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गोरखपुर विश्वविद्यालय: शिक्षक भर्ती में अपनों पर बरसी कृपा, पूर्व कुलपति ने किया खुलासा

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Published : Aug 21, 2019, 12:37 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ी धांधली सामने आई है. यह आरोप विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के वरिष्ठ सदस्य राम अचल सिंह ने लगाया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में हुई भर्ती में प्रोफेसरों के बच्चों, भाई-बहनों और रिश्तेदारों की नियुक्ति की गई है.

गोरखपुर विश्वविद्यालय

गोरखपुर : गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ी धांधली सामने आई है. विश्वविद्यालय में हुई भर्ती में प्रोफेसरों के बच्चों, भाई-बहनों और रिश्तेदारों की नियुक्ति किए जाने की बात कही जा रही है. यह आरोप विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के वरिष्ठ सदस्य और अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राम अचल सिंह ने लिखित रूप से तथ्यों के साथ लगाया है. उन्होंने अपनी पूरे शिकायती पत्र और दस्तावेजी सबूत को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भेजते हुए इसकी उचित जांच करने के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई धांधली का खलासा करते पूर्व कुलपति.

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ईटीवी से खास बातचीत में पूर्व कुलपति ने ये बताया

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रोफेसर राम अचल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय कार्यपरिषद का सदस्य होने की वजह से विश्वविद्यालय द्वारा जो भी कदम उठाए जाते हैं उनमें सदस्यों की राय मांगी जाती है. नियुक्तियों में उनकी राय और सुझाव को अनदेखा किया गया. यही नहीं शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में उन्होंने जो भी शिकायत की उसे अनसुना किया गया और जब भर्ती के परिणाम आए तो वह बेहद चौंकाने वाले थे.

उन्होंने कहा कि हैरानी होती है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के बच्चों, बहन-भाई की ही नियुक्ति कर दी गई है, जबकि तमाम योग्य अभ्यर्थियों के भी बायोडाटा और आवेदन इस नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए थे.

पुत्र-पुत्रियोंं और रिश्तेदारों की खूब हुई नियुक्ति

उन्होंने बताया कि हिंदी विभाग में पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र दुबे के पुत्र डॉ. प्रत्युष दुबे का चयन हुआ है. पूर्व अध्यक्ष अनंत मिश्र के पौत्र अखिल मिश्र का चयन हुआ है. रसायन विज्ञान में प्रोफेसर जीएस शुक्ल के बेटे डॉ निखिल कांत का चयन हुआ है. प्रो. मिश्र, प्रोफेसर श्रीवास्तव के बेटों के अलावा प्रोफेसर जितेंद्र मिश्र की बेटी डॉ. लक्ष्मी मिश्रा का केमिस्ट्री में और प्रोफेसर केडीएस यादव के पुत्र समेत कई का चयन किया गया है.

प्रोफेसर राम अचल सिंह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही भौतिकी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही विभिन्न पदों पर भी काम किया है. उनकी चर्चा एक ईमानदार कुलपति और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष की रही है. लिहाजा उनकी शिकायत को काफी गंभीर माना जा रहा है. यही वजह है की विश्वविद्यालय परिसर में इसको लेकर खासी हलचल है तो विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वीके सिंह ने ईटीवी के सामने कोई जवाब नहीं दिया.

गोरखपुर : गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ी धांधली सामने आई है. विश्वविद्यालय में हुई भर्ती में प्रोफेसरों के बच्चों, भाई-बहनों और रिश्तेदारों की नियुक्ति किए जाने की बात कही जा रही है. यह आरोप विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के वरिष्ठ सदस्य और अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राम अचल सिंह ने लिखित रूप से तथ्यों के साथ लगाया है. उन्होंने अपनी पूरे शिकायती पत्र और दस्तावेजी सबूत को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भेजते हुए इसकी उचित जांच करने के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई धांधली का खलासा करते पूर्व कुलपति.

इसे भी पढ़ें : कासगंजः सरकारी आवास वितरण में धांधली का आरोप, होगी जांच

ईटीवी से खास बातचीत में पूर्व कुलपति ने ये बताया

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रोफेसर राम अचल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय कार्यपरिषद का सदस्य होने की वजह से विश्वविद्यालय द्वारा जो भी कदम उठाए जाते हैं उनमें सदस्यों की राय मांगी जाती है. नियुक्तियों में उनकी राय और सुझाव को अनदेखा किया गया. यही नहीं शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में उन्होंने जो भी शिकायत की उसे अनसुना किया गया और जब भर्ती के परिणाम आए तो वह बेहद चौंकाने वाले थे.

उन्होंने कहा कि हैरानी होती है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के बच्चों, बहन-भाई की ही नियुक्ति कर दी गई है, जबकि तमाम योग्य अभ्यर्थियों के भी बायोडाटा और आवेदन इस नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए थे.

