ETV Bharat / state

रमजान में महंगाई ने बढ़ाई टोपी और इत्र की कीमतें, आप भी जानें क्या है भाव

बढ़ती महंगाई ने लोगों के लिए खासा दिक्क्तें पैदा कर दीं हैं. जी हां, कुछ ऐसा ही आलम गोरखपुर में भी दिख रहा है. यहां 7 से 5 रूप में मिलने वाली टोपियां आज 15 से 20 रुपये तक की मिल रहीं हैं. लोगों का कहना है कि इस्लाम प्रथा को निभाने के लिए उन्हें महंगे दामों पर इसे खरीदना पड़ रहा है.

etv bharat
टोपी और इत्र
author img

By

Published : Apr 19, 2022, 5:10 PM IST

गोरखपुर: माह-ए-रमजान को पाक मां के रूप में भी जाना जाता है. इस दौरान रोजेदार पूरी शिद्दत और साफ-सफाई के साथ इबादत और लोगों की मदद में लगे रहते हैं. इस बार का रमजान रोजेदारों पर भारी पड़ रहा है क्योंकि रोजमर्रा की जरूरत की कीमतों में लगातार वृद्धि ही रही है. इसके चलते लोगों को खासा दिक्कतों का सामान भी करना पड़ रहा है. दरअसल, रमजान में टोपी और इत्र का एक विशेष महत्व है और इबादत के समय सुन्नत से जोड़ा गया है लेकिन दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई ने विभिन्न प्रकार की टोपीयों के दामों में करीब 20 से 30% का उछाल ला दिया है. वहीं, इत्र भी इससे अछूता नहीं है.

टोपी और इत्र

बाजारों में हक्कानी, ओवैसी, बरकाती, रामपुरी, बांग्लादेशी सहित तमाम तरह की रंग बिरंगी टोपियां बिक रहीं हैं. रामपुर और मुंबई से इन टोपियों को बड़ी संख्या में मंगाया जाता है क्योंकि रमजान के माह में इनकी खूब डिमांड होती है. इत्र भी लोग बड़े ही चाव से लगाते हैं. साथ ही इसे इबादत के समय सुन्नत से जोड़ा गया है. इस संबंध में शहर के नखास चौक स्थित टोपी और इतर विक्रेता अख्तर आलम का कहना है कि हर साल की अपेक्षा इस साल टोपी और इत्र के दामों में 20 से 30% की वृद्धि हुई है. इसके चलते लोग परेशान है लेकिन इबादत के लिए लोग केवल नाम मात्र की खरीदारी कर इस प्रथा को निभा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- समाजवादी पार्टी की व्यापार सभा के जिला सचिव की दबंगों ने की पिटाई, हुई मौत

खरीदार तनवीर आलम ने बताया कि टोपी का विशेष महत्व होता है. इसे सिर का ताज माना जाता है लेकिन बढ़ते दाम की वजह से खरीदारी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि 5 से 7 रुपये में बिकने वाली टोपियां आज 15 से 20 रुपये में बिक रही है. उसी तरह 100 रुपये में बिकने वाला इत्र आज 130 से 140 हो गया है. लेकिन परंपरा के अनुसार और इस्लाम प्रथा को निभाने के लिए उन्हें महंगे दामों पर इसे खरीदना पड़ रहा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

गोरखपुर: माह-ए-रमजान को पाक मां के रूप में भी जाना जाता है. इस दौरान रोजेदार पूरी शिद्दत और साफ-सफाई के साथ इबादत और लोगों की मदद में लगे रहते हैं. इस बार का रमजान रोजेदारों पर भारी पड़ रहा है क्योंकि रोजमर्रा की जरूरत की कीमतों में लगातार वृद्धि ही रही है. इसके चलते लोगों को खासा दिक्कतों का सामान भी करना पड़ रहा है. दरअसल, रमजान में टोपी और इत्र का एक विशेष महत्व है और इबादत के समय सुन्नत से जोड़ा गया है लेकिन दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई ने विभिन्न प्रकार की टोपीयों के दामों में करीब 20 से 30% का उछाल ला दिया है. वहीं, इत्र भी इससे अछूता नहीं है.

टोपी और इत्र

बाजारों में हक्कानी, ओवैसी, बरकाती, रामपुरी, बांग्लादेशी सहित तमाम तरह की रंग बिरंगी टोपियां बिक रहीं हैं. रामपुर और मुंबई से इन टोपियों को बड़ी संख्या में मंगाया जाता है क्योंकि रमजान के माह में इनकी खूब डिमांड होती है. इत्र भी लोग बड़े ही चाव से लगाते हैं. साथ ही इसे इबादत के समय सुन्नत से जोड़ा गया है. इस संबंध में शहर के नखास चौक स्थित टोपी और इतर विक्रेता अख्तर आलम का कहना है कि हर साल की अपेक्षा इस साल टोपी और इत्र के दामों में 20 से 30% की वृद्धि हुई है. इसके चलते लोग परेशान है लेकिन इबादत के लिए लोग केवल नाम मात्र की खरीदारी कर इस प्रथा को निभा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- समाजवादी पार्टी की व्यापार सभा के जिला सचिव की दबंगों ने की पिटाई, हुई मौत

खरीदार तनवीर आलम ने बताया कि टोपी का विशेष महत्व होता है. इसे सिर का ताज माना जाता है लेकिन बढ़ते दाम की वजह से खरीदारी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि 5 से 7 रुपये में बिकने वाली टोपियां आज 15 से 20 रुपये में बिक रही है. उसी तरह 100 रुपये में बिकने वाला इत्र आज 130 से 140 हो गया है. लेकिन परंपरा के अनुसार और इस्लाम प्रथा को निभाने के लिए उन्हें महंगे दामों पर इसे खरीदना पड़ रहा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.