गोरखपुर: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का जीवन संवारने में बड़ा ही मददगार साबित हो रहा है. मिशन से जुड़ी महिलाओं ने चूल्हे-चौके से आगे बढ़कर आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी है. अब वह अपने परिवारों में आय अर्जित करने वाले प्रमुख सदस्य की भी भूमिका में हैं. मोदी सरकार के इस मिशन को योगी सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही है. जिसकी तस्दीक आंकड़े करते हैं. गोरखपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जहां लक्ष्य से अधिक उत्पादक महिला स्वयं समूहों ( Gorakhpur mahila swayam samuh) का गठन हुआ है. वहीं, इन समूहों ने सिर्फ चार माह में 200 करोड़ रुपये की बचत वृद्धि कर कामयाबी की नई इबारत लिख डाली है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2021 में गोरखपुर में 3,432 महिला स्वयं समूहों का गठन किया गया था. इनमें से 33 उत्पादक समूहों के गठन के लक्ष्य के सापेक्ष 36 उत्पादक समूहों का गठन हुआ. प्रत्येक ग्राम पंचायत से चयनित दो-दो समूहों की प्रगति बहुत उत्साहजनक है. इसके लिए कुल 1294 ग्राम पंचायतों में लक्षित 2588 समूहों के सापेक्ष 2470 समूहों को चयनित किया गया. इन चयनित समूहों की बचत नवंबर 2021 में 3 करोड़ 91 लाख 67 हजार रुपये थी. जो वर्ष 2022 में बढ़कर 6 करोड़ 38 हजार रुपये हो गई है. यानी इन समूहों ने सरकार के प्रोत्साहन से 2 करोड़ 8 लाख 71 हजार रुपये की बचत वृद्धि की.
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स्वावलंबन के मंत्र से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, उनके आत्म सम्मान को नई ऊंचाई देने की दिशा में योगी सरकार के प्रयासों से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रति महिलाओं का रुझान बढ़ा है. इस मिशन से जुड़कर और प्रशिक्षण प्राप्त कर गांव की महिलाएं सब्जी उत्पादन, नमकीन उत्पादन, मशरूम उत्पादन, कृत्रिम आभूषण निर्माण, बैग, ड्रेस, फाइल फोल्डर बनाने के साथ पुष्टाहार उत्पादन से जुड़कर आय अर्जित कर अपना जीवन समुन्नत बना रही हैं.
इस बीच आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka amrut Mahotsav) और हर घर तिरंगा झंडा के अभियान (har ghar tiranga abhiyan) को सफल बनाने के लिए इनके पास झंडे के निर्माण का ऑर्डर मिला है. जिसे वह पूरी तल्लीनता से पूरा करने में जुटी है. इस कार्य में खोराबार ब्लॉक की महिलाएं बड़ी तेजी के साथ जुटी हैं. पंचायत राज विभाग के अधिकारी भी इनका हौसला बढ़ा रहे हैं.
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