पुत्र-पुत्रियोंं और रिश्तेदारों की खूब हुई नियुक्ति

उन्होंने बताया कि हिंदी विभाग में पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र दुबे के पुत्र डॉ. प्रत्युष दुबे का चयन हुआ है. पूर्व अध्यक्ष अनंत मिश्र के पौत्र अखिल मिश्र का चयन हुआ है. रसायन विज्ञान में प्रोफेसर जीएस शुक्ल के बेटे डॉ निखिल कांत का चयन हुआ है. प्रो. मिश्र, प्रोफेसर श्रीवास्तव के बेटों के अलावा प्रोफेसर जितेंद्र मिश्र की बेटी डॉ. लक्ष्मी मिश्रा का केमिस्ट्री में और प्रोफेसर केडीएस यादव के पुत्र समेत कई का चयन किया गया है.

प्रोफेसर राम अचल सिंह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही भौतिकी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही विभिन्न पदों पर भी काम किया है. उनकी चर्चा एक ईमानदार कुलपति और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष की रही है. लिहाजा उनकी शिकायत को काफी गंभीर माना जा रहा है. यही वजह है की विश्वविद्यालय परिसर में इसको लेकर खासी हलचल है तो विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वीके सिंह ने ईटीवी के सामने कोई जवाब नहीं दिया.

Intro:गोरखपुर। दशकों बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े भ्रष्टाचार और नियमों को अनदेखा कर विश्वविद्यालय के शिक्षकों के बेटी-बेटों और पाल्यों को नौकरी देने का आरोप लगा है। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के वरिष्ठ सदस्य और अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राम अचल सिंह ने लिखित रूप से तथ्यों के साथ लगाया है। उन्होंने अपनी पूरे शिकायती पत्र और दस्तावेजी सबूत को महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को भेजते हुए इसकी उचित जांच और नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों को रद्द करने के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग किया है। जिसके बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वीके सिंह समेत नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े लोगों के होश फाख्ता हो गए हैं।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रोफेसर राम अचल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय कार्यपरिषद का सदस्य होने की वजह से विश्वविद्यालय द्वारा जो भी कदम उठाए जाते हैं उनमें सदस्यों की राय मांगी जाती है। लेकिन नियुक्तियों में उनके राय और सुझाव को अनदेखा किया गया। यही नहीं शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में उन्होंने जो भी शिकायत की उसे अनसुना किया गया और जब भर्ती के परिणाम आए तो वह बेहद चौंकाने वाले रहे। उन्होंने कहा कि यह हैरानी होती है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर के बच्चों, बेटी-बेटी बहन -भाई की ही नियुक्ति कर दी गई है जबकि, तमाम योग्य अभ्यर्थियों के भी बायोडाटा और आवेदन इस नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए थे। उन्होंने सिलसिलेवार ईटीवी के सामने एक विभाग में हुई नियुक्तियों और विश्वविद्यालय के शिक्षकों के पाल्यों की जानकारी साझा किया और कहा कि जो हुआ है वह गलत है। समाज में भ्रष्टाचार और धांधली की चर्चा है जिसकी जांच होनी ही चाहिये।

बाइट--प्रो0 राम अचल सिंह, कार्य परिषद सदस्य, डीडीयू एवं पूर्व कुलपति अवध विवि


Conclusion:प्रोफेसर राम अचल सिंह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही भौतिकी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं साथ ही विभिन्न पदों पर भी काम किया है। उनकी चर्चा एक ईमानदार कुलपति और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष की रही है। लिहाजा उनकी शिकायत को काफी गंभीर माना जा रहा है। यही वजह है की विश्वविद्यालय परिसर में इसको लेकर खासी हलचल है तो विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वीके सिंह ने ईटीवी के सामने कोई जवाब नहीं दिया है। राम अचल सिंह ने कहा है कि उनके जैसे लोगों का कर्तव्य बनता है कि जो गलत हो रहा है और नियम विरुद्ध है उसके खिलाफ आवाज उठाई जाए। क्योंकि अगर उनके जैसे लोग ही चुप बैठ गए तो शिक्षा के बड़े केंद्र भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएंगे।

बाइट-प्रो0 राम अचल सिंह

इन पर आपत्ति दर्ज कराया है राम अचल सिंह-----

उन्होंने बताया कि हिंदी विभाग में पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग सुरेंद्र दुबे के पुत्र डॉ0 प्रत्युष दुबे का चयन हुआ है। पूर्व अध्यक्ष अनंत मिश्र के पौत्र अखिल मिश्र का चयन हुआ है तो रसायन विज्ञान में प्रोफेसर जी इस शुक्ल के बेटे डॉ निखिल कांत प्रोफेसर का चयन हुआ है। प्रो मिश्र, प्रोफेसर श्रीवास्तव के बेटों के अलावा प्रोफेसर जितेंद्र मिश्र की बेटी डॉ लक्ष्मी मिश्रा का केमिस्ट्री में और प्रोफेसर केडीएस यादव के पुत्र समेत कई शिक्षक पाल्यों के चयन पर उंगली उठाते हुए उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को तथ्यों के साथ अवगत कराते हुए जांच की मांग कर दिया है।

क्लोजिंग पीटीसी...
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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