गोरखपुर: कोरोना काल में अपने बेहतरीन कार्यप्रणाली और लोगों के घरों तक राशन समेत अन्य सुविधाओं को पहुंचाकर पीएमओ की सराहना पाने वाले आईएएस अधिकारी गौरव सोगरवाल को फिर से गोरखपुर में तैनाती मिली है. आईएएस के बीते 24 घंटे में हुए तबादले में इन्हें गोरखपुर के नए नगर आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, शासन की व्यवस्था में पति-पत्नी के नौकरीशुदा होने पर एक जिले में तैनाती देने के नियम के तहत इनकी पत्नी अनुज मलिक को अपर आयुक्त गोरखपुर मंडल के साथ संभागीय खाद्य नियंत्रक की जिम्मेदारी दी गई है. गौरव सिंह सोगरवाल को नगर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है.
बता दें कि गौरव सिंह सोगरवाल जब महाराजगंज के सीडीओ थे, उस समय गोरखपुर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रहने के बाद उनका वहां तबादला हुआ था. भारतीय विद्या पीठ पुणे से 2015 में बीई इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से करने वाले गौरव सिंह राजस्थान के भरतपुर जनपद के मूल निवासी हैं. वह 2017 बैच के आईएएस हैं. दरअसल, 27 जनवरी 2020 को गोरखपुर जिले में एसडीएम सदर की जिम्मेदारी संभालते के दौरान गौरव सिंह सोगरवाल अपने कई कामों को लेकर चर्चा में रहे थे. शहर में करीब 80 एकड़ नजूल और सीलिंग की जमीन थी. जिस पर सालों से कई प्रभावशाली लोगों का कब्जा था. उस जमीन इन्होंने कब्जे से मुक्त कराया था. आईएएस सोगरवाल ने 2 दशक से अधिक समय से लंबित ताल सुमेर सागर की करीब 12 एकड़ जमीन को भी कब्जा मुक्त कराया था. इसके बाद उस जमीन पर फिर से ताल का स्वरूप दिया था.
गौरव सिंह सोगरवाल सदर तहसील में जॉइंट मजिस्ट्रेट के पद पर कार्य करते हुए कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन के समय लोगों के घरों में जरूरत के सभी सामानों की होम डिलीवरी की शुरुआत कराई थी. इसके साथ ही एक दर्जन से अधिक पोर्टल और ऐप बनाकर उसके जरिए आर्डर नोट करना और लोगों के घर तक सामान पहुंचाने की मुहिम चलवाई थी. इसके अलावा दवा से लेकर हर सामान लोगों के घर तक पहुंचा रहे थे. वहीं, किराना स्टोर संचालकों का नंबर सार्वजनिक कर उनसे भी सामान घर-घर पहुंचाने को कहा था. जिसका संज्ञान लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस व्यवस्था की तारीफ की थी.
आईएएस गौरव सिंह सोगरवाल की पत्नी अनुज मलिक गोरखपुर में ही अपर आयुक्त एवं आरएफसी का पद उन्हें एक साथ दिया गया है. इससे पूर्व अनुज मलिक एसडीएम खजनी व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सहजनवा में रहते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन बखूबी निभाया था. खाद्यान्न वितरण से लेकर खरीद की निगरानी और जिम्मेदारी इन्हें प्रशानिक व्यवस्था के साथ करनी होगी. अनुज मलिक 2017 बैच की आईएएस आफिसर हैं. उन्होंने पहली बार में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की है. वर्ष 2015 में अनुज मलिक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद दिल्ली में एक साल घर पर रहकर तैयारी की थी. वहीं, पति-पत्नी को गोरखपुर में एक साथ नई जिम्मेदारी दी गई है.