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गोरखपुर: DDU में कुलाधिपति वाटिका का लोकार्पण करेंगी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल - gorakhpur university news

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर विश्वविद्यालय में पहली बार कुलाधिपति वाटिका स्थापित की गई है, जिसका लोकार्पण विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल पौधरोपण कर करेंगी.

डीडीयू में स्थापित की गई कुलाधिपति वाटिका
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Published : Oct 22, 2019, 3:02 PM IST

गोरखपुर: 23 अक्टूबर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी. विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंचेंगी. इस दौरान परिसर में पहली बार स्थापित की गई कुलाधिपति वाटिका में आंवला का पौधरपोरण कर इस वाटिका को विश्वविद्यालय को समर्पित करेंगी.

डीडीयू में स्थापित की गई कुलाधिपति वाटिका.
भारतीय परंपरा और हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस समय कार्तिक का महीना चल रहा है, जिसमें आंवले के पौधे का रोपण किया जाना, इसके वृक्ष के नीचे भोजन करना, आंवले के फल का सेवन करना कई मायने में लाभकारी माना गया है.

ऐसा माना जा रहा है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इसलिए विश्वविद्यालय की इस अनूठी कृति में पौधरोपण की शुरुआत करने की जहां पहली अधिकारी होंगी, वहीं आंवले का पौधा लगाकर वह बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगी.

यह भी पढ़ें:- ललितपुरः कुएं में तैरता मिला महिला समेत चार बच्चों का शव

कुलाधिपति वाटिका प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में बनाई जाने वाली पहली वाटिका होगी. राज्यपाल के हाथों इस वाटिका में पौधे का रोपण किया जाएगा. इस वाटिका के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ वृक्षारोपण को बढ़ावा मिलेगा.
-प्रो. वीके सिंह, कुलपति, डीडीयू

गोरखपुर: 23 अक्टूबर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी. विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंचेंगी. इस दौरान परिसर में पहली बार स्थापित की गई कुलाधिपति वाटिका में आंवला का पौधरपोरण कर इस वाटिका को विश्वविद्यालय को समर्पित करेंगी.

डीडीयू में स्थापित की गई कुलाधिपति वाटिका.
भारतीय परंपरा और हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस समय कार्तिक का महीना चल रहा है, जिसमें आंवले के पौधे का रोपण किया जाना, इसके वृक्ष के नीचे भोजन करना, आंवले के फल का सेवन करना कई मायने में लाभकारी माना गया है.

ऐसा माना जा रहा है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इसलिए विश्वविद्यालय की इस अनूठी कृति में पौधरोपण की शुरुआत करने की जहां पहली अधिकारी होंगी, वहीं आंवले का पौधा लगाकर वह बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगी.

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कुलाधिपति वाटिका प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में बनाई जाने वाली पहली वाटिका होगी. राज्यपाल के हाथों इस वाटिका में पौधे का रोपण किया जाएगा. इस वाटिका के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ वृक्षारोपण को बढ़ावा मिलेगा.
-प्रो. वीके सिंह, कुलपति, डीडीयू

Intro:गोरखपुर। 23 अक्टूबर 2019 को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी। विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में बतौर अध्यक्ष शिरकत करने आ रहीं प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस दौरान परिसर में पहलीबार स्थापित हो रही कुलाधिपति वाटिका में आंवला का पौधरपोरण कर इस वाटिका को विश्वविद्यालय को समर्पित करेंगी और फिर दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। इस विषय की विशेष तौर पर ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 वीके सिंह ने बताया कि कुलाधिपतियों के यहां आने का यह वाटिका अद्भुत उदाहरण होगा।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।... exclusive hai..


Body:भारतीय परंपरा और हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस समय कार्तिक का महीना चल रहा है। जिसमें आंवले के पौधे का रोपण किया जाना, इसके वृक्ष के नीचे भोजन करना, आंवले के फल का सेवन करना कई मायने में लाभकारी माना गया है। ऐसा माना जा रहा है कि कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल इसीलिए विश्वविद्यालय की इस अनूठी कृति में पौधरोपण की शुरुआत करने की जहां पहली अधिकारी होंगी वही आंवले का पौधा लगाकर वह बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगी। इस वाटिका को आनन-फानन में तैयार कराया जा रहा है जो 23 अक्टूबर को उद्घाटन से पहले पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।

बाइट--प्रो0--वीके सिंह, कुलपति, डीडीयू
बाइट--मान सिंह, वाटिका का कर्ता-धर्ता


Conclusion:कुलाधिपति वाटिका प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में बनाई जाने वाली पहली वाटिका होगी। गोरखपुर विश्वविद्यालय ने इसे इस उद्देश्य से बनाया है कि जब भी प्रदेश के कुलाधिपति/ राज्यपाल का गोरखपुर विश्वविद्यालय में आगमन होगा तो उनके हाथों इस वाटिका में एक पौधे का रोपण किया जाएगा।जिससे इस वाटिका की शोभा तो बढ़ेगी ही ऐसी महान विभूतियों की उपस्थिति और मौजूदगी का एहसास भी वाटिका कराती रहेगी। वाटिका लगाने के साथ जहां पर्यावरण संरक्षण के साथ वृक्षारोपण को बढ़ावा मिलेगा तो इसकी ओर आकर्षित होने वाले लोग राज्यपाल जैसे पद को सुशोभित करने वाले लोगों की सोच से भी उत्साहित और प्रभावित होंगे।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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