गोरखपुर : गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ी धांधली सामने आई है. विश्वविद्यालय में हुई भर्ती में प्रोफेसरों के बच्चों, भाई-बहनों और रिश्तेदारों की नियुक्ति किए जाने की बात कही जा रही है. यह आरोप विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के वरिष्ठ सदस्य और अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राम अचल सिंह ने लिखित रूप से तथ्यों के साथ लगाया है. उन्होंने अपनी पूरे शिकायती पत्र और दस्तावेजी सबूत को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भेजते हुए इसकी उचित जांच करने के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
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ईटीवी से खास बातचीत में पूर्व कुलपति ने ये बताया
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रोफेसर राम अचल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय कार्यपरिषद का सदस्य होने की वजह से विश्वविद्यालय द्वारा जो भी कदम उठाए जाते हैं उनमें सदस्यों की राय मांगी जाती है. नियुक्तियों में उनकी राय और सुझाव को अनदेखा किया गया. यही नहीं शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में उन्होंने जो भी शिकायत की उसे अनसुना किया गया और जब भर्ती के परिणाम आए तो वह बेहद चौंकाने वाले थे.
उन्होंने कहा कि हैरानी होती है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के बच्चों, बहन-भाई की ही नियुक्ति कर दी गई है, जबकि तमाम योग्य अभ्यर्थियों के भी बायोडाटा और आवेदन इस नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए थे.
पुत्र-पुत्रियोंं और रिश्तेदारों की खूब हुई नियुक्ति
उन्होंने बताया कि हिंदी विभाग में पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र दुबे के पुत्र डॉ. प्रत्युष दुबे का चयन हुआ है. पूर्व अध्यक्ष अनंत मिश्र के पौत्र अखिल मिश्र का चयन हुआ है. रसायन विज्ञान में प्रोफेसर जीएस शुक्ल के बेटे डॉ निखिल कांत का चयन हुआ है. प्रो. मिश्र, प्रोफेसर श्रीवास्तव के बेटों के अलावा प्रोफेसर जितेंद्र मिश्र की बेटी डॉ. लक्ष्मी मिश्रा का केमिस्ट्री में और प्रोफेसर केडीएस यादव के पुत्र समेत कई का चयन किया गया है.
प्रोफेसर राम अचल सिंह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही भौतिकी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही विभिन्न पदों पर भी काम किया है. उनकी चर्चा एक ईमानदार कुलपति और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष की रही है. लिहाजा उनकी शिकायत को काफी गंभीर माना जा रहा है. यही वजह है की विश्वविद्यालय परिसर में इसको लेकर खासी हलचल है तो विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वीके सिंह ने ईटीवी के सामने कोई जवाब नहीं दिया.