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यात्रियों की टिकट वापसी पूर्वोत्तर रेलवे को पड़ रही भारी, लाखों का हुआ नुकसान - टिकट कैंसिल करने से रेलवे को नुकसान

कोरोना संक्रमण जब बढ़ा तब दूसरे राज्यों से प्रवासी अपने घरों को लौट आए. उन्हें उम्मीद थी की कुछ दिनों बाद हालात सामान्य हो जाएंगे और वो वापस रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में चले जाएंगे, लेकिन अभी भी रोजगार संकट और कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग बाहर जाने से कतरा रहे हैं. जिन्होंने वापस जाने का टिकट करा लिया था पहले ही वह अब अपना टिकट कैंसिल कर दे रहे हैं, जिससे पूर्वोत्तर रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.

यात्रियों की टिकट वापसी
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Published : Jun 25, 2021, 2:18 AM IST

गोरखपुर : कोरोना का असर भले ही कम हुआ है, लेकिन यह समाप्त नहीं हुआ है, जिसका सीधा असर ट्रेन की यात्रा पर भी दिखाई दे रहा है. इसकी वजह से रोजी रोजगार का संकट भी अभी बना हुआ है. दूसरे शहर जाकर रोजगार करने की उम्मीद लगाए बैठे लोग संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अभी भी अपने घर पर ही बने रहना चाहते हैं. यही वजह है कि इसका सीधा असर ट्रेनों के संचालन और टिकटों की बिक्री पर पड़ रहा है.

गोरखपुर से विभिन्न औद्योगिक शहरों को जाने वाली ट्रेनों में पहले की अपेक्षा यात्री कम जा रहे हैं. बात करें पिछले 45-50 दिनों की तो इन शहरों को जाने वाले यात्रियों ने जो टिकट बुक कराया था उसमें करीब 40 फीसदी लोगों ने टिकटों की वापसी करा लिया है. ऐसे यात्रियों की संख्या करीब 12 लाख है, जिससे रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ है.

12 लाख यात्रियों से रेलवे को हुआ लाखों का नुकसान

1 अप्रैल 2021 से 20 मई तक पूर्वोत्तर रेलवे में लगभग 42 लाख लोगों ने टिकट बुक कराया था, जिसमें करीब 12 लाख से अधिक लोगों ने अपना टिकट वापस करा लिया है. यह आंकड़ा बता रहा है कि कोरोन काल में घर आए हुए लोग स्थिति सामान्य होने के साथ ही लौटना चाह रहे थे, लेकिन जिन शहरों में वह काम पर थे वहां आज भी रोजगार का संकट है. वहीं फिर से कोरोना के नए रूप में सामने आने से लोग चिंतित हैं. इसलिए वह घर से बाहर जाने की बजाए अपनी यात्रा को स्थगित कर घर पर रहना उचित समझ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- भारत दर्शन ट्रेन से 7 ज्योतिर्लिंग की यात्रा कराएगा IRCTC

सामान्य दिनों में करीब डेढ़ लाख यात्री उतरते थे गोरखपुर स्टेशन पर

सबसे ज्यादा टिकट का कैंसिलेशन 9 से 19 मई के बीच हुआ. ऐसे में रेलवे में टिकट बेचकर जो कमाया था उसका आधा से अधिक वापस करना पड़ गया. टिकट वापस करने वाले यात्रियों का कहना है कि जो साथी बेंगलुरु, मुंबई जैसे शहरों में गए हैं उन्हें वहां भी काम और रोजगार की दिक्कत हो रही है. साथ ही कोरोना का संक्रमण बढ़ने की भी खबरें आ रही हैं, जिससे लोग रिस्क नहीं लेना चाहते और अपने घर पर आना चाहते हैं. अभी भी दो तिहाई स्पेशल ट्रेनों से दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात से आने वाले यात्रियों की संख्या कम नहीं हुई है, लेकिन जाने वालों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा कम हो गई है.

