गोरखपुर: यूनिवर्सिटी ऑफ नार्थ डकोटा अमेरिका और गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMTU) के बीच शुक्रवार को एक अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. डकोटा यूनिवर्सिटी से आए दो प्रोफेसरों की मौजूदगी में शिक्षा, शोध और फैकल्टी के आदान-प्रदान पर मुहर लगी. इस दौरान इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में दोनों यूनिवर्सिटी द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस हुआ, जिसमें तमाम तकनीकी वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों ने हिस्सा लिया.
भारत के बाहर MMMTU का 7वां समझौता
इस कॉन्फ्रेंस के बाद अब दोनों विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एक दूसरे के यहां पढ़ाई के लिए जा सकेंगे. आपसी सहमति के अनुरूप विज्ञान प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में संयुक्त शोध परियोजनाओं की संयुक्त गोष्ठी भी आयोजित की जा सकेगी. अमेरिका की 1883 में स्थापित यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ डकोटा वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित है. भारत के बाहर यह MMMTU का होने वाला सातवां बड़ा समझौता है.
विवि. अंतर्राष्ट्रीय पहचान कायम करेगा
भारतीय मूल के डकोटा यूनिवर्सिटी के प्रो. ओम प्रकाश यादव ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस से यह विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय पहचान कायम करने की ओर बढ़ चलेगा. प्रोफेसर ने कहा कि वह इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल के शोध में कुछ नया करने की सोच रहे हैं.
कई विवि. से हो चुके हैं समझौते
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का यूएसए की विस्कंसिन यूनिवर्सिटी, जापान की राईक्यूस, इटली की ईएनईए और थाईलैंड के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पोलैंड की कारलोस यूनिवर्सिटी और स्पेन के साथ भी समझौता हो चुका है. कॉलेज से विश्वविद्यालय बनने के 6 वर्षों में विश्वविद्यालय अपने काम को वैश्विक पहचान देने में जुटा हुआ है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफे. एसएन सिंह लगातार ऐसे प्रयासों में जुटे हुए हैं.
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