षित है और दर्दनाक गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचाता है. यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है, इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. इसे लगाने के बाद बुखार, मांसपेशियों में दर्द और लालिमा कुछ भी नहीं होता है. यह निजी चिकित्सालय में लगाई जा रही है, लेकिन थोड़ी महंगी है. दिल्ली भारत का पहला राज्य है, जहां 9 से 14 साल के बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर का टीका लगा है. इस वैक्सीन की डिमांड भारत सरकार से महिला डाक्टरों की संस्था द्वारा की गई थी. वैक्सीन की दो से तीन खुराक दी जाएगी.

हर साल आते हैं 1 लाख 32 हजार मामलेः सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है. जिससे हर साल 5 लाख 10000 महिलाएं बीमार होती हैं और 2 लाख 88000 की मौत हो जाती है. भारत में हर साल 1 लाख 32000 नए सर्वाइकल कैंसर के मामले और 74000 मौतें होती हैं. भारतीय महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से 2.5 प्रतिशत आजीवन जोखिम और 1.4 प्रतिशत को मृत्यु जोखिम का सामना करना पड़ता है.

6.6% महिलाओं को सर्वाइकल एचपीवी संक्रमणः डॉ. रीना श्रीवास्तव ने आगे बताया कि सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में पांचवा सबसे आम कैंसर है. भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद यह दूसरा सबसे आम कैंसर है. भारत की सामान्य आबादी में लगभग 6.6% महिलाओं को सर्वाइकल एचपीवी संक्रमण होता है. उन्होंने बताया कि टीका लगाने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञों की संस्था "फेडरेशन आफ गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्स" इस अभियान से जुड़े सदस्यों को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग देगा.

शुरुआती दौर में बेटियों को नहीं पता चलताः डॉ. रीना श्रीवास्तव ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शुरुआती दौर में बेटियों को नहीं पता चलता, लेकिन जब शादी हो जाती है तो कुछ सालों बाद इसकी पहचान होती है. सीरम इंस्टीट्यूट ने सर्वाइकल कैंसर के लिए नई वैक्सीन बनाई है. जिसे लगाने की अनुमति मिली हुई है. सर्वाइकल कैंसर से निपटने की केंद्र सरकार तैयारी में है. डॉ. रीना श्रीवास्तव ने बताया कि गोरखपुर क्षेत्र में करीब 13 लाख छात्राओं को कैंसर की इस बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाया जा सकेगा. वह अपनी देखरेख में ऐसे 100 डॉक्टर को इसकी ट्रेनिंग देंगी, जो इस कार्य में सहयोग देंगे.

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि इसका वैक्सीन पहले विदेशों से आता था जो बहुत मांगा है. भारत सरकार ने वैक्सीन तैयार कर लिया है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए बजट आवंटित और सुरक्षित कर रखा है. बहुत जल्द वैक्सीन आ जाएगा और सभी बहनों को इसे लगाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: Womens को सर्वाइकल कैंसर से बचाने में बेहद लाभकारी हो सकती है सर्ववैक वैक्सीन, एक से अधिक पार्टनर भी हो सकते हैं कैंसर के कारण

महिलाओं को सर्वाइकल कैसर से बचाने के लिए वैक्सीन

गोरखपुर: एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) का संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का बड़ा कारण है. इसकी सबसे अधिक चपेट में महिलाएं हैं. जिनमें गर्भाशय के कैंसर से लेकर छह तरह के कैंसर होने का खतरा बना रहता है. इसके संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार ने वैक्सीन तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है. हालांकि, देश में इस टीके के साल 2009 से लगाये जाने की बात सामने आती है. तब इसे विदेश से मंगाकर कुछ निजी अस्पताल लगाते थे. जिसकी कीमत 3 से 4 हजार के बीच आती थी. लेकिन, अब जो टीका तैयार हुआ है वह 350 से 400 सौ रुपये में लगेगा. सरकार इसे मुफ्त में लगाने की तैयारी में है. जिसके लिए ट्रेनिंग प्रशिक्षण का कार्यक्रम तय किया गया है.

