गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर रेलवे से जुड़े कामकाज पर नए और किफायती स्टार्टअप तैयार करने वाले युवाओं को मौका देगा. इसके लिए रेलवे ने अनुदान के रूप में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का इंतजाम किया है. रेलवे ने 11 विभागों में स्टार्टअप की योजना को आगे बढ़ाने का प्लान तैयार किया है. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मंत्रालय की तरफ से एक वेबसाइट जारी की गई है. इस पर स्टार्टअप से संबंधित आवेदन और प्रोजेक्ट अपलोड किए जा सकते हैं. जिनके प्रोजेक्ट स्वीकार होंगे उन्हें दिल्ली बोर्ड में साक्षात्कार और कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना होगा. इसके बाद जिसका चयन होगा उन्हें अपना स्टार्टअप पूर्वोत्तर रेलवे के उस विभाग में संचालित करना होगा, जिसके लिए उन्हें अनुमति मिलेगी.
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि भारतीय रेलवे ने परिचालन से जुड़ी चुनौतियों, ट्रैक स्वच्छता, फ्रैक्चर आदि से निपटने के लिए स्टार्टअप की नीति जारी की है. इसके तहत इनोवेशन पोर्टल भी लांच किया गया है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के अलावा एकल इनोवेटर, पार्टनरशिप फर्म और कंपनियां भी इसमें भाग ले सकेंगी. प्रतिभाशाली युवा नई तकनीक के माध्यम से रेलवे के विकास में योगदान दे सकेंगे. इसके लिए नव अन्वेषक को डेढ़ करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की यह योजना निश्चित रूप से रेलवे के विकास और समाज के भीतर तकनीकी दक्षता को पैदा करने में ऊर्जा भरने का काम करेगी.
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पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ब्रोकेन रेल डिटेक्शन सिस्टम, रेल स्ट्रेंस मॉनिटरिंग सिस्टम, हेड-वे इंप्रूवमेंट सिस्टम, ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का ऑटोमेशन, भारी माल ढुलाई के लिए वैगन की डिजाइन, 3 फेज के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास, नमक जैसी सामग्री की ढुलाई के लिए हल्के वजन के वैगन, यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डाटा का उपयोग, ट्रैक क्लीनिंग मशीन, पोस्ट ट्रेनिंग रिवीजन और सेल्फ सर्विस रिफ्रेशर कोर्स के लिए ऐप और पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग ज्योमेटिक्स एवं जीआईएस के उपयोग जैसे विषय पर स्टार्टअप रेलवे में शामिल किए जाएंगे.
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