गोरखपुरः रविवार को अकीदतमंदों ने दूसरा रोजा रखा. रोजा रखने में बड़ों से ज्यादा बच्चों में रुचि देखने को मिली. लॉकडाउन के दौरान सभी लोग अपने घरों में रहकर इबादत कर रहे हैं. जिले में छोटे-छोटे बच्चों ने रोजा रखा और इफ्तार के बाद देश को कोरोना वायरस से निजात दिलाने की दुआ मांगी.
जनपद के ग्राम बैलो निवासी मोहम्मद रफीउल्ला अन्सारी की पांच वर्षीय पुत्री हनफिया मोहम्मदिया ने अपने जीवन का पहला रोजा रखा. हनमिया के माता पिता उस पर गर्व महसूस कर रहे है. वहीं जनपद की ग्राम सभा समदारखुर्द निवासी मेराज अहमद की छह वर्षीय पुत्री जोया खातून ने भी रमजान का पहला और दूसरा रोजा रखकर एक मिसाल पेश की. जो स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
रियाजुद्दीन अन्सारी का नौ वर्षीय पुत्र फैजान रजा ने भी रमजान का पहला और दूसरा रोजा रखा. इन बच्चों के परिजनों ने बताया रमजान का पहला और दूसरा रोजा करीब 15 घंटे का होता है, जो बड़ों के लिए रखना भी एक कड़ी चुनौती होता है. इन बच्चों ने रोजा रखकर बड़ा ही सराहनीय काम किया है. बच्चों ने इफ्तार के बाद दुनिया को कोरोना वायरस से निजात दिलाने की दुआ मांगी.