गोरखपुर: नगर निगम गोरखपुर महानगर के विकास पर इस वित्तीय वर्ष में कुल 473 करोड़ रुपये खर्च करेगा. इस बजट प्रस्ताव पर कार्यकारिणी समिति की बैठक में पेपरलेस बजट पास किया गया. आय-व्यय बजट वित्तीय वर्ष 2020-21 में जो पारित हुआ था, उसमें प्राप्तियों का अनुमान रुपये 39961.35 लाख और व्यय का अनुमान 41763.60 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 जिसमें प्राप्तियों का अनुमान रुपये 36824.70 लाख और व्यय का अनुमान 39145.10 लाख का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया.
बैठक के बीच में पार्षद आलोक सिंह विशेन द्वारा पूछा गया कि महापौर के कार्यकाल में नगर निगम की वित्तीय स्थिति क्या थी? जिस पर बोर्ड ने बताया कि 127 करोड़ नगर निगम पर लाइबिल्टी थी, जो धीरे-धीरे कम करते हुए वर्तमान समय में लगभग 40 करोड़ रुपये रह गई है, जिसमें केवल आठ करोड़ की लाइबिल्टी निर्माण विभाग की बची है, जिसका बिल लेखा विभाग में प्रस्तुत है. उस पर सभी सदस्यों ने महापौर के कार्य कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए मेज थप-थपाकर उनका स्वागत किया.
गोरखपुर महानगर के प्रत्येक वार्डों में 30-30 लाख का कार्य नगर निगम निधि से कराये जाने हेतु सभी पार्षद एवं मनोनित पार्षद से प्रस्ताव लेकर वित्तीय वर्ष 2021-22 में कराये जाने का निर्णय लिया गया है. अंत में महापौर ने सभी का धन्यवाद देते हुए बैठक समाप्त करने की घोषण की.
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के बजट पर महापौर सीताराम जायसवाल ने बधाई दी. उन्होंने कहा कि सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश विकास पथ पर प्रशस्त है. इसी क्रम में सीएम ने देश में पहला भारी भरकम बजट अपनी कैबिनेट से स्वीकृत किया है, जिसमें सभी वर्गों का ख्याल रखते हुए किसानों, मजदूरों, व्यापारियों के साथ ही धार्मिक स्थलों एवं पर्यटनों पर विशेष ध्यान देते हुए 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का बजट पारित कर इतिहास रचा है, जिससे उत्तर प्रदेश के सभी लोग लाभन्वित होंगे. इसके लिए महानगर की जनता, पार्षद की तरफ से मुख्यमंत्री को ढ़ेर सारी बधाई दी गई.