9 से 14 वर्ष की लड़कियों को लगेगा टीकाः पूर्वांचल क्षेत्र में इसकी प्रभारी व जिम्मेदारी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष रहीं रीना श्रीवस्ताव के कंधे पर आई है. इस वैक्सीन को लगाने के लिए, 9 से 14 वर्ष की आयु की बच्चियों को चिह्नित किया गया है. जिसका आंकड़ा स्कूलों से स्वास्थ्य विभाग जुटा रहा है. डॉ. रीना श्रीवास्तव इस अभियान को तेज करने में जिन लोगों की मदद ली जा सकती है, उनको प्रशिक्षण देने की कोशिश में जुटी हुई हैं.

टीका सुरक्षित, साइड इफेक्ट का खतरा नहींः डॉ. रीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस टीके को बेटियों को लगवाने की आवश्यकता है. यह सुरक्षित है और दर्दनाक गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचाता है. यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है, इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. इसे लगाने के बाद बुखार, मांसपेशियों में दर्द और लालिमा कुछ भी नहीं होता है. यह निजी चिकित्सालय में लगाई जा रही है, लेकिन थोड़ी महंगी है. दिल्ली भारत का पहला राज्य है, जहां 9 से 14 साल के बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर का टीका लगा है. इस वैक्सीन की डिमांड भारत सरकार से महिला डाक्टरों की संस्था द्वारा की गई थी. वैक्सीन की दो से तीन खुराक दी जाएगी.

हर साल आते हैं 1 लाख 32 हजार मामलेः सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है. जिससे हर साल 5 लाख 10000 महिलाएं बीमार होती हैं और 2 लाख 88000 की मौत हो जाती है. भारत में हर साल 1 लाख 32000 नए सर्वाइकल कैंसर के मामले और 74000 मौतें होती हैं. भारतीय महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से 2.5 प्रतिशत आजीवन जोखिम और 1.4 प्रतिशत को मृत्यु जोखिम का सामना करना पड़ता है.

6.6% महिलाओं को सर्वाइकल एचपीवी संक्रमणः डॉ. रीना श्रीवास्तव ने आगे बताया कि सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में पांचवा सबसे आम कैंसर है. भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद यह दूसरा सबसे आम कैंसर है. भारत की सामान्य आबादी में लगभग 6.6% महिलाओं को सर्वाइकल एचपीवी संक्रमण होता है. उन्होंने बताया कि टीका लगाने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञों की संस्था "फेडरेशन आफ गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्स" इस अभियान से जुड़े सदस्यों को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग देगा.

शुरुआती दौर में बेटियों को नहीं पता चलताः डॉ. रीना श्रीवास्तव ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शुरुआती दौर में बेटियों को नहीं पता चलता, लेकिन जब शादी हो जाती है तो कुछ सालों बाद इसकी पहचान होती है. सीरम इंस्टीट्यूट ने सर्वाइकल कैंसर के लिए नई वैक्सीन बनाई है. जिसे लगाने की अनुमति मिली हुई है. सर्वाइकल कैंसर से निपटने की केंद्र सरकार तैयारी में है. डॉ. रीना श्रीवास्तव ने बताया कि गोरखपुर क्षेत्र में करीब 13 लाख छात्राओं को कैंसर की इस बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाया जा सकेगा. वह अपनी देखरेख में ऐसे 100 डॉक्टर को इसकी ट्रेनिंग देंगी, जो इस कार्य में सहयोग देंगे.

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि इसका वैक्सीन पहले विदेशों से आता था जो बहुत मांगा है. भारत सरकार ने वैक्सीन तैयार कर लिया है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए बजट आवंटित और सुरक्षित कर रखा है. बहुत जल्द वैक्सीन आ जाएगा और सभी बहनों को इसे लगाया जाएगा.

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