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पूर्वोत्तर रेलवे तैयार कर रहा है 'रक्षक कोच', कोरोना पीड़ितों को देगा जीवनदान

कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय के यांत्रिक कारखाने में 16 कोचों को अस्पताल का रूप दिया जा रहा है. इन कोचों का नाम 'रक्षक कोच' होगा.

isolation ward being made to 16 coach of the train
isolation ward being made to 16 coach of the train
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Published : Apr 3, 2020, 12:46 PM IST

Updated : Apr 3, 2020, 4:15 PM IST

गोरखपुर: देश में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए 21 दिनों का लॉकडाउन है, जिसके तहत सभी ट्रेनें को भी फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में अस्पतालों की कमी और आपात स्थिति से निपटने के लिए इन ट्रेनों में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है. इसी के तहत गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय के यांत्रिक कारखाना में 16 कोचों को अस्पताल का रूप दिया जा रहा है, जो देश के किसी भी कोने में पहुंचने वाला और चलने फिरने वाला अस्पताल कोरोना पेसेंट को आइसोलेट करने के साथ ही उन्हें जीवनदान भी देगा.

जानकारी देते संवाददाता.

'रक्षक कोच' देगा जीवनदान
गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय के यांत्रिक कारखाने में इस कोच को तैयार किया जा रहा है. इसका नाम 'रक्षक कोच' रखा गया है. एक पूरी रैक में कुल 16 कोच होंगे, जिसमें तीन एसी कोच आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के आराम करने के लिए होगा. इसके साथ ही इसमें हर कोच में आठ और एक केबिन में एक पेशेंट को रखने की व्यवस्था की जाएगी. चार में एक लैबोरेट्री को बाथरूम के रूप में कन्वर्ट किया गया है. एक पैंट्री कार के साथ 10 कोच में 80 मरीजों का इलाज किया जा सकेगा. ऐसे ग्रामीण इलाकों, जहां पर अस्पताल की सुविधा नहीं है, वहां पर आइसोलेशन की सुविधा से लैस रक्षक वरदान साबित होगा.

इसे भी पढ़ें- कोरोना का कहर: UP में संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 126

'रक्षक कोच' में सीनियर सेक्शन इंजीनियर प्रिय रंजन ने बताया कि कोच में एक केबिन डॉक्टर के लिए रखा गया है. ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जिसमें वे मेडिकल उपकरण रख सकते हैं. अन्य केबिन में मिडिल बर्थ हटा दी गई है. इसके अलावा वाटर होल्डर अधिक लगाया है, चार लेबोरेट्री में एक को बाथरूम में करवट किया गया है.

उन्होंने बताया कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी जहां अस्पताल की सुविधा नहीं है और रेल की पटरिया गुजरती हैं वहां पर ले जाए जा सकता है. इसमें ऑपरेशन की सुविधा भी होगी. तीन एसी कोच डॉक्टरों के आराम करने के लिए होंगे. इसमें 16 कोच होगा और 80 परसेंट को इसमें आइसोलेट किया जाएगा. रेलवे बोर्ड ने 216 कोच तैयार करने के लिए हमें टारगेट दिया है. जहां पर सरकार का निर्देश होगा, वहां पर इंजन के माध्यम से इन कोचों को भेजा जाएगा.

गोरखपुर: देश में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए 21 दिनों का लॉकडाउन है, जिसके तहत सभी ट्रेनें को भी फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में अस्पतालों की कमी और आपात स्थिति से निपटने के लिए इन ट्रेनों में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है. इसी के तहत गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय के यांत्रिक कारखाना में 16 कोचों को अस्पताल का रूप दिया जा रहा है, जो देश के किसी भी कोने में पहुंचने वाला और चलने फिरने वाला अस्पताल कोरोना पेसेंट को आइसोलेट करने के साथ ही उन्हें जीवनदान भी देगा.

जानकारी देते संवाददाता.

'रक्षक कोच' देगा जीवनदान
गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय के यांत्रिक कारखाने में इस कोच को तैयार किया जा रहा है. इसका नाम 'रक्षक कोच' रखा गया है. एक पूरी रैक में कुल 16 कोच होंगे, जिसमें तीन एसी कोच आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के आराम करने के लिए होगा. इसके साथ ही इसमें हर कोच में आठ और एक केबिन में एक पेशेंट को रखने की व्यवस्था की जाएगी. चार में एक लैबोरेट्री को बाथरूम के रूप में कन्वर्ट किया गया है. एक पैंट्री कार के साथ 10 कोच में 80 मरीजों का इलाज किया जा सकेगा. ऐसे ग्रामीण इलाकों, जहां पर अस्पताल की सुविधा नहीं है, वहां पर आइसोलेशन की सुविधा से लैस रक्षक वरदान साबित होगा.

इसे भी पढ़ें- कोरोना का कहर: UP में संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 126

'रक्षक कोच' में सीनियर सेक्शन इंजीनियर प्रिय रंजन ने बताया कि कोच में एक केबिन डॉक्टर के लिए रखा गया है. ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जिसमें वे मेडिकल उपकरण रख सकते हैं. अन्य केबिन में मिडिल बर्थ हटा दी गई है. इसके अलावा वाटर होल्डर अधिक लगाया है, चार लेबोरेट्री में एक को बाथरूम में करवट किया गया है.

उन्होंने बताया कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी जहां अस्पताल की सुविधा नहीं है और रेल की पटरिया गुजरती हैं वहां पर ले जाए जा सकता है. इसमें ऑपरेशन की सुविधा भी होगी. तीन एसी कोच डॉक्टरों के आराम करने के लिए होंगे. इसमें 16 कोच होगा और 80 परसेंट को इसमें आइसोलेट किया जाएगा. रेलवे बोर्ड ने 216 कोच तैयार करने के लिए हमें टारगेट दिया है. जहां पर सरकार का निर्देश होगा, वहां पर इंजन के माध्यम से इन कोचों को भेजा जाएगा.

Last Updated : Apr 3, 2020, 4:15 PM IST
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