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Money Exchanger: यहां लगती है सड़क पर नोटों की दुकान, ठेलों पर रखी जाती हैं सब्जियों की तरह गड्डियां

गोरखपुर में शादी के सीजन में बैंकों से नई नोटों की गड्डियां नहीं मिलने से लोग निराश लोग एक्सचेंजरों को एक हजार रुपये के बदले 1150 रुपये दे रहे हैं. वहीं, एक्सचेंजर सड़क विदेशी करेंसियों को बदलकर भारतीय नोटों को दे रहे हैं.

गोरखपुर में नोटों को लेकर एक्सचेंजर और ग्राहकों ने बताया.
गोरखपुर में नोटों को लेकर एक्सचेंजर और ग्राहकों ने बताया.
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Published : Jan 31, 2023, 5:57 PM IST

गोरखपुर में नोटों को लेकर एक्सचेंजर और ग्राहकों ने बताया.

गोरखपुरः आपने सड़क किनारे फल और सब्जियों के साथ बहुत से सामान ठेलों पर पर बिकते देखा होगा और खरीदा होगा. लेकिन क्या कभी आपने सड़क किनारे ठेलों पर नोटों की दुकान देखी है. जी हां, गोरखपुर में सड़क पर नोटों की दुकान सजती है और जमकर कमीश्न का खेल होता है. दरअसल, शादी-विवाह में नए नोट के अलावा 10, 20, 50 और 100 रुपये के नोटों का बड़ा महत्व होता है. मौजूदा समय में शादी विवाह का दौर चल रहा है. इसलिए इसका महत्व और ही बढ़ गया है. बैंकों से नई नोटों की गड्डियां नहीं मिलने से लोग निराश हो रहे हैं. जबकि सड़क के किनारे बैठकर कटी फटी नोटों का कारोबार करने वाले व्यापारियों के यहां यह नोट धड़ल्ले से मिल रही हैं. जहां एक हजार रुपये के बदले 1100 से लेकर 1150 रुपये दीजिए. इसके बाद आप नए नोटों की गड्डियां घर लेकर जाइए. जहां अवैध मनी एक्सचेंजर सड़क पर ही सऊदी से लेकर नेपाल की करेंसी तत्काल चेंज कर भारतीय करेंसी दे दे रहे हैं.

वहीं, बैंक में कोई भी गुजारिश काम नहीं आ रही. बैंकों में नए नोट के नहीं मिलने से मनी एक्सचेंजरों की चांदी हो गई है. जहां 10 रुपये के नोटों की गड्डी खासतौर पर बैंक में नहीं मिल रही है. जबकि बाहर एक्सचेंजरों के यहां धड़ल्ले से मिल रही हैं. इसकी कीमत भी जरूरतमंद को चुकाना पड़ रहा है. जबकि शादी-ब्याह के सीजन में नए नोटों की गड्डी की डिमांड बैंकों से भी लोगों की पूरी नहीं पा रही है. प्रतिदिन तमाम लोग नई नोट पाने की उम्मीद लेकर बैंक पहुंचते हैं. लेकिन उनके हाथ निराशा ही लग रही है.

शहर का एक रोड बैंक रोड के नाम से ही जाना जाता है. जिस पर स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक समेत कई बैंकों के बड़े प्रतिष्ठान हैं. यहीं पर ये मनी एक्सचेंजर सड़क के दोनों तरफ खुलेआम नोटों का कारोबार करते हैं. जहां नई नई नोट लोगों को आकर्षित करती हैं, तो वहीं, बैंकों में इसकी चाहत लोगों को निराश करती है. कुशीनगर से नए नोटों की चाह में विजय प्रकाश मिश्रा गोरखपुर तक आए. वे बैंकों का चक्कर लगाने के बाद अंततः मनी एक्सचेंजरों के हाथ से ही 1000 के बदले 1150 रुपये देकर नई गड्डी को हासिल कर चले गए. वहींं, मनी एक्सचेंजर सोनू और सुनील का कहना है कि वह कुल 10 परसेंट पर कारोबार करते हैं. जिसमें 8 पर्सेंट बैंक में जमा हो जाता है. 2 परसेंट उनके पास आता है, यह कटी फटी नोटो पर लागू होता है. नई नोटों को वह स्थानीय बैंको से ही लाते हैं. ग्राहकों से जैसी बात बन जाती हैं, उसी के अनुसार ग्राहकों को दे देते हैं.

