गोरखपुर: सरकारी नौकरियों में निषादों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर 7 मई 2015 को गोरखपुर-संत कबीर नगर की सीमा पर स्थित कसरवल में हजारों लोगों की भीड़ के साथ, रेलवे ट्रैक को जाम करने और इसके बाद हुए बड़े आंदोलन में निषाद समुदाय के एक युवक की जान गंवाने के बाद, पुलिस के साथ हुई आंदोलनकारियों की मारपीट में, आरोपी बनाए गए मौजूदा समय में निषाद पार्टी के सदस्य महेंद्र निषाद को आज गोरखपुर की कोर्ट ने पेशी के बाद जेल भेज दिया. यह आंदोलन मौजूदा योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद के नेतृत्व में हुआ था, जिसमें डॉक्टर निषाद भी आरोपी बनाए गए हैं. अभी पिछले माह ही उनकी गोरखपुर कोर्ट में पेशी हुई थी, लेकिन मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर होने के बाद फिलहाल उनके मामले में अभी कोई फैसला कोर्ट ने नहीं किया है.
निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील चंद साहनी ने बताया है कि 7 मई 2015 में हुई कसरवल की घटना में जेल भेजे गए महेंद्र निषाद पुत्र स्वर्गीय अमरनाथ निषाद, निवासी खजुराहो, थाना बखिरा, जिला संतकबीरनगर जो प्रदेश उपाध्यक्ष निषाद पार्टी का है. उसे न्यायालय द्वारा बार-बार वारंट जारी किया जा रहा था पर वह न्यायालय में पेश नहीं हो रहा था, जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. आज बुधवार को वह न्यायालय में हाजिर हुआ. न्यायालय ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अभियुक्त को जेल भेज दिया.
यह वही कसरवल कांड है जिसमें आरोपी लोग मौजूदा निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद के अगुवाई में आज भी हैं और न्यायालय में पेशी की तारीख पर नहीं आ रहे थे. वह यह भी कहते थे कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर साहब हैं तो न्यायालय में कुछ नहीं होगा, लेकिन आज न्यायालय में पेश होते ही न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया. इस घटना ने यह बताया कि न्यायालय से बढ़कर कोई नहीं है.
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