गोरखपुर: गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जोड़ने वाले गोरखपुर- लिंक एक्सप्रेस वे का काम दिसंबर माह में अति शीघ्र शुरू होने वाला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसके लिए जिले में किसानों से करीब 563 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के नाम की जानी है, जिसमें करीब 435 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है. करीब 85 फीसदी से अधिक जमीन की रजिस्ट्री हो जाने के बाद इस लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने यह एक्सकलुसिव जानकारी ईटीवी भारत से खास बातचीत में दी.
दिसंबर माह में किसी भी दिन शुरू हो सकता है एक्सप्रेस-वे का काम
लिंक एक्सप्रेस- वे का निर्माण 15 दिसंबर से शुरू हो जाना था, लेकिन निर्माण करने वाली संस्था के आने में देरी से यह दिसंबर माह में किसी भी दिन शुरू हो सकता है. गोरखपुर में औद्योगिक विकास के लिए सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से गोरखपुर को जोड़ने के लिए इसके दोनों ओर औद्योगिक गलियारा बनाने का निर्णय लिया है. इसके तहत लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर के 222 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. 91.35 किलोमीटर लंबे इस लिंक एक्सप्रेस वे पर करीब 25 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह एक्सप्रेस-वे गोरखपुर में जैतपुर से होते हुए अंबेडकरनगर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से मिलेगा. इसके लिए गोरखपुर, आजमगढ़, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर के 169 गांव की 1018.15 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है. इसमें सबसे ज्यादा 563 हेक्टेयर जमीन गोरखपुर की है.
इस बारे में डीएम क्या कहते हैं डीएम
किसानों की अधिग्रहित की गई जमीन के बदले सरकार ने 640 करोडं रुपए मुआवजे के रूप में पहले ही जारी कर दिया था, जिसमें 60 करोड़ रुपए स्टांप और करीब दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री पर खर्च हुए. डीएम के विजयेंद्र पांडियन ने कहा है कि बाकी जमीनों का अधिग्रहण भी जल्द ही पूरा हो जाएगा और निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा. लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण में अब कोई बाधा नहीं है. डीएम ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण हो जाने के बाद सरकार गोरखपुर में औद्योगिक माहौल को तैयार करने में जुटेगी, क्योंकि इसके निर्माण के पीछे उद्योगों की स्थापना और रोजगार सृजन योगी सरकार की पहली प्राथमिकता है.