गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर मुख्यालय में रेल कोच को नया कलेवर देने का काम शुरू हो चुका है. भारतीय रेलवे अपनी छवि को सुधारने के लिए नए-नए उपायों की तलाश कर रहा है. ऐसे में रेल डिब्बों का रंग बदलने का सुझाव रेल मंत्रालय को पसंद आया है. अब ट्रेन के कोच का रंग नीला नहीं रहेगा. कोच को सुनहरे पीले रंग में नया रूप दिया जा रहा है.
- पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर में स्थित है.
- यहां पर स्थित यांत्रिक कारखाना में इस समय नए प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
- इससे रेलवे की यात्रा करते समय यात्रियों को सुखद अनुभूति होगी.
- इसी थीम को लेकर रेलवे इस समय बोगियों के कायाकल्प में जुटा हुआ है.
यह मेल एक्सप्रेस का सुपरफास्ट ट्रेनों में लगाए जाते हैं:
- रेल अधिकारियों ने रेल डिब्बों का रंग बदलने के लिए काम करना शुरू कर दिया है.
- कई ट्रेन के डिब्बा का नीला रंग होता है. इसका मतलब यह है कि यह आईसीएफ कोच है.
- आईसीएफ कोच की स्पीड 70 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक की होती है.
- यह मेल एक्सप्रेस का सुपरफास्ट ट्रेनों में लगाए जाते हैं. भारतीय रेल में आईसीएफ कोच ही ज्यादा चलते हैं.
- इनका रंग नीला होता था, लेकिन अब इनकी जगह पीले और गहरे लाल रंग में रंगी बोगियां नजर आएंगी.
रेल के डिब्बे को नीले से पीला करने का काम शुरू
गोरखपुर के यांत्रिक कारखाने के पेंट शॉप में नीले कोचों को पीला करने का काम शुरू कर दिया गया है. इस बार जो पेंट लगाया जा रहा है वह पहले से काफी चमकीला होगा. साथ ही इस पर एंटी ग्रेफिटी कोटी लगाई जा रही है, ताकि इसका रंग तीन साल से अधिक तक ऐसे ही बरकरार बना रहे. वहीं अगर इस पर खरोच लगेगा तो इसका पेंट भी नहीं निकलेगा. जैसे-जैसे बोगियां रिपेयर होने आ रही है उनको नए रंग में रंग कर वापस भेजा जा रहा है. कुछ महीनों में सभी नीले रंग की बोगियों की जगह पीले रंग की बोगियां नजर आने लगेगी.
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मेंटेन करना होगा आसान
अधिकारियों का कहना है कि पहले से रेल के डिब्बे को मेंटेन करना आसान होगा. इसमें पीले रंग से रंगी बोगियों से यात्रियों की आंखों को सुकून के साथ कुछ नयापन देखने को मिलेगा. रेलवे हमेशा ही यात्रियों की सहूलियत के लिए नित नए-नए प्रयोगों को करता रहा है. इसी क्रम में इस प्रयोग को किया जा रहा है. आने वाले समय में लगभग सभी ट्रकों पर आपको रंगों में बोगियां देखने को मिलेंगे.