गोरखपुर: 'यह आकाशवाणी का गोरखपुर केंद्र है... आप सभी का आकाशवाणी केंद्र गोरखपुर में स्वागत है... अब आप सुनेंगे खबरें विस्तार से...' अभी तक ये आवाज हम लोग गोरखपुर आकाशवाणी केंद्र से सुनते आ रहे हैं, लेकिन अब यह प्रसारण आज से पूरी तरह बंद हो रहा है. महानिदेशालय के एक निर्देश के बाद यह फैसला हुआ है. करीब 46 सालों से आप लोगों के ज्ञान और मनोरंजन केंद्र बंद हो रहा है.
महानिदेशालय से आए निर्देश
जिस ट्रांसमिशन सेंटर को बंद किया जा रहा है, वह 100 किलोवाट का मीडियम वेव ट्रांसमीटर है. इसकी उपयोगी मशीनों को महानिदेशालय के निर्देश पर ट्रांसमीटर मेंटेनेंस विभाग अपने हिसाब से उपयोग करेगा. गोरखपुर आकाशवाणी केंद्र के केंद्राध्यक्ष राहुल सिंह ने बताया कि ट्रांसमीटर को बंद करने का निर्देश महानिदेशालय से प्राप्त हुआ है. जिसका अनुपालन कराया जाएगा. दरअसल आकाशवाणी के ट्रांसमीटर की सभी मशीनें अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं. जिसकी वजह से प्रसारण में लंबे समय से दिक्कत आ रही थी.
2018 में जब ट्रांसमीटर पूरी तरह जवाब दे दिया तो मोबाइल ट्रांसमीटर के जरिए प्रसारण किया जा रहा था. फिलहाल केंद्र अध्यक्ष ने कहा कि महानिदेशालय आगे किस तरह का निर्णय लेता है उसका इंतजार करना होगा. नया या उच्च क्षमता का ट्रांसमीटर यहां स्थापित होगा कि नहीं इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.
नेपाल तक गूंजती थी आवाज
आकाशवाणी गोरखपुर के 100 किलोवाट ट्रांसमीटर की स्थापना 2 अक्टूबर 1972 को हुई थी और प्रसारण की शुरुआत 6 अक्टूबर 1974 को हुई थी. तब यहां से लखनऊ आकाशवाणी के प्रस्तुतकर्ता अरुण श्रीवास्तव की आवाज पहली बार इस पर गूंजी थी. यह 303.03 मीटर यानि 909 किलोहर्ट्ज पर आकाशवाणी का गोरखपुर केंद्र हैं. पहले इसकी क्षमता करीब 100 किलोमीटर के दायरे में थी, लेकिन आगे चलकर इसने अपने प्रयोग के साथ पूरे उत्तर भारत के अलावा नेपाल तक अपनी पहुंच बना ली.