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गोरखपुर की छात्राएं जानेंगी 'गुड टच और बैड टच' में अंतर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 'मीना मंच' के माध्यम से छात्राओं को बाल अधिकार और आत्मरक्षा के मामले में प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके तहत सभी छात्राओं को शिक्षा से वंचित बच्चों को जोड़ने के लिए अभियान चलाने के लिये प्रेरित भी किया जाएगा.

सरकार छात्राओं को करेगी जागरुक.
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Published : Jul 22, 2019, 7:58 PM IST

गोरखपुर: बढ़ते अपराध को देखते हुए प्राथमिक स्कूल की छात्राओं को 'गुड टच और बैड टच' की जानकारी दी जाएगी. छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी मुहिम चलाने के लिए सरकार उन्हें जागरूक करने जा रही है. यह पहल 'मीना मंच' के माध्यम से की जाएगी, जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के पढ़ने वाली छात्राओं को शामिल किया जाएगा. गोरखपुर के प्राथमिक स्कूलों में इसके गठन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है.

सरकार छात्राओं को करेगी जागरुक.

सरकार छात्राओं को करेगी जागरुक

  • 'मीना मंच' के माध्यम से छात्राओं को बाल अधिकार और आत्मरक्षा के मामले में प्रशिक्षित किया जाएगा.
  • सभी छात्राओं को शिक्षा से वंचित बच्चों को जोड़ने के लिए अभियान चलाने के लिये भी प्रेरित किया जाएगा.
  • हर महीने के अंतिम शनिवार को इसके लिये एक बैठक की जाएगी.
  • इसमें सृजनात्मक लेखन, डिबेट, चित्रकला, नाटक, कहानी के माध्यम से विचार-विमर्श किया जाएगा.
  • जिले के बीएसए ने इसे एक बेहतरीन प्रयास बताया.
  • प्रधानाचार्य ने बताया कि इन बच्चियों के माध्यम से समाज में फैली हुई गंभीर बीमारियों और स्वच्छता अभियान जैसे मुद्दों को भी उनके घर के आस-पास पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.

गोरखपुर: बढ़ते अपराध को देखते हुए प्राथमिक स्कूल की छात्राओं को 'गुड टच और बैड टच' की जानकारी दी जाएगी. छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी मुहिम चलाने के लिए सरकार उन्हें जागरूक करने जा रही है. यह पहल 'मीना मंच' के माध्यम से की जाएगी, जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के पढ़ने वाली छात्राओं को शामिल किया जाएगा. गोरखपुर के प्राथमिक स्कूलों में इसके गठन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है.

सरकार छात्राओं को करेगी जागरुक.

सरकार छात्राओं को करेगी जागरुक

  • 'मीना मंच' के माध्यम से छात्राओं को बाल अधिकार और आत्मरक्षा के मामले में प्रशिक्षित किया जाएगा.
  • सभी छात्राओं को शिक्षा से वंचित बच्चों को जोड़ने के लिए अभियान चलाने के लिये भी प्रेरित किया जाएगा.
  • हर महीने के अंतिम शनिवार को इसके लिये एक बैठक की जाएगी.
  • इसमें सृजनात्मक लेखन, डिबेट, चित्रकला, नाटक, कहानी के माध्यम से विचार-विमर्श किया जाएगा.
  • जिले के बीएसए ने इसे एक बेहतरीन प्रयास बताया.
  • प्रधानाचार्य ने बताया कि इन बच्चियों के माध्यम से समाज में फैली हुई गंभीर बीमारियों और स्वच्छता अभियान जैसे मुद्दों को भी उनके घर के आस-पास पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.
Intro:गोरखपुर। प्राथमिक स्कूल के बच्चियों को 'गुड टच और बैड टच' की जानकारी देने के साथ आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी मुहिम चलाने के लिए सरकार उन्हें जागरूक करने जा रही है। यह पहल 'मीना मंच' के माध्यम से किया जाएगा जिसमें कक्षा 3 से 5 तक पढ़ने वाली बच्चों को शामिल किया जाएगा। गोरखपुर के 2151 प्राथमिक स्कूलों में इसके गठन की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद इस कार्य में तेजी आने की संभावना है। यह पहला अवसर है जब प्राथमिक विद्यालयों में भी मंच सक्रिय होगा। जिससे उनकी अभिव्यक्ति क्षमता विकसित होगी। इसके पहले यह जूनियर हाई स्कूल स्तर पर पिछले वर्ष शुरू किया गया था।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:मंच के बच्चे बाल अधिकार और आत्मरक्षा के मामले में प्रशिक्षित तो किए जाएंगे ही इसके साथ ही सभी बालिकाओं को शिक्षा से छूटे बच्चों को जोड़ने के लिए अभियान चलाने को भी प्रेरित किया जाएगा। हर महीने के अंतिम शनिवार को इसकी एक बैठक होगी। जिसमें सृजनात्मक लेखन, डिबेट, चित्रकला, नाटक, कहानी के माध्यम से विचार विमर्श किया जाएगा। जिले के बीएसए जहां इसे एक बेहतरीन प्रयास बता रहे हैं तो स्कूल की प्रधानाचार्य ने बताया कि इन बच्चियों के माध्यम से समाज में फैली हुई गंभीर बीमारियों और स्वच्छता अभियान जैसे मुद्दों को भी उनके घर के आसपास पहुंचाने की कोशिश होगी जिससे लोग जागरूक हो सकें।

बाइट--बीएन सिंह, बीएसए
बाइट--सरिता दुबे, प्रधानाचार्या, अलहदादपुर प्राथमिक विद्यालय


Conclusion:मीना मंच प्राथमिक स्कूलों तक जूनियर हाई स्कूलों में मिली सफलता के बाद लागू किया जा रहा है। पठन-पाठन के साथ बच्चियों को बोलचाल में निपुण बनाने के साथ समाज के बीच उनकी सक्रियता को बढ़ाने को लेकर यह प्रयास है। एक समूह के माध्यम से जब बच्चे इकट्ठा होंगे तो उनके अंदर नेतृत्व की भावना भी विकसित होगी तो सहयोग की भी भावना बढ़ेगी। अच्छा कार्य करने पर समूह सम्मानित भी किया जाएगा। 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' जैसे अभियान के बीच 'मीना मंच' भी बेटियों के लिए एक मजबूत मंच बनकर उभरेगा ऐसी उम्मीद शिक्षा विभाग लगा बैठा हैं।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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