ईटीवी भारत ने स्टेट बैंक के प्रशासनिक कार्यालय में डिप्टी जनरल मैनेजर संजीव कुमार से बात करने का प्रयास किया. लेकिन वह बैंकिंग मीटिंग के सिलसिले में बहार थे. फोन पर उन्होंने बताया कि जो भी ग्राहक बैंकों तक आते हैं, उन्हें नई नोट की सिर्फ एक गड्डी उपलब्ध कराई जाती है. सीजन में कुछ दिक्कतें नोटों को लेकर आती हैं. फिर भी लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे बैठकर मनी एक्सचेंजर के रूप में नोटों का कारोबार करने वालों को बैंक नोट प्राप्त नहीं कराता है. वह कहीं और से नोटों का आदान प्रदान करते होंगे. सेंट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एलबी झा ने भी कहा कि एक्सचेंजर कहीं और से नोटों का आदान प्रदान करते हैं.

ईटीवी भारत की इस पड़ताल में एक बात निकलकर सामने आई है कि, एक्सचेंजर सड़कों के किनारे कारोबार कर रहे हैं. उन्हें लाइसेंस भी आरबीआई से मिलता है. शहर के एक पुराने एक्सचेंजर के मुताबिक जितने लोगों का भी लाइसेंस मिला था, वह सब मौजूदा समय में रद्द हो चुका है. फिर भी लोग कारोबार कर रहे हैं. जिसे बैंक रोड पर देखा जा सकता है. यहां कटे-फटे नोट को बदलने के साथ ही नए नोट की गड्डी भी उपलब्ध कराई जाती है. यही नहीं यह रियाल, डालर के साथ ही नेपाली करेंसी को भी चेंज कर देते हैं. ईटीवी भारत पर एक एक्सचेंजर ने जो बयान दिया है, वह यह साबित करता है कि मुद्रा बदलने का लाईसेंस फिलहाल किसी के पास नहीं है. क्योंकि रिजर्व बैंक ने कोई नया लाइसेंस जारी नहीं किया है.



यह भी पढ़ें- Budget 2023 : पीएम के संसदीय क्षेत्र की महिलाएं बाेलीं, बजट में महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए हाे प्रावधान

गोरखपुर में नोटों को लेकर एक्सचेंजर और ग्राहकों ने बताया.

गोरखपुरः आपने सड़क किनारे फल और सब्जियों के साथ बहुत से सामान ठेलों पर पर बिकते देखा होगा और खरीदा होगा. लेकिन क्या कभी आपने सड़क किनारे ठेलों पर नोटों की दुकान देखी है. जी हां, गोरखपुर में सड़क पर नोटों की दुकान सजती है और जमकर कमीश्न का खेल होता है. दरअसल, शादी-विवाह में नए नोट के अलावा 10, 20, 50 और 100 रुपये के नोटों का बड़ा महत्व होता है. मौजूदा समय में शादी विवाह का दौर चल रहा है. इसलिए इसका महत्व और ही बढ़ गया है. बैंकों से नई नोटों की गड्डियां नहीं मिलने से लोग निराश हो रहे हैं. जबकि सड़क के किनारे बैठकर कटी फटी नोटों का कारोबार करने वाले व्यापारियों के यहां यह नोट धड़ल्ले से मिल रही हैं. जहां एक हजार रुपये के बदले 1100 से लेकर 1150 रुपये दीजिए. इसके बाद आप नए नोटों की गड्डियां घर लेकर जाइए. जहां अवैध मनी एक्सचेंजर सड़क पर ही सऊदी से लेकर नेपाल की करेंसी तत्काल चेंज कर भारतीय करेंसी दे दे रहे हैं.

