गोरखपुर: गीता प्रेस से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका कल्याण पिछले 93 वर्षों से अनवरत लोगों पर अध्यात्मिक संदेश पहुंचाने में संलग्न है. मई 2019 तक 15 करोड़ 85 लाख 78 हजार प्रतियां छप चुकी हैं. अभी तक 93 विशेषांक को 1111 मासिक अंकों के माध्यम से गीता, उपनिषद और पुराणों का संदेश लोगों तक कल्याण पहुंचा चुकी है.
पूरे देश में इसके दो लाख से ज्यादा ग्राहक है. मात्र 250 रुपये में 11 मासिक पत्रिका है. इनकी पृष्ठ संख्या 52 होती है और एक विशेषांक होता है. इसमें 600 पृष्ठ की मोटी पुस्तक ग्राहकों को दी जाती है. प्रतिदिन गीता प्रेस से 25,000 प्रतियां कल्याण की डिस्पैच की जाती हैं.
प्रथम संपादक गृहस्थ संत भाई जी हनुमान प्रसाद
गीता प्रेस से प्रकाशित 'कल्याण' के प्रथम संपादक गृहस्थ संत भाई जी हनुमान प्रसाद पोद्दार के कल्याण पत्रिका ही भाई जी के गोरखपुर आने का कारण बनी. 1984 से वर्तमान संपादक राधेश्याम खेमका की देखरेख में कल्याण निकल रही है. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसके कई सरकारों का दोबारा प्रकाशन करना पड़ा पाठकों की मांग पर कुछ विशेषांक तो आज भी अनवरत प्रकाशित होते रहते हैं, कल्याण का पहला अंक साधारण अंक था, अभी तक विशेषांक है.
ऐसे हुई कल्याण के प्रकाशन की शुरुआत-
- दिल्ली में अप्रैल 1926 में आयोजित मारवाड़ी अग्रवाल सभा के आठवें अधिवेशन में घनश्याम दास बिड़ला ने भाई जी को अपने विचारों व सिद्धांतों की एक पत्रिका निकालने की सलाह दी.
- इस सलाह को लेकर भाईजी गीता प्रेस के संस्थापक सेठ जी जयदयाल गोयनका से मिले.
- उन्होंने अपनी सहमति दे दी और 22 अप्रैल 1926 को इस पत्रिका का नाम कल्याण निश्चित किया गया.
- भाई जी हनुमान प्रसाद पोद्दार के अथक परिश्रम से अगस्त 1926 में कल्याण का प्रथम साधारण अंक मुंबई से प्रकाशित हुआ.
- इस वर्ष कल्याण के 12 साधारण अंक प्रकाशित किए गए.
- दूसरे वर्ष कल्याण का प्रथम विशेषांक भावनात्मक गोरखपुर से प्रकाशित हुआ. तभी से लेकर आज तक प्रति वर्ष विशेषांक प्रकाशित हो रहे हैं.
- कल्याण का प्रकाशन गोरखपुर से अगस्त 1927 से शुरू हुआ.
- यह प्रकाशन आज तक अनवरत रूप से जारी है.
गीता प्रेस प्रकाशन के उत्पादक प्रबंधक लालमणि तिवारी बताते हैं कि-
- कल्याण एक मासिक पत्रिका है.
- इस पत्रिका में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से संबंधित लेख प्रकाशित किए जाते हैं.
- कल्याण पत्रिका के प्रकाशित होने पर बहुत से लोगों ने हिंदी सीखी.
- कल्याण पिछले 93 वर्षों से निरंतर प्रकाशित किया जा रहा है.
- इस वर्ष 93 वा अंक राधा माधव पर आधारित है. जनवरी में यह प्रकाशित हुआ है.
- इस अंक में राधा माधव के अवतार से संबंधित सारी चीजें एक ही पुस्तक में मिल जाएंगे.