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गोरखपुर में डेंगू मच्छरों का प्रकोप, 1 हजार लोगों में लक्षण, 190 संक्रमित

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे (CMO Dr. Ashutosh Kumar Dubey) ने कहा कि शहर में मच्छरों (dengue in gorakhpur) पर नियंत्रण के लिए लगातार फॉगिंग हो रही है. लेकिन इस वर्ष मिलने वाले डेंगू के मरीजों की संख्या ने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

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गोरखपुर में डेंगू मच्छरों का प्रकोप
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Published : Nov 8, 2022, 8:19 PM IST

गोरखपुरः शहर में इस समय मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. शहर में डेंगू (dengue in gorakhpur) के मरीजों की संख्या 200 के पार पहुंचने वाली है. जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक नगर पालिका द्वारा मच्छरों के प्रकोप से बचाने के इंतजाम अभी तक सही से नहीं किए गए हैं. जिससे डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सबसे ज्यादा मरीज गीता प्रेस रोड के शेषपुर मुहल्ले से निकल रहे हैं. शहर के प्रत्येक मुहल्ले लगभग मच्छरों की चपेट में हैं. इसके बावजूद भी अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं.

मौजूदा समय में शहर में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रशासन द्वारा इलाज के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन डेंगू के रोकथाम और साफ सफाई अभियान में लापरवाही का नतीजा है कि मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं, निजी अस्पतालों और रैपिड जांच कराने वालों की संख्या लगभग एक हजार के करीब पहुंच चुकी है. इस माह एक नवंबर को जहां 7 मरीज डेंगू के मिले. वहीं, 2 और 3 नवंबर को इनकी संख्या 7 और 8 हो गई. 4 और 5 नवंबर को डेंगू के मरीजों की संख्या 4-4 की संख्या में मिले. 6 नवंबर को यह संख्या 13 और 7 नवंबर को 5 हो गई.

डेंगू मरीजों के इलाज के लिए दो वार्ड
जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों को भर्ती करने के लिए दो वार्ड बनाए गए हैं. जहां की पूरी व्यवस्था एसआईसी के जिम्मे है. मरीजों को मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई गई है. साथ ही परिजनों को उनसे दूर रहने के लिए कहा गया है. इसके बावजूद भी मरीजों के परिजन अस्पताल प्रशासन के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं.परिजन डेंगू वार्ड में लगातार आ और जा रहे हैं. जिससे अस्पताल प्रशासन को अन्य लोगों में भी डेंगू फैलने का खतरा महसूस हो रहा है.

सीएमओ ने स्वीकार किया है कि इस वर्ष मिलने वाले डेंगू के मरीजों की संख्या ने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. स्वास्थ विभाग की पूरी कोशिश रोकथाम से लेकर मरीजों को बेहतर सुविधा देने की बनी हुई है. लापरवाही कि कहीं कोई गुंजाइश नहीं है. वहीं ईटीवी भारत से बातचीत में नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने साफ कहा है कि एंटी लार्वा के छिड़काव से लेकर मोहल्लों में फागिंग की सुविधा बढ़ाई गई है. साफ सफाई पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. वह खुद इसके निरीक्षण के लिए सुबह और शाम निकलते हैं. उन्होंने संतोष जताया है कि मरीजों की संख्या धीरे-धीरे अब कम हो रही है.

वहीं, शहर के अधिकारियों ने बताया कि डेंगू के मिलने वाले मरीजों में ट्रेवल हिस्ट्री भी देखी जा रही है. कुछ लोग मुंबई और दिल्ली से दिवाली और छठ पूजा के दौरान आए थे. जो यहां संक्रमित होकर इलाज करा रहे हैं. वहीं, मोहल्लों की बात करें तो शेषपुर वार्ड, दीवान दयाराम, तुर्कमानपुर, बिछिया, गीता प्रेस रोड, राजघाट समेत अनेक मोहल्ले डेंगू की चपेट में हैं. ज्यादातर रोगी रैपिड जांच के आधार पर उपचार करा रहे हैं. उनकी एलाइजा जांच नहीं हो पाई है। जबकि विभाग केवल एलाइजा जांच को ही सही मानता है. वहीं, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र के शोध में यह बात सामने आई है कि इस बार फैला डेंगू वायरस डेन टू वैरीएंट है. यह ज्यादा खतरनाक नहीं होता लेकिन संक्रामकता इसकी अधिक होती है. लेकिन जनपद में डेंगू से अभी तक कोई भी मौत नहीं हुई है.

यह भी पढ़ें- सहारनपुर में अनियंत्रित ट्रक ने छात्रों को मारी टक्कर, 1 की मौत 2 घायल

गोरखपुरः शहर में इस समय मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. शहर में डेंगू (dengue in gorakhpur) के मरीजों की संख्या 200 के पार पहुंचने वाली है. जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक नगर पालिका द्वारा मच्छरों के प्रकोप से बचाने के इंतजाम अभी तक सही से नहीं किए गए हैं. जिससे डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सबसे ज्यादा मरीज गीता प्रेस रोड के शेषपुर मुहल्ले से निकल रहे हैं. शहर के प्रत्येक मुहल्ले लगभग मच्छरों की चपेट में हैं. इसके बावजूद भी अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं.

मौजूदा समय में शहर में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रशासन द्वारा इलाज के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन डेंगू के रोकथाम और साफ सफाई अभियान में लापरवाही का नतीजा है कि मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं, निजी अस्पतालों और रैपिड जांच कराने वालों की संख्या लगभग एक हजार के करीब पहुंच चुकी है. इस माह एक नवंबर को जहां 7 मरीज डेंगू के मिले. वहीं, 2 और 3 नवंबर को इनकी संख्या 7 और 8 हो गई. 4 और 5 नवंबर को डेंगू के मरीजों की संख्या 4-4 की संख्या में मिले. 6 नवंबर को यह संख्या 13 और 7 नवंबर को 5 हो गई.

डेंगू मरीजों के इलाज के लिए दो वार्ड
जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों को भर्ती करने के लिए दो वार्ड बनाए गए हैं. जहां की पूरी व्यवस्था एसआईसी के जिम्मे है. मरीजों को मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई गई है. साथ ही परिजनों को उनसे दूर रहने के लिए कहा गया है. इसके बावजूद भी मरीजों के परिजन अस्पताल प्रशासन के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं.परिजन डेंगू वार्ड में लगातार आ और जा रहे हैं. जिससे अस्पताल प्रशासन को अन्य लोगों में भी डेंगू फैलने का खतरा महसूस हो रहा है.

सीएमओ ने स्वीकार किया है कि इस वर्ष मिलने वाले डेंगू के मरीजों की संख्या ने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. स्वास्थ विभाग की पूरी कोशिश रोकथाम से लेकर मरीजों को बेहतर सुविधा देने की बनी हुई है. लापरवाही कि कहीं कोई गुंजाइश नहीं है. वहीं ईटीवी भारत से बातचीत में नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने साफ कहा है कि एंटी लार्वा के छिड़काव से लेकर मोहल्लों में फागिंग की सुविधा बढ़ाई गई है. साफ सफाई पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. वह खुद इसके निरीक्षण के लिए सुबह और शाम निकलते हैं. उन्होंने संतोष जताया है कि मरीजों की संख्या धीरे-धीरे अब कम हो रही है.

वहीं, शहर के अधिकारियों ने बताया कि डेंगू के मिलने वाले मरीजों में ट्रेवल हिस्ट्री भी देखी जा रही है. कुछ लोग मुंबई और दिल्ली से दिवाली और छठ पूजा के दौरान आए थे. जो यहां संक्रमित होकर इलाज करा रहे हैं. वहीं, मोहल्लों की बात करें तो शेषपुर वार्ड, दीवान दयाराम, तुर्कमानपुर, बिछिया, गीता प्रेस रोड, राजघाट समेत अनेक मोहल्ले डेंगू की चपेट में हैं. ज्यादातर रोगी रैपिड जांच के आधार पर उपचार करा रहे हैं. उनकी एलाइजा जांच नहीं हो पाई है। जबकि विभाग केवल एलाइजा जांच को ही सही मानता है. वहीं, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र के शोध में यह बात सामने आई है कि इस बार फैला डेंगू वायरस डेन टू वैरीएंट है. यह ज्यादा खतरनाक नहीं होता लेकिन संक्रामकता इसकी अधिक होती है. लेकिन जनपद में डेंगू से अभी तक कोई भी मौत नहीं हुई है.

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