गोरखपुर : गुलरिया थाना क्षेत्र में विगत 2 अप्रैल को बीजेपी नेता और ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ रहे बृजेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उनकी संलिप्ता नहीं पाने पर उनको छोड़ दिया गया था. पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम घटना के अनावरण में लगी हुई थी. जांच-पड़ताल में रामसमुझ पुत्र हरिवंश निवासी नारायणपुर, थाना गुलरिया का नाम सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए इसको अपने साथ ले आई.
क्या है पूरा मामला-
पुलिस के अनुसार, रामसमुझ और बृजेश सिंह के परिवार से एक जमीन का विवाद कई वर्षों से चल रहा था, जिसका फैसला नहीं होने पर रामसमुझ ने अपनी जमीन बहादुर चौहान और जितेंद्र सिंह को हैंडओवर कर दिया था. इन दोनों लोगों ने योजना बनाई कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का समय आएगा, तो उसी में विजय सिंह की हत्या को अंजाम देकर पूरे मामले को चुनावी रंजिश दिखाकर पुलिस को गुमराह कर दिया जाएगा.
पंजाब के शूटरों को दी गई थी सुपारी
पुलिस ने घटना का अनावरण करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसमें बहादुर चौहान और जितेंद्र सिंह ने मिलकर अमृतसर (पंजाब) के दो शूटरों को हत्या की सुपारी दी. इन लोगों ने जमीन के पैसे से 20 पर्सेंट देने का आश्वासन दिया था और ₹8000 एडवांस देते हुए इनके आने-जाने का किराया दिया था. बृजेश सिंह को गोली मारने में सतनाम और राजवीर के साथ जितेंद्र सिंह भी शामिल था. पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इनके पास से दो तमंचा, कारतूस और घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद किया. वहीं फरार आरोपियों के ऊपर पुलिस ने 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है.
शूटरों की गिरफ्तारी के लिए लगी टीमें
इस हत्याकांड में पहले नामजद अभियुक्त बनाए गए विनय श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव और सुनील श्रीवास्तव की संलिप्तता ना होने पर उन्हें बरी कर दिया गया. फिलहाल पंजाब के दोनों शूटरों के ऊपर पुलिस ने इनाम घोषित करते हुए उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगा दी है.