गोरखपुर: जिले में सोमवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एलुमनी मीट का आयोजन किया गया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन के पूर्व निदेशक और लैंको लिमिटेड सीईओ एसके मित्तल शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में हाइड्रो पावर के वर्तमान और भविष्य की उपयोगिता के साथ, एनर्जी के अन्य सेक्टर पर भी खुलकर बात की.
ऊर्जा मानव जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता: एसके मित्तल ने कहा कि ऊर्जा मानव जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है. चाहे वह किसी भी रूप में इंसान को प्राप्त हो रही हो. मौजूदा दौर में सोलर एनर्जी पर सरकार का फोकस ज्यादा है. लेकिन, हाइड्रो पावर सभी प्रकार के ऊर्जा क्षेत्र में सबसे उपयोगी और स्टोरेज में भी बेहतर है. यह स्टार्ट और शटडाउन लेने में भी अन्य विद्युत संयंत्रों से बेहतर काम करती है और ग्रिड को भी लाभ पहुंचाती है. साथ ही उन्होने यह भी कहा कि मौजूदा समय में देश के युवाओं को चाहिए कि, वह जिस भी संस्था या कारोबार से जुड़े तो उसे अपना मानकर जुड़े. तभी वह भविष्य में बेहतर रिजल्ट दे पाएंगे और खुद का भी व्यवसाय और संस्थान खड़ा कर पाएंगे. क्योंकि किसी भी लक्ष्य के प्रति ईमानदारी और अपनेपन का समर्पण ही, सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में टेक्नोलॉजी इतनी इंप्रूव हो चुकी है कि अब हाइड्रो पावर स्टेशन को तैयार करने में कोई संकट नहीं है.
जल विद्युत संयंत्र पर्यावरण के लिए लाभकारी: लैंको लिमिटेड के सीईओ एसके मित्तल ने कहा कि हाइड्रो पावर ग्रिड को रुक-रुक कर स्थिर करता है. यह अन्य पावर जेनरेशन केंद्र की तुलना में तेजी के साथ स्टार्ट और बंद किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब कोई सूरज या हवा नहीं होती है, तो टरबाइन के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए पानी का उपयोग किया जा सकता है. जल विद्युत संयंत्र का पावर ग्रिड पर स्थिर प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि इससे बाढ़ का खतरा भी काम हो जाता है. एक जल विद्युत संयंत्र न केवल बिजली उत्पन्न करता है, बल्कि यह उस क्षेत्र के साथ बातचीत भी करता है, जिसमें यह स्थित है. क्षेत्र के विकास में यह योगदान देता है. उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभ देता है. उन्होंने कहा कि जहां भी डैम बनाकर पानी को रोक कर बिजली पैदा करने का कार्य किया जा रहा है, उससे बाढ़ का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है. जिससे नीचे के सिंचित क्षेत्र में फसलों को भी लाभ होता है.
दुनिया का सबसे बड़ा बिजली उत्पादन संयंत्र जल: एसके मित्तल ने कहा कि जल विद्युत की ऊर्जा क्षमता बहुत अधिक है. काफी ऊंचाई पर पाए जाने वाले पानी का विशाल द्रव्यमान, काफी मात्रा में गुरुत्वाकर्षण संभावित ऊर्जा से संपन्न होता है. इसके लिए एक हिस्से का भी दोहन करने का अर्थ है कि आपके पास प्रचुर मात्रा में ऊर्जा का होना. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा बिजली उत्पादन संयंत्र जल विद्युत है, जो लाखों लोगों की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए सक्षम है. इसे स्थापित करने में निवेश थोड़ा महंगा होता है लेकिन, एक बार बांध बन जाने, बिजली संयंत्र बन जाने और टरबाइन स्थापित हो जाने के बाद, इसका रखरखाव न्यूनतम होता है. यह अन्य बिजली संयंत्रों से अधिक क्षमता और अतिरिक्त लाभ देता है. इसके कारण ऊर्जा के क्षेत्र में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी आ रही है.
बिजली का स्टोरेज बहुत ही खर्चीला: एसके मित्तल ने बताया कि भले मौजूदा दौर में सोलर एनर्जी की बात खूब हो रही है और यह सस्ती है. लेकिन, हर समय उसकी उपयोगिता करना कठिन कार्य है. उन्होंने कहा कि बिजली का स्टोरेज बहुत ही खर्चीला और कठिन है. ऐसे में हाइड्रो पावर संयंत्र न सिर्फ वर्तमान, बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ा उपयोगी है. एलुमनी मीट में आकर मित्तल काफी उत्साहित थे. उनके साथ देश-विदेश के कुल 300 एलुमनी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. जिसमें दुनिया के 50 देशों में काम करने वाले एलुमनी भी कार्यक्रम में हंसते नाचते शामिल हुए.
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