वहीं, बैंक में कोई भी गुजारिश काम नहीं आ रही. बैंकों में नए नोट के नहीं मिलने से मनी एक्सचेंजरों की चांदी हो गई है. जहां 10 रुपये के नोटों की गड्डी खासतौर पर बैंक में नहीं मिल रही है. जबकि बाहर एक्सचेंजरों के यहां धड़ल्ले से मिल रही हैं. इसकी कीमत भी जरूरतमंद को चुकाना पड़ रहा है. जबकि शादी-ब्याह के सीजन में नए नोटों की गड्डी की डिमांड बैंकों से भी लोगों की पूरी नहीं पा रही है. प्रतिदिन तमाम लोग नई नोट पाने की उम्मीद लेकर बैंक पहुंचते हैं. लेकिन उनके हाथ निराशा ही लग रही है.

शहर का एक रोड बैंक रोड के नाम से ही जाना जाता है. जिस पर स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक समेत कई बैंकों के बड़े प्रतिष्ठान हैं. यहीं पर ये मनी एक्सचेंजर सड़क के दोनों तरफ खुलेआम नोटों का कारोबार करते हैं. जहां नई नई नोट लोगों को आकर्षित करती हैं, तो वहीं, बैंकों में इसकी चाहत लोगों को निराश करती है. कुशीनगर से नए नोटों की चाह में विजय प्रकाश मिश्रा गोरखपुर तक आए. वे बैंकों का चक्कर लगाने के बाद अंततः मनी एक्सचेंजरों के हाथ से ही 1000 के बदले 1150 रुपये देकर नई गड्डी को हासिल कर चले गए. वहींं, मनी एक्सचेंजर सोनू और सुनील का कहना है कि वह कुल 10 परसेंट पर कारोबार करते हैं. जिसमें 8 पर्सेंट बैंक में जमा हो जाता है. 2 परसेंट उनके पास आता है, यह कटी फटी नोटो पर लागू होता है. नई नोटों को वह स्थानीय बैंको से ही लाते हैं. ग्राहकों से जैसी बात बन जाती हैं, उसी के अनुसार ग्राहकों को दे देते हैं.

ईटीवी भारत ने स्टेट बैंक के प्रशासनिक कार्यालय में डिप्टी जनरल मैनेजर संजीव कुमार से बात करने का प्रयास किया. लेकिन वह बैंकिंग मीटिंग के सिलसिले में बहार थे. फोन पर उन्होंने बताया कि जो भी ग्राहक बैंकों तक आते हैं, उन्हें नई नोट की सिर्फ एक गड्डी उपलब्ध कराई जाती है. सीजन में कुछ दिक्कतें नोटों को लेकर आती हैं. फिर भी लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे बैठकर मनी एक्सचेंजर के रूप में नोटों का कारोबार करने वालों को बैंक नोट प्राप्त नहीं कराता है. वह कहीं और से नोटों का आदान प्रदान करते होंगे. सेंट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एलबी झा ने भी कहा कि एक्सचेंजर कहीं और से नोटों का आदान प्रदान करते हैं.

ईटीवी भारत की इस पड़ताल में एक बात निकलकर सामने आई है कि, एक्सचेंजर सड़कों के किनारे कारोबार कर रहे हैं. उन्हें लाइसेंस भी आरबीआई से मिलता है. शहर के एक पुराने एक्सचेंजर के मुताबिक जितने लोगों का भी लाइसेंस मिला था, वह सब मौजूदा समय में रद्द हो चुका है. फिर भी लोग कारोबार कर रहे हैं. जिसे बैंक रोड पर देखा जा सकता है. यहां कटे-फटे नोट को बदलने के साथ ही नए नोट की गड्डी भी उपलब्ध कराई जाती है. यही नहीं यह रियाल, डालर के साथ ही नेपाली करेंसी को भी चेंज कर देते हैं. ईटीवी भारत पर एक एक्सचेंजर ने जो बयान दिया है, वह यह साबित करता है कि मुद्रा बदलने का लाईसेंस फिलहाल किसी के पास नहीं है. क्योंकि रिजर्व बैंक ने कोई नया लाइसेंस जारी नहीं किया है.



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