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लंपी वायरस की रोकथाम के लिए पशुओं के आवागमन की सीमा निर्धारित, बढ़ेगी निगरानीः मंत्री धर्मपाल सिंह

गोरखपुर में मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि लंपी वायरस की रोकथाम के लिए लॉक डाऊन की सीमा निर्धारित की जाएगी. इसके लिए भारत-नेपाल बॉर्डर से मध्यप्रदेश सीमा तक बढ़ेगी निगरानी. वहीं, वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 10:38 PM IST

गोरखपुर: प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह ने लंपी वायरस की रोकथाम के लिए भारत नेपाल सीमा से होते हुए मध्य प्रदेश सीमा तक लॉकडाउन लगाने की बात कही है. यह लॉकडाउन पशुओं के आवागमन पर लागू होगा. जिसके लिए एक सीमा का निर्धारण भी कर दिया गया है. यही नहीं पशु हाट बाजार, मेला या ऐसे किसी भी जगह पर नहीं देखे जाने चाहिए. ऐसा निर्देश मंत्री ने जिले के मुख्य विकास अधिकारी और पशुपालन विभाग को दिया है. उन्होंने कहा कि इस वायरस से पशुओं को बचाने और रोकथाम के लिए सरकार प्रभावी कदम उठा चुकी है.

दुग्ध विकास, पशुपालन एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गोरखपुर में करीब 20 हजार से अधिक तक टीका अब तक लगाए जा चुके हैं. कान्हा उपवन से अब तक उन्हे एक पशु की मौत की सूचना मिली है. इसके साथ ही सभी पशु आश्रय स्थल में भूसा का पर्याप्त इंतजाम हो, गांव में भी खुले में पशु घूमते न मिले, प्रधान के साथ पशुपालन विभाग मिलकर इस पर कार्य करें. उन्होंने प्रधानों से अपील की है कि ऐसे पशुओ को नजदीकी गौशाला में पहुंचाने का इंतजाम किया जाए. लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए 20 लाख टीके का प्रबंध सरकार ने किया है. पशुपालन मंत्री गुरुवार को गोरखपुर में थे और दुग्ध विकास के साथ टीकाकरण और अन्य योजनाओं की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष लंपी वायरस का संक्रमण पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ से बाकी क्षेत्र में फैला था. लेकिन इस बार यह संक्रमण पूर्व की तरफ से पश्चिम की तरफ जाता दिखाई दे रहा है. इसी को रोकने के लिए उन्होंने पशुओं के लॉकडाउन की योजना बनाई है. इसे इम्युनीटी बेल्ट भी कहा जा रहा है जो नेपाल बॉर्डर से लेकर मध्यप्रदेश, राजस्थान बॉर्डर तक है. जो दस किलो मीटर चौडी और 320 किलो मीटर लंबी है. यह पूरी कोशिश है कि पूरब से यह वायरस पश्चिम की तरफ न बढ़ने पाए.इसको इसी बेल्ट में रोक दिया जाए. साथ ही पशुओं के हाट, बाजार मेला भी नहीं लगेंगे, इस पर 31 अक्टूबर तक रोक लगा दी गई है. मंत्री ने कहा कि गाय ज्यादा से ज्यादा बछिया को जन्म दें. इसलिए सरकार सीमन भी उपलब्ध करा रही है. जो पहले के मूल्य से काफी कम कीमत पर भी मिल रहा है. यह ₹800 से घटकर 300 और मौजूदा समय ₹100 में उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बछड़े का जन्म होता है, तो उसके बधियाकरण की भी व्यवस्था पशुपालन विभाग करेगा.

मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुल 190 लाख गोवंश की संख्या है और लंपी स्किन की बीमारी से 36 जिले प्रभावित हैं. करीब 5623 गोवंश इससे प्रभावित है और 61 गोवंशों की मृत्यु अब तक हो चुकी है. पिछले वर्ष 160 लाख वैक्सीन की मात्रा क्रय की गई थी और इस वर्ष 109 लाख वैक्सीन क्रय की जा चुकी है. प्रदेश के सभी जिलों को वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है. लंपी प्रभावित जनपदों में टीकाकरण की कुल 1083 टीमें कार्य कर रही हैं. जिनके द्वारा प्रतिदिन 1 लाख 80000 टीकाकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जो जनपद प्रभावित नहीं है. उन जनपदों की सीमाओं को गोट पॉक्स वैक्सीन से टीकाकरण कराकर आच्छादित किये जाने का प्लान है. यही नहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ बीमारी के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से पीलीभीत, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा तक 10 किलोमीटर की परिधि में वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: साइबर ठग ने कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के नाम से मैसेज भेजे, लिखा- मुसीबत में हूं, पैसे भेज दो

यह भी पढ़ें: प्लेटफार्म पर गाड़ी चढ़ाने पर मंत्री ने दी सफाई, अखिलेश के ट्वीट पर कहा- उन्होंने अच्छा नहीं कहा

गोरखपुर: प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह ने लंपी वायरस की रोकथाम के लिए भारत नेपाल सीमा से होते हुए मध्य प्रदेश सीमा तक लॉकडाउन लगाने की बात कही है. यह लॉकडाउन पशुओं के आवागमन पर लागू होगा. जिसके लिए एक सीमा का निर्धारण भी कर दिया गया है. यही नहीं पशु हाट बाजार, मेला या ऐसे किसी भी जगह पर नहीं देखे जाने चाहिए. ऐसा निर्देश मंत्री ने जिले के मुख्य विकास अधिकारी और पशुपालन विभाग को दिया है. उन्होंने कहा कि इस वायरस से पशुओं को बचाने और रोकथाम के लिए सरकार प्रभावी कदम उठा चुकी है.

दुग्ध विकास, पशुपालन एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गोरखपुर में करीब 20 हजार से अधिक तक टीका अब तक लगाए जा चुके हैं. कान्हा उपवन से अब तक उन्हे एक पशु की मौत की सूचना मिली है. इसके साथ ही सभी पशु आश्रय स्थल में भूसा का पर्याप्त इंतजाम हो, गांव में भी खुले में पशु घूमते न मिले, प्रधान के साथ पशुपालन विभाग मिलकर इस पर कार्य करें. उन्होंने प्रधानों से अपील की है कि ऐसे पशुओ को नजदीकी गौशाला में पहुंचाने का इंतजाम किया जाए. लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए 20 लाख टीके का प्रबंध सरकार ने किया है. पशुपालन मंत्री गुरुवार को गोरखपुर में थे और दुग्ध विकास के साथ टीकाकरण और अन्य योजनाओं की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष लंपी वायरस का संक्रमण पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ से बाकी क्षेत्र में फैला था. लेकिन इस बार यह संक्रमण पूर्व की तरफ से पश्चिम की तरफ जाता दिखाई दे रहा है. इसी को रोकने के लिए उन्होंने पशुओं के लॉकडाउन की योजना बनाई है. इसे इम्युनीटी बेल्ट भी कहा जा रहा है जो नेपाल बॉर्डर से लेकर मध्यप्रदेश, राजस्थान बॉर्डर तक है. जो दस किलो मीटर चौडी और 320 किलो मीटर लंबी है. यह पूरी कोशिश है कि पूरब से यह वायरस पश्चिम की तरफ न बढ़ने पाए.इसको इसी बेल्ट में रोक दिया जाए. साथ ही पशुओं के हाट, बाजार मेला भी नहीं लगेंगे, इस पर 31 अक्टूबर तक रोक लगा दी गई है. मंत्री ने कहा कि गाय ज्यादा से ज्यादा बछिया को जन्म दें. इसलिए सरकार सीमन भी उपलब्ध करा रही है. जो पहले के मूल्य से काफी कम कीमत पर भी मिल रहा है. यह ₹800 से घटकर 300 और मौजूदा समय ₹100 में उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बछड़े का जन्म होता है, तो उसके बधियाकरण की भी व्यवस्था पशुपालन विभाग करेगा.

मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुल 190 लाख गोवंश की संख्या है और लंपी स्किन की बीमारी से 36 जिले प्रभावित हैं. करीब 5623 गोवंश इससे प्रभावित है और 61 गोवंशों की मृत्यु अब तक हो चुकी है. पिछले वर्ष 160 लाख वैक्सीन की मात्रा क्रय की गई थी और इस वर्ष 109 लाख वैक्सीन क्रय की जा चुकी है. प्रदेश के सभी जिलों को वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है. लंपी प्रभावित जनपदों में टीकाकरण की कुल 1083 टीमें कार्य कर रही हैं. जिनके द्वारा प्रतिदिन 1 लाख 80000 टीकाकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जो जनपद प्रभावित नहीं है. उन जनपदों की सीमाओं को गोट पॉक्स वैक्सीन से टीकाकरण कराकर आच्छादित किये जाने का प्लान है. यही नहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ बीमारी के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से पीलीभीत, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा तक 10 किलोमीटर की परिधि में वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया गया है.

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