रेलवे सूत्रों की बात करें तो सामान्य दिनों में करीब डेढ़ लाख लोगों का प्रतिदिन यहां आना जाना होता था. जो घटकर 20 से 22 हजार हो गया है. जबकि बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या 6 से 7 हजार हो गई है. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की माने तो यात्रियों की सुविधा को देखते हुए आवश्यकता अनुसार सभी महत्वपूर्ण मार्गों पर विशेष ट्रेन चलाई जा रही है. माल ढुलाई पूरी प्राथमिकता पर हो रही है, लेकिन यात्रियों की टिकट वापसी रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.

गोरखपुर : कोरोना का असर भले ही कम हुआ है, लेकिन यह समाप्त नहीं हुआ है, जिसका सीधा असर ट्रेन की यात्रा पर भी दिखाई दे रहा है. इसकी वजह से रोजी रोजगार का संकट भी अभी बना हुआ है. दूसरे शहर जाकर रोजगार करने की उम्मीद लगाए बैठे लोग संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अभी भी अपने घर पर ही बने रहना चाहते हैं. यही वजह है कि इसका सीधा असर ट्रेनों के संचालन और टिकटों की बिक्री पर पड़ रहा है.

गोरखपुर से विभिन्न औद्योगिक शहरों को जाने वाली ट्रेनों में पहले की अपेक्षा यात्री कम जा रहे हैं. बात करें पिछले 45-50 दिनों की तो इन शहरों को जाने वाले यात्रियों ने जो टिकट बुक कराया था उसमें करीब 40 फीसदी लोगों ने टिकटों की वापसी करा लिया है. ऐसे यात्रियों की संख्या करीब 12 लाख है, जिससे रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ है.

12 लाख यात्रियों से रेलवे को हुआ लाखों का नुकसान

1 अप्रैल 2021 से 20 मई तक पूर्वोत्तर रेलवे में लगभग 42 लाख लोगों ने टिकट बुक कराया था, जिसमें करीब 12 लाख से अधिक लोगों ने अपना टिकट वापस करा लिया है. यह आंकड़ा बता रहा है कि कोरोन काल में घर आए हुए लोग स्थिति सामान्य होने के साथ ही लौटना चाह रहे थे, लेकिन जिन शहरों में वह काम पर थे वहां आज भी रोजगार का संकट है. वहीं फिर से कोरोना के नए रूप में सामने आने से लोग चिंतित हैं. इसलिए वह घर से बाहर जाने की बजाए अपनी यात्रा को स्थगित कर घर पर रहना उचित समझ रहे हैं.

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सामान्य दिनों में करीब डेढ़ लाख यात्री उतरते थे गोरखपुर स्टेशन पर

सबसे ज्यादा टिकट का कैंसिलेशन 9 से 19 मई के बीच हुआ. ऐसे में रेलवे में टिकट बेचकर जो कमाया था उसका आधा से अधिक वापस करना पड़ गया. टिकट वापस करने वाले यात्रियों का कहना है कि जो साथी बेंगलुरु, मुंबई जैसे शहरों में गए हैं उन्हें वहां भी काम और रोजगार की दिक्कत हो रही है. साथ ही कोरोना का संक्रमण बढ़ने की भी खबरें आ रही हैं, जिससे लोग रिस्क नहीं लेना चाहते और अपने घर पर आना चाहते हैं. अभी भी दो तिहाई स्पेशल ट्रेनों से दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात से आने वाले यात्रियों की संख्या कम नहीं हुई है, लेकिन जाने वालों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा कम हो गई है.

रेलवे सूत्रों की बात करें तो सामान्य दिनों में करीब डेढ़ लाख लोगों का प्रतिदिन यहां आना जाना होता था. जो घटकर 20 से 22 हजार हो गया है. जबकि बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या 6 से 7 हजार हो गई है. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की माने तो यात्रियों की सुविधा को देखते हुए आवश्यकता अनुसार सभी महत्वपूर्ण मार्गों पर विशेष ट्रेन चलाई जा रही है. माल ढुलाई पूरी प्राथमिकता पर हो रही है, लेकिन यात्रियों की टिकट वापसी